फिस्टुलोटमी यानि नालव्रणछेदन एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से फिस्टुला का इलाज किया जाता है। फिस्टुला शरीर के दो हिस्सों में असाधारण रूप से कनेक्शन बना देता है। इस सर्जरी की मदद से फिस्टुला के कारण बने असामान्य रास्ते को काटकर खोल दिया जाता है या फिर चपटा करके बंद कर दिया जाता है। हालांकि, फिस्टुलोटमी को सिर्फ त्वचा की ऊपरी सतह पर होने वाले फिस्टुला का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।
सर्जरी से पहले आपको कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, जैसे एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन, प्रोक्टोस्कोपी और रेक्टल एग्जामिनेशन (गुदा की जांच) आदि। यह सर्जरी खाली पेट की जाती है, इसलिए ऑपरेशन से कुछ घंटे पहले आपको खाली पेट रहने की सलाह दी जा सकती है।
सर्जरी शुरू करने से पहले आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिसके बाद आप गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको सर्जरी के दौरान कुछ भी महसूस नहीं होता है। इस प्रोसीजर को पूरा होने में लगभग एक घंटे का समय लगता है और सर्जरी के बाद आपको रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
सर्जरी पूरी होने के बाद उसपर पट्टी कर दी जाती है और उसके उतरने के बाद दोबारा पट्टी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सर्जरी के बाद आपको अपने आहार व सामान्य गतिविधियों में अधिक बदलाव करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आपको सिट्ज बाथ और बर्फ की सगाई करने की सलाह दी जाती है। नालव्रणछेदन से कुछ जोखिम भी हो सकते हैं, जिनमें आमतौर पर बाउल इनकॉन्टिनेंस और फिस्टुला फिर से होना आदि शामिल है।
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