रिकंस्ट्रक्टिव फुट सर्जरी एक ऐसी सर्जरी है जिसमें पैर से जुड़ी स्थितियों का इलाज, पैर की संरचना को ठीक करने और इन स्थितियों से होने वाली असहजता को दूर किया जाता है। पैर की संरचना थोड़ी जटिल होती है क्योंकि इसमें कई हड्डियां, मांसपेशियां, लिगामेंट और टेंडन होते हैं। ट्रामा, जन्म विकारों और इंफेक्शन की वजह से पैर की संरचना खराब हो सकती है। इसकी वजह से दर्द और सूजन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
फुट डिफेक्ट यानि पैर से जुड़े विकार कई तरीकों से ठीक हो सकते हैं जिसमें टेंडन रिपेयर, ऑस्टियोटोमी, बोन ग्राफ्टिंग और फ्यूजन और सॉफ्ट टिश्यू रिपेयर शामिल हैं।
ये सर्जरियां मरीज को जनरल या लोकल एनेस्थीसिया देने के बाद की जा सकती है। ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ दिनों अस्पताल में रूकना पड़ सकता है या उसी दिन छुट्टी मिल सकती है।
सर्जरी के बाद पैर को सहारा देने के लिए प्लास्टर लगा सकते हैं। पैर के ठीक होने तक मरीज थोड़ा-बहुत चल सकता है या उसे अपने शरीर का भार उठा पाने में दिक्कत हो सकती है या चलने के लिए बैसाखी की जरूरत पड़ सकती है।
ऑपरेशन के बाद पैर को ठीक से काम करने में फिजियोथेरेपी की मदद भी ली जा सकती है। सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए दर्द और सूजन को कंट्रोल करना जरूरी है। ऑपरेशन के दो हफ्ते बाद अस्पताल जाकर टांके खुलवाने होते हैा। इसके बाद दूसरा फॉलो-अप छह हफ्ते बाद होता है जिसमें रिकवरी देखी जाती है।