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फिस्टुलोटमी यानि नालव्रणछेदन एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से फिस्टुला का इलाज किया जाता है। फिस्टुला शरीर के दो हिस्सों में असाधारण रूप से कनेक्शन बना देता है। इस सर्जरी की मदद से फिस्टुला के कारण बने असामान्य रास्ते को काटकर खोल दिया जाता है या फिर चपटा करके बंद कर दिया जाता है। हालांकि, फिस्टुलोटमी को सिर्फ त्वचा की ऊपरी सतह पर होने वाले फिस्टुला का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।

सर्जरी से पहले आपको कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, जैसे एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन, प्रोक्टोस्कोपी और रेक्टल एग्जामिनेशन (गुदा की जांच) आदि। यह सर्जरी खाली पेट की जाती है, इसलिए ऑपरेशन से कुछ घंटे पहले आपको खाली पेट रहने की सलाह दी जा सकती है।

सर्जरी शुरू करने से पहले आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिसके बाद आप गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको सर्जरी के दौरान कुछ भी महसूस नहीं होता है। इस प्रोसीजर को पूरा होने में लगभग एक घंटे का समय लगता है और सर्जरी के बाद आपको रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

सर्जरी पूरी होने के बाद उसपर पट्टी कर दी जाती है और उसके उतरने के बाद दोबारा पट्टी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सर्जरी के बाद आपको अपने आहार व सामान्य गतिविधियों में अधिक बदलाव करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आपको सिट्ज बाथ और बर्फ की सगाई करने की सलाह दी जाती है। नालव्रणछेदन से कुछ जोखिम भी हो सकते हैं, जिनमें आमतौर पर बाउल इनकॉन्टिनेंस और फिस्टुला फिर से होना आदि शामिल है।

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  1. फिस्टुलोटमी क्या है - What is Fistulotomy in Hindi
  2. फिस्टुलोटमी क्यों की जाती है - Why is Fistulotomy done in Hindi
  3. फिस्टुलोटमी से पहले - Before Fistulotomy in Hindi
  4. फिस्टुलोटमी के दौरान - During Fistulotomy in Hindi
  5. फिस्टुलोटमी के बाद - After Fistulotomy in Hindi
  6. फिस्टुलोटमी की जटिलताएं - Complications of Fistulotomy in Hindi
नालव्रणछेदन के डॉक्टर

फिस्टुलोटमी एक विशेष सर्जिकल तकनीक है, जिसकी मदद से फिस्टुला में चीरा लगाकर उसे खोल दिया जाता है ताकि यह एक फ्लैट स्कार की तरह से ठीक हो सके। शरीर के अंदर दो अलग-अलग भागों के बीच असाधारण रूप से रास्ता बनना फिस्टुला कहलाता है। यह आमतौर पर रक्त वाहिकाओं, त्वचा या आंत जैसी संरचनाओं में बनता है। फिस्टुला आमतौर पर सर्जरी, इन्फेक्शन, चोट, सूजन या लालिमा के कारण विकसित हो सकता है।

फिस्टुलोटमी सर्जरी का इस्तेमाल आमतौर पर एनल फिस्टुला का इलाज करने के लिए किया जाता है। एनल फिस्टुला में गुदा व उसके आसपास की त्वचा में असाधारण रूप से एक रास्ता बन जाता है। यह आमतौर पर गुदा के आसपास के हिस्से में संक्रमण होने के कारण होता है। जब संक्रमण से होने वाला पस बाहर निकलता है, तो फिस्टुला विकसित हो जाता है।

फिस्टुलोटमी सर्जरी को आमतौर पर सुपरफीशियल फिस्टुला का इलाज करने के लिए किया जाता है। क्योंकि अंदरूनी फिस्टुला की सर्जरी करना काफी जटिल हो जाता है और उससे कई जोखिम विकसित हो जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि एक्सटरनल स्फिंक्टर को काट दिया जाए तो व्यक्ति बाउल मूवमेंट का कंट्रोल छोड़ दोता है।

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फिस्टुलोटमी सर्जरी को आमतौर पर फिस्टुला का इलाज करने के लिए किया जाता है, जिससे होने वाले लक्षणों में निम्न शामिल हैं -

नालव्रणछेदन किसे नहीं करवानी चाहिए?

जिन लोगों को कॉम्पलैक्स फिस्टुला है उनके लिए यह फिस्टुलोटमी सर्जरी नहीं की जा सकती है। कॉम्पलैक्स फिस्टुला से निम्न समस्याएं देखी जाती हैं -

  • एक साथ कई रास्ते बनना
  • योनि के आसपास फिस्टुला बनना
  • फिस्टुला बार-बार विकसित होना
  • फिस्टुला अधिक गहराई में होना
  • क्रोन रोग से ग्रस्त लोग
  • फीकल इनकॉन्टिनेंस से पीड़ित लोग

इसके अलावा जिन लोगों के गुदा या उसके आसपास रेडिएशन थेरेपी हो चुकी है, उनकी फिस्टुलोटमी सर्जरी करने से भी मना किया जा सकता है।

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नालव्रणछेदन प्रक्रिया से कुछ दिन पहले आपको अस्पताल में बुलाया जाता है, जिस दौरान आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है। फिस्टुलोटमी सर्जरी से पहले आपको कुछ टेस्ट करवाने की सलाह भी दी जा सकती है, जिसमें निम्न शामिल है -

