गैस्ट्रेक्टमी कैसे की जाती है?
जब आपको सर्जरी करने के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है, तो आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जाती है, जिसे “हॉस्पिटल गाउन” कहा जाता है। आपकी टांगों में कम्प्रेशन स्टॉकिन्ग पहना दी जाती है, ताकि आपकी टांगों में रक्त के थक्के न जम पाएं। इसके बाद आपको ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाएगा और आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर इंट्रावेनस लाइन शुरू की जाती है। आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको कुछ महसूस नहीं होता है।
इसके अलावा निम्न ट्यूब भी डाली जाती हैं -
- नैसोगैस्ट्रिक ट्यूब को आपकी नाक के माध्यम से पेट तक डाला जाता है, जिसकी मदद से पेट को खाली किया जाता है।
- पेशाब को निकालने के लिए ब्लैडर में कैथेटर लगाया जाता है, जिसे एक थैली से जोड़ दिया जाता है, ताकि पेशाब साथ ही साथ निकलकर थैली में जमा होता रहे।
- मुंह के माध्यम से एक ट्यूब को फेफड़ों तक पहुंचाया जाता है, जो आपको सांस लेने में मदद करती है।
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गैस्ट्रेक्टमी को ओपन व लेप्रोस्कोपी दोनों सर्जिकल प्रक्रियाओं से किया जा सकता है, जिनके बारे में निम्न बताया गया है -
- ओपन सर्जरी -
इसमें सर्जन पेट में एक बड़ा चीरा लगाते हैं। इस चीरे के अंदर से उपकरणों व हाथों को डालकर पेट के हिस्से या पूरे पेट को काट कर निकाला जाता है। सर्जरी के बाद चीरे को बंद करके टांके या स्टेपल लगा दिए जाते हैं।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी -
इस सर्जरी प्रोसीजर में सर्जन पेट के ऊपर कई छोटे-छोटे चीरे लगाते हैं। इनमें से एक चीरे में लेप्रोस्कोप डाला जाता है, जिसके सिरे पर रौशनी व कैमरा लगा होता है और यह अंदरूनी हिस्सों को बाहर स्क्रीन पर दिखाता है। बाकी अन्य चीरों में सर्जन अन्य सर्जरी करने वाले ऊपकरण डालते हैं और बाहर स्क्रीन पर देखते हुए सर्जरी करते हैं।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी आमतौर पर चार प्रकार की होती है, जो निम्न हैं -
- टोटल गैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जिकल प्रक्रिया में डॉक्टर पूरे पेट को ही निकाल देते हैं और भोजन नली को सीधे छोटी आंत से जोड़ देते हैं। यदि यह सर्जरी कैंसर के लिए की जानी है, तो फिर पेट के आस-पास के लिम्फ नोड और ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है।
- सबटोटल गैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जरी प्रोसीजर में पेट के किसी एक हिस्से को ही निकाला जाता है। इसमें आमतौर पर पेट के निचले हिस्से को ही निकाला जाता है। टोटल गैस्ट्रेक्टमी की तरह ही यदि यह सर्जरी कैंसर के लिए की जा रही है, तो निकाले गए हिस्से के साथ उसके आस-पास वाले लिम्फ नोड और ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है।
- इसोफेगोगैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जिकल प्रोसीजर में पेट के ऊपरी हिस्से के साथ-साथ उससे जुड़े भोजन नली के कुछ हिस्से को भी निकाल देते हैं।
- स्लीव गैस्ट्रेक्टमी -
इस सर्जिकल प्रोसीजर को आमतौर पर शरीर का वजन कम करने के लिए किया जाता है। इस प्रोसीजर में पेट के बाएं हिस्से को काटकर निकाल लिया जाता है।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी करने के लिए इनमें से किसी एक सर्जरी प्रोसीजर का चुनाव किया जाता है, जो आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी को करने में आमतौर पर एक से तीन घंटे का समय लग सकता है।
ऑपरेशन होने के बाद आपको आईसीयू में भेज दिया जाता है, जहां आपको मशीनों की मदद से कड़ी निगरानी में रखा जाता है। सर्जरी के बाद आपको कुछ दिन तक ऑक्सीजन मास्क लगाकर रखा जाता है, ताकि आपको सांस लेने में मदद मिल सके। जब आपको होश आ जाता है, तो आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। रिकवरी रूम में भी आपके शारीरिक संकेतों को निरंतर जांच में रखा जाता है, जैसे बीपी, हार्ट रेट और पल्स रेट आदि। इस दौरान भी आपकी नस में लगाई गई इंट्रावेनस यूनिट की मदद से आपको दवाएं व आवश्यक द्रव दिए जाते हैं।
सर्जरी के बाद कुछ दिन तक आपको दर्द रह सकता है, जिसके लिए आपको दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। ऑपरेशन के बाद पांच से छह दिनों तक आपको कुछ भी खाने या पीने को नहीं दिया जाता, इस दौरान आपको दवाएं व अन्य आवश्यक द्रव नसों के माध्यम से ही दिए जाते हैं। समय-समय पर एक्स रे टेस्ट किए जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट देखकर डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि आप सामान्य रूप से स्वस्थ हो रहे हैं या नहीं। आपके स्वस्थ होने की स्थिति के अनुसार ही डॉक्टर यह निर्धारित कर पाते हैं कि आप कब खाना व पीना शुरू कर सकते हैं।
गैस्ट्रेक्टमी का ऑपरेशन होने के लगभग दस दिन बाद आपके शरीर से सभी ट्यूब निकाल दी जाती हैं और चीरों पर लगाए गए टांके भी खोल दिए जाते हैं।
पर्याप्त बेड-रेस्ट होने के बाद जब आप आराम से चलने-फिरने लगते हैं और डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति से संतुष्ट हैं, तो आपको अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। इसमें आमतौर पर दो से तीन हफ्तों का समय लगता है।
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