सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसकी मदद से पेट और छोटी आंत के बीच एक बाईपास (वैकल्पिक मार्ग) बनाया जाता है। इस सर्जरी को आमतौर पर पेट में रुकावट होने पर या पेट का कोई हिस्सा हटाने (ट्यूमर के मामलों में) पर किया जाता है। जब पेट और ड्यूडेनम (छोटी आंत का शुरुआती हिस्सा) के बीच रास्ता बनाया जाता है, तो इस सर्जिकल प्रक्रिया को गैस्ट्रोड्यूडेनोस्टॉमी कहा जाता है। इसके अलावा यदि पेट और जेजुनम (ड्यूडेनम से अगला हिस्सा) के बीच में रास्ता बनाया जाता है, तो इसे गैस्ट्रोजेजुनोस्टॉमी कहा जाता है।

सर्जरी से एक दिन पहले आपको अस्पताल में भर्ती किया जाता है और आपका एनिमा किया जाता है, ताकि पेट में मौजूद सामग्री को खाली किया जा सके। यह सर्जरी करने के लिए जनरल एनेस्थीसिया दी जाती है, जिससे आपको गहरी नींद आ जाती है और आपको सर्जरी प्रक्रिया के दौरान कुछ भी महसूस नहीं होता है। गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी को कन्वेंश्नल मेथड और लेपरोस्कोपिक मेथड दो तरीकों से किया जाता है। कन्वेंश्नल मेथड में बड़ा चीरा लगाया जाता है, जबकि लेपरोस्कोपिक मेथड में छोटा चीरा लगाया जाता है। सर्जरी के दो हफ्तों बाद डॉक्टर आपको फिर से अस्पताल बुला सकते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सर्जरी से कोई समस्या तो नहीं हुई है।

(और पढ़ें - गैस्ट्रोटोमी क्या है)

  1. गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी क्या है - What is Gastroenterostomy in Hindi
  2. गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी किसलिए की जाती है - Why is Gastroenterostomy done in Hindi
  3. गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी से पहले - Before Gastroenterostomy in Hindi
  4. गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के दौरान - During Gastroenterostomy in Hindi
  5. गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के बाद - After Gastroenterostomy in Hindi
  6. गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी की जटिलताएं - Complications of Gastroenterostomy in Hindi
गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के डॉक्टर

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी किसे कहते है?

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी एक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमें पेट और छोटी आंत के बीच में एक अन्य रास्ता बनाया जाता है, जिसकी मदद पेट में मौजूद भोजन आंत तक जाता है।

छोटी आंत एक लंबी व पतली नली है, जिसका एक सिरा पेट से और दूसरा सिरा बड़ी आंत से जुड़ा होता है। छोटी आंत तीन हिस्सों से मिलकर बनी होती है, जिन्हें ड्यूडेनम, जेजुनम और इलियम कहा जाता है। ड्यूडेनम छोटी आंत का पहला हिस्सा है, जो पेट के अंतिम हिस्से से शुरू होता है। जेजुनम अगला हिस्सा होता है और इलियम तीसरा हिस्सा होता है।

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के दौरान यदि पेट से ड्यूडेनम तक बाइपास बनाया जाता है, तो इस सर्जिकल प्रोसीजर को गैस्ट्रोड्यूडेनोस्टॉमी कहा जाता है। इसके अलावा यदि बाइपास जेजुनम तक बनाया जाता है, तो सर्जिकल प्रोसीजर को गैस्ट्रोजेजुनोस्टॉमी कहा जाता है।

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी आमतौर पर तब ही की जाती है, जब पेट के किसी हिस्से को हटा दिया जाता है या फिर जब ट्यूमर के कारण पाचन तंत्र में रुकावट आ जाती है। इस सर्जरी की मदद से कार्यप्रणाली को बनाए रखने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी क्यों की जाती है?