इसके अलावा फिस्टुलोटमी सर्जरी से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखने के निर्देश दिए जाते हैं -

  • यदि आपको पहले से ही कोई बीमारी, एलर्जी या स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या है तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवाएं, हर्बल उत्पाद, विटामिन या फिर कोई भी सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप गर्भवती हैं या भविष्य में गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो इस बारे में भी डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को इस बारे में बता दें।
  • सर्जरी से लगभग छह घंटे पहले आपको कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है, ताकि सर्जरी के दौरान आप खाली पेट रह सकें।
  • ऑपरेशन के लिए अस्पताल जाने से पहले नहाकर ढीले-ढाले कपड़े पहन लें और साथ ही यदि आपने कोई आभूषण या गैजेट पहना है, तो उसे घर पर ही उतार कर रख दें।
  • ऑपरेशन के लिए जाते समय अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को ले जाएं, ताकि सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपको मदद मिल सके।
  • अंत में आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिस पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे एक बार अच्छे से पढ़ व समझ लें।

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जब आप ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो मेडिकल टीम आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को देती है जिसे “हॉस्पिटल गाउन” कहा जाता है। इसके बाद आपकी बांह की नस में सुई लगाकर उसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान आपको दवाएं व अन्य आवश्यक द्रव दिए जाते हैं। इंट्रावेनस लाइन के माध्यम से आपको जनरल या लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन भी दिया जाता है, जिसकी मदद से आपको गहरी नींद आ जाती है या फिर वह हिस्सा पूरी तरह से सुन्न हो जाता है। 

एनेस्थीसिया का असर शुरू होने के बाद ऑपरेशन प्रोसीजर शुरू की जाती है, जो कुछ इस प्रकार है -

  • आपको टेबल पर पीठ के बल लिटा दिया जाता है और टांगो को ऊपर की तरफ उठा दिया जाता है।
  • गुदा में एनोस्कोप को डाला जाता है, यह उपकरण गुदा की अंदरूनी संरचना की तस्वीरें मॉनिटर स्क्रीन पर दिखाता है।
  • अंदरूनी छिद्र की पुष्टि करने के लिए एक विशेष द्रव को इंजेक्शन की मदद से गुदा के बाहरी छिद्र में डाला जाता है। यदि यह द्रव गुदा के अंदरूनी हिस्से में निकलता है, तो छिद्र की पुष्टि हो जाती है।
  • इसके बाद फिस्टुला का काटकर खोल दिया जाता है अतिरिक्त ऊतकों को काटकर अलग कर दिया जाता है।
  • निकाले गए ऊतकों के टुकड़ों को लैब में जांच के लिए भेज दिया जाता है।

फिस्टुलोटमी सर्जरी प्रोसीजर में लगभग एक घंटे का समय लगता है। सर्जरी के बाद आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। रिकवरी वार्ड में मेडिकल टीम आपके सभी शारीरिक संकेतों पर नजर रखती है, जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और शरीर का तापमान आदि। इस दौरान आपको थोड़ा बहुत चलने फिरने की सलाह भी दी जाती है, ताकि आपकी टांग में ब्लड क्लोट ना बन पाए।

ऑपरेशन के बाद जब आपको घर पर जाने के लिए छुट्टी मिल जाती है, तो डॉक्टर आपको घर पर निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं -

  • आपको अपनी डाइट में कोई खास बदलाव करने की जरूरत नहीं हैं, हालांकि, फाइबर व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के अपनी डाइट में शामिल कर लें।
  • सर्जरी के बाद आपको कुछ दिन तक दर्द रह सकता है, जिसके लिए डॉक्टर आपको पेनकिलर देते हैं। इसके साथ ही साथ संक्रमण आदि के खतरे को कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
  • सर्जरी के बाद ही आप चलने-फिरने व नहाने जैसी सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। हालांकि, जब तक डॉक्टर अनुमति ना दें अधिक मेहनत वाली शारीरिक गतिविधियां ना करें।
  • यदि गुदा में डॉक्टर ने पट्टी लगाई तो उसे कब बदलना या कब उतारने है और मलत्याग करते समय किन बातों का ध्यान रखना है आदि के बारे में पूछ लें।
  • ऑपरेशन होने के कम से कम 14 दिनों बाद आपको फिर से अपने काम पर वापस जाने को कहा जा सकता है।
  • यदि आप ड्राइविंग या कोई अन्य मशीन ऑपरेट करना चाहते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से अनुमति ले लें।
  • दर्द आदि को कम करने के लिए डॉक्टर आपको 10 से 15 सिट्ज बाथ लेने की सलाह भी दे सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

  • बुखार
  • टांग में दर्द, सूजन व लालिमा होना
  • सर्जरी वाली जगह पर दर्द रहना
  • सर्जरी वाले घाव में पस जमना
  • मल त्याग करने या गैस पास करने में दिक्कत होना
  • सर्जरी वाले घाव से अत्यधिक ब्लीडिंग

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फिस्टुलोटमी सर्जरी से निम्न जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है -

  • आंत्र असंयमिता
  • संक्रमण
  • फिर से फिस्टुला हो जाना
  • आंत्र रुकावट
  • एनेस्थीसिया से रिएक्शन होना

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Dr.P.S.Shah

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संदर्भ

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