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एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से पेट के अंदरूनी अंगों व संरचनाओं को देखा जाता है। इस सर्जरी को इमरजेंसी स्थितियों में भी किया जा सकता है, जिसकी मदद से पेट के अंदरूनी अंगों व संरचनाओं में क्षति की जांच की जाती है। इसके अलावा एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी की मदद से क्षति का इलाज भी किया जा सकता है और सैंपल के लिए क्षतिग्रस्त ऊतकों का टुकड़ा भी निकाला जा सकता है।

इस सर्जरी प्रोसीजर को आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है और इसमें पेट पर एक बड़ा कट लगाया जाता है। सर्जरी से पहले आपको एक निश्चित समय तक खाली पेट रखा जाता है। सर्जरी के बाद आपको कुछ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है। रिकवरी के दौरान डॉक्टर आपके आहार में कुछ बदलाव करते हैं और साथ ही आपको कुछ विशेष एक्सरसाइज करने की सलाह भी दी जा सकती है, ताकि आप जल्द से जल्द ठीक हो सकें। सर्जरी के बाद घाव की देखभाल करने के लिए भी आपको कुछ विशेष सुझाव दिए जा सकते हैं।

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  1. एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी क्या है - What is Exploratory Laparotomy in Hindi
  2. एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी क्यों की जाती है - Why is Exploratory Laparotomy done in Hindi
  3. एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी से पहले - Before Exploratory Laparotomy in Hindi
  4. एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी कैसे की जाती है - During Exploratory Laparotomy in Hindi
  5. एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी के बाद - After Exploratory Laparotomy in Hindi
  6. एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी की जटिलताएं - Complications of Exploratory Laparotomy in Hindi
एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी के डॉक्टर

एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से पेट के अंदरूनी अंगों व संरचनाओं की जांच की जाती है। इस सर्जरी द्वारा की जाने वाली जांच में निम्न अंग शामिल हो सकते हैं -

  • महिला प्रजनन अंग जैसे गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब
  • मूत्र प्रणाली के अंग जैसे किडनी, ब्लैडर और मूत्रवाहिनी
  • पाचन प्रणाली के अंग जैसे लिवर, पेट और छोटी व बड़ी आंत
  • अपेंडिक्स
  • लिम्फ नोड
  • पेट में मौजूद मेम्बरेन्स (झिल्ली)

एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी एक ओपन सर्जरी है, जिसमें पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। इस सर्जरी का उपयोग आमतौर पर ऐसी समस्याओं की जांच करने के लिए किया जाता है, जिनका निदान अन्य टेस्टों की मदद से न हो पाए। यदि सर्जरी के दौरान समस्या के कारण का पता चल जाता है, तो इस सर्जरी के दौरान ही सर्जन उसे ठीक कर देते हैं। इमरजेंसी की स्थितियों में दुर्घटना आदि होने के कारण पेट के अंदरूनी हिस्सों में लगी चोट की जांच करने के लिए एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी की जाती है।

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एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी को आमतौर पर पेट के अंदरूनी हिस्सों में हुइ क्षति या रोग आदि की जांच करने के लिए की जाती है। यदि आपको पेट में दर्द या फिर अंदरूनी हिस्सों में रक्तस्राव हो रहा है, जिसके कारण का पता न चल पाए तो ऐसे में डॉक्टर यह सर्जरी करने की सलाह दे सकते हैं। निम्न कुछ रोगों की जानकारी दी गई है, जिन्हें एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी की मदद से निकाला जा सकता है -

डॉक्टर निम्न स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने के लिए एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी कर सकते हैं -

  • पेट की अंदरूनी मेम्बरेन (पेरिटोनियम) में रक्तस्राव होना
  • पेट और आंत में ब्लीडिंग होना, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा हो
  • पेरिटोनियम मे सेप्सिस (एक प्रकार का गंभीर संक्रमण) होना
  • गंभीर चोट लगने के कारण अंदरूनी अंग क्षतिग्रस्त हो जाना

एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितियों में लोगों को एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी न करवाने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के लिए जिन लोगों को एनेस्थीसिया से एलर्जी है या फिर किसी अन्य कारण से वे इस दवा का इंजेक्शन नहीं लगवा सकते हैं, तो एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी करना संभव नहीं है। इसके अलावा यदि आपके पेट के अंदरूनी किसी अंग में कैंसर है जो अन्य हिस्सों में भी फैल गया है, आपको सेप्सिस है जो अन्य हिस्सो में फैल गया है या फिर आपके किसी अंग में रक्त का बहाव सामान्य नहीं है, तो ऐसी स्थितियों में डॉक्टर यह सर्जरी करने से पहले एक बार पुन: विचार कर सकते हैं।