स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हैं, जिनके होने पर गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी की जा सकती है। इन स्थितियों के बारे में नीचे बताया गया है -

पेट में ट्यूमर होना, जिसके लक्षणों में निम्न शामिल है -

पेरियमपुलरी ट्यूमर (ड्यूडेनम में ट्यूमर होना), इससे निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -

इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियां भी हैं, जिनके कारण गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी की जा सकती है -

  • इसके अलावा पेप्टिक अल्सर के मरीजों में भी पेट की सामग्री को शरीर से बाहर निकालने के लिए इस सर्जरी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे वेगोटॉमी
  • किसी सर्जरी से पेट का हिस्सा हटा देने के बाद पाचन प्रणाली को बनाए रखने के लिए।
  • अधिक गंभीर मोटापे का इलाज करने के लिए भी गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी की जा सकती है। गंभीर मोटापा होने के कारण सामान्य शारीरिक गतिविधियां करने में परेशानी होने लगती हैं।

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी किसे नहीं करवानी चाहिए?

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी करवाने से कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें निम्न मुख्य हैं -

  • गंभीर हाईपोएलब्युमेनिया (रक्त में एल्बुमिन का स्तर कम होना) (और पढ़ें : एल्बुमिन टेस्ट क्यों किया जाता है?)
  • कैंसरकारी कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाने के कारण जीवन प्रत्याशा बहुत कम हो जाना।

(और पढ़ें - पेट में कैंसर के लक्षण)

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी की तैयारी कैसे करें?

सर्जरी से कुछ दिन पहले डॉक्टर आपको अस्पताल में बुलाएंगे, जिस दौरान आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है। अस्पताल में डॉक्टर आपके कुछ टेस्ट व इमेजिंग स्कैन करेंगे, जिनमें निम्न शामिल हैं -

सर्जरी से पहले आपको कुछ विशेष दिशा-निर्देश देंगे, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • डॉक्टर आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं व अन्य उत्पादों के बारे में पूछेंगे।
  • यदि आप रक्त को पतला करने वाली दवाएं जैसे एस्पिरिन, वार्फेरिन और आइबूप्रोफेन ले रहे हैं, तो उन्हें कुछ समय के लिए छोड़ देने की सलाह दी जा सकती है।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो सर्जरी से कुछ समय पहले उन्हें भी छोड़ने की सलाह दी जा सकती है।
  • सर्जरी वाले दिन आधी रात के बाद आपको खाली पेट रहने की सलाह दी जा सकती है। हालांकि, यदि आप बिना खाए-पिए नहीं रह सकते हैं, तो डॉक्टर कुछ विशेष आहार या दवाएं भी दे सकते हैं। खाली पेट रहने से सर्जरी के दौरान उल्टी होने का खतरा कम हो जाता है। (और पढ़ें : खाली पेट क्या नहीं खाना चाहिए)
  • डॉक्टर आपको अपने साथ करीबी मित्र या रिश्तेदार को लाने को कहेंगे, ताकि सर्जरी के बाद वे आपको घर ले जा सकें।
  • यदि आपने कोई आभूषण पहना है, तो सर्जरी के लिए जाने से पहले ही उन्हें उतार दें।
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए सहमति पत्र को एक बार अच्छे से पढ़ लें और फिर उसपर हस्ताक्षर करें।

(और पढ़ें - शराब कैसे छुड़ाएं)

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी कैसे की जाती है?

आपको सर्जरी से एक दिन पहले अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है। भर्ती होने के बाद आपको एक विशेष गाउन दिया जाता है, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। इसके बाद आपकी नाक के माध्यम से पेट में एक विशेष ट्यूब डाली जाती है, जिसकी मदद से पेट में मौजूद सामग्री को खाली कर दिया जाता है। यदि शरीर में किसी पोषक तत्व या अन्य किसी चीज की कमी है, तो विशेष द्रवों की मदद से उन्हें पूरा किया जाता है। सर्जरी के समय आपको ऑपरेशन रूम ले जाया जाता है। गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के दौरान आमतौर पर निम्न प्रक्रियाएं की जाती हैं -

  • डॉक्टर आपको पीठ के बल लेटकर बाहों को फैलाने के लिए कहेंगे।
  • एंटीसेप्टिक की मदद से डॉक्टर आपकी उस त्वचा को साफ करेंगे, जहां चीरा लगाना है।
  • आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाएगा, जिससे आपको गहरी नींद आ जाएगी। (और पढ़ें - इंजेक्शन कैसे लगाते हैं)
  • आपके ब्लैडर में एक ट्यूब डाली जाएगी ताकी सर्जरी के दौरान आपका पेशाब निकलता रहे।
  • सर्जरी के दौरान संक्रमण की रोकथाम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाएंगी।
  • सर्जन आपके पेट के बीच पसलियों से लेकर पेट के निचले हिस्से तक एक चीरा लगाएंगे।
  • चीरा लगने के बाद पेट के प्रभावित हिस्से को काटकर शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है और साथ ही साथ यह भी ध्यान रखा जाता है कि आसपास की रक्त वाहिकाएं प्रभावित न हो पाएं।
  • इसके बाद सर्जन बचे हुए पेट के हिस्से को ड्यूडेनम से जोड़कर टांके लगा देते हैं।
  • अंत में चीरे को बंद करके टांके लगा दिए जाते हैं।

(और पढ़ें - टांके कैसे लगाते हैं)

गैस्ट्रोजेजुनोस्टॉमी में सर्जन पेट के प्रभावित भाग को काट कर अलग कर देते हैं। इसके बाद पेट के बचे हुए हिस्से को जेजुनम से जोड़ दिया जाता है।

ये सर्जिकल प्रक्रियाएं लेप्रोस्कोपिक तरीकों से भी की जा सकती हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में सर्जन एक छोटा सा चीरा लगाते हैं, जिसकी मदद से लेप्रोस्कोप नामक उपकरण को शरीर में डाला जाता है। गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के कन्वेश्नल मेथड की तुलना में लेप्रोस्कोपी मेथड में मरीज को कम समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है, दर्द कम होता है, चीरा छोटा होने के कारण निशान भी छोटा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

जब आप सर्जरी के बाद उठते हैं, आप थकानकमजोरी महसूस करते हैं। साथ ही इस दौरान आपको गले में दर्द, मुंह सूखना और बेचैनी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। ये सभी लक्षण एनेस्थीसिया से होने वाले साइड इफेक्ट होते हैं। मेडिकल स्टाफ आपको एक विशेष स्टॉकिन्ग पहनने के लिए दे सकते हैं, जो रक्त के थक्के जमने से बचाती है।

(और पढ़ें - टॉन्सिल के घरेलू उपाय)

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी के बाद क्या देखभाल करें

जब सर्जरी के बाद आप घर पहुंच जाते हैं, तो आपको कुछ खास देखभाल रखनी पड़ती है, जिनमें निम्न शामिल है -

घाव को सूखा व साफ रखें। आपको सर्जरी वाले घाव को ऊपर से पट्टी बांध कर रखनी पड़ सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में सर्जन 24 घंटों के बाद पट्टी को उतारने या बदलने की सलाह दे सकते हैं। पट्टी को गंदी या गीली होने से बचाना जरूरी है। घाव के आसपास की त्वचा को गुनगुने पानी और हल्के साबुन के साथ साफ कर सकते हैं।

सर्जरी होने के 2 दिन बाद आपको नहाने की अनुमति दी जा सकती है। तैराकी करने या बाथटब में नहाने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य पूछ लें। घाव गीला होने पर उसे तौलिया या किसी कपड़े से रगड़ें नहीं, इसकी बजाय किसी नरम कपड़े से हल्के-हल्के दबा कर गीलापन सोख लें। खांसने या छींकने के दौरान अपने घाव के ऊपर एक नरम तौलिया रखकर हल्का दबाव दें, ताकि टांके हिल न पाएं। (और पढ़ें - घाव सुखाने के घरेलू उपाय)

  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द निवारक दवाएं, एंटीबायोटिक और लैक्सेटिव को ध्यापूर्वक और समयानुसार लेते रहें।
  • सर्जन द्वारा बताई गई डाइट लेते रहें, जिसमें आपको शुरूआत में नरम और हल्के आहार दिए जाते हैं और फिर धीरे-धीरे ठोस आहार देना शुरू किया जाता है।
  • कब्ज से बचाव रखने के लिए डॉक्टर आपको रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और फाइबर से भरपूर आहार लेने की सलाह देते हैं।
  • सर्जरी होने के छह हफ्तों बाद तक आपको कोई भारी वस्तु उठाने से मना किया जाता है। डॉक्टर की अनुमति के अनुसार ही आपको धीरे-धीरे चलना-फिरना शुरू करना है।
  • जब आप सर्जरी से पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं और आपको किसी प्रकार का कोई दर्द महसूस नहीं होता, तो डॉक्टर आपको गाड़ी चलाने की सलाह दे सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी समस्या महसूस होती है, तो डॉक्टर से मिल लें -

(और पढ़ें - त्वचा पर चकत्तों के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

सर्जरी के साथ कुछ जोखिम व जटिलताएं देखी जा सकती हैं। पेरिटोनाइटिस गैस्ट्रोएंटरोस्टॉमी से होने वाली मुख्य जटिलताओं में से एक है, जिसमें पेट में मौजूद ऊतकों से बनी एक परत में सूजन व लालिमा आ जाती है।

इसके अलावा कुछ लोगों को सर्जरी के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली एनेस्थीसिया से भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे -

(और पढ़ें - ब्रेन कैंसर का इलाज)

Dr. Paramjeet Singh.

Dr. Paramjeet Singh.

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Nikhil Bhangale

Dr. Nikhil Bhangale

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr Jagdish Singh

Dr Jagdish Singh

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Deepak Sharma

Dr. Deepak Sharma

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Seattle Children's [Internet]. Seattle Children's Hospital. Washington DC. US; How the Small Intestine Works
  2. Clavien P-A, Sarr MG, Fong Y, Miyazaki M. Atlas of upper gastrointestinal and hepato-pancreato-biliary surgery. 2nd ed. Berlin: Springer; 2016. Chapter 28, laparoscopic and conventional gastroenterostomy; p. 247–254.
  3. American Cancer Society [Internet]. Georgia. US; Signs and Symptoms of Stomach Cancer
  4. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Ampullary Cancer
  5. Rabben H-L, Zhao C-M, Hayakawa Y, Wang TC, Chen D. Vagotomy and gastric tumorigenesis. Curr Neuropharmacol. 2016 Nov;14(8):967–972. PMID: 26791481.
  6. University of Rochester Medical Center [Internet]. University of Rochester. New York. US; What is Morbid Obesity?
  7. National Health Service [Internet]. UK; Having an operation (surgery)
  8. Great Ormond Street Hospital for Children [Internet]. NHS Foundation Trust. National Health Service. UK; [link[
  9. Radiological Society of North America (RSNA) [internet]. Oak Brook. Illinois. USA; Computed Tomography
  10. Hernandez A, Sherwood ER. Anesthesiology principles, pain management, and conscious sedation. In: Townsend CM Jr, Beauchamp RD, Evers BM, Mattox KL, eds. Sabiston Textbook of Surgery. 20th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 14
  11. Cohen NH. Perioperative management. In: Miller RD, ed. Miller’s Anesthesia. 8th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders; 2015:chap 3
  12. Michigan Medicine [internet]. University of Michigan. US; Instructions following abdominal surgery
  13. Cardiovascular and Interventional Radiological Society of Europe [Internet]. Vienna. Austria; Gastrojejunostomy
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