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यदि एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी को किसी इमरजेंसी स्थितियों में नहीं किया जा रहा है तो सर्जरी से कुछ दिन पहले आपको अस्पताल बुलाया जाता है और आपकी शारीरिक जांच की जाती है। साथ ही साथ आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली सभी जानकारियां ली जाती हैं। आपको कुछ टेस्ट भी करवाने की सलाह दी जा सकती हैं, जिनमें एक्स रे और ब्लड टेस्ट आदि शामिल हैं।

इसके अलावा एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी से पहले आपको कुछ अन्य बातों का ध्यान रखने की सलाह भी दी जा सकती है -

  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई बीमारी या एलर्जी आदि है, तो सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बता दें।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन या अन्य कोई सप्लीमेंट ले रहे हैं या फिर कुछ दिन पहले तक ले रहे थे तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर कुछ दवाओं व उत्पादों को एक निश्चित समय तक बंद करवा सकते हैं, जिनमें आमतौर पर रक्त पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं।
  • सर्जरी से कम से कम आठ घंटे पहले तक कुछ भी न खाएं ताकि प्रोसीजर के दौरान आप खाली पेट रहें।
  • यदि आप गर्भवती हैं या भविष्य में गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप सिगरेट या शराब पीते हैं, तो डॉक्टर आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक इन्हें छोड़ने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा करने से आपके सर्जरी के घाव जल्दी ठीक होते हैं और कई जटिलताएं होने का खतरा भी कम हो जाता है।
  • अस्पताल में अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लेकर जाएं ताकि सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपको मदद मिल सके।
  • आपको सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। उस पेपर पर साइन करने से पहले उसे अच्छे से पढ़ व समझ लें।

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ऑपरेशन करवाने के लिए जब आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो मेडिकल टीम आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को देती है जिसे “हॉस्पिटल गाउन” कहा जाता है। आपकी आंतों को खाली करने के लिए एनिमा भी किया जा सकता है। इसके बाद आपकी बांह की नस में सुई लगाकर उसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान आपको दवाएं व अन्य आवश्यक द्रव दिए जाते हैं। इंट्रावेनस लाइन के माध्यम से आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन भी दिया जाता है, जिससे आप गहरी नींद में सो जाते हैं और आपको सर्जरी के दौरान कुछ महसूस नहीं होता है।

जब एनेस्थीसिया का असर शुरू हो जाता है, तो ऑपरेशन की प्रोसीजर शुरू की जाती है, जो कुछ इस प्रकार है -

  • आपको एक विशेष टेबल पर लिटा दिया जाता है और आपके शरीर से कुछ विशेष मशीनों को जोड़ दिया जाता है। ये मशीनें आपके शारीरिक संकेतों को मॉनिटर स्क्रीन पर दिखाती हैं।
  • आपके गले में एक विशेष ट्यूब डाली जाती है, जिसकी मदद से आप सर्जरी के दौरान सांस लेते हैं। आपके ब्लैडर में भी कैथीटर लगा दिया जाता है, जिसकी मदद से सर्जरी के दौरान निकलने वाला पेशाब सीधे बाहर निकल एक थैली में जमा होता रहता है।
  • पेट के जिस हिस्से में चीरा लगाना है पहले उसे एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है और फिर एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। हालांकिस चीरा किस हिस्से में लगाना है, यह स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
  • चीरे के माध्यम से पेट के अंदरूनी अंगों की जांच की जाती है और किसी प्रकार की चोट या क्षति का पता लगाया जाता है।
  • क्षति वाले हिस्से से ऊतकों का सैंपल निकाल लिया जाता है, जिसे जांच के लिए लैब भेज दिया जाता है और रिजल्ट आने पर स्थिति के अनुसार कदम उठाए जाते हैं।
  • इसके बाद क्षति वाले हिस्से में ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, ताकि जमा होने वाला द्रव साथ ही साथ निकलता रहे।
  • अंत में घाव को बंद करके उसमें टांके या स्टेपल लगा दिए जाते हैं, जिन्हें निकलवाने के लिए कुछ दिन बाद फिर से अस्पताल आना पड़ता है।

इस सर्जरी को करने में लगभग एक से चार घंटे का समय लग सकता है। प्रोसीजर पूरी होने के बाद आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। वहां पर मेडिकल टीम आपके सभी शारीरिक संकेतों जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, पल्स और ऑक्सीजन लेवल आदि के स्तर पर नजर रखते हैं। सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है, जो वास्तव में आपकी क्षति और सर्जरी कितनी बड़ी की गई है आदि पर निर्भर करता है।

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सर्जरी के बाद पूरी तरह से रिकवर होने में आपको चार हफ्तों तक का समय लग जाता है। जब आपको अस्पताल से छुट्टी मिल रही होती है, तो इस दौरान डॉक्टर डॉक्टर आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश देते हैं, जिनमें निम्न शामिल है -

  • घाव की देखभाल
    • सर्जरी के घाव को ऑपरेशन के बाद कम से कम दो दिनों तक गीला न होनें दें। इसलिए डॉक्टर आपको दो दिन तक नहाने की सलाह देते हैं।
    • आपको कुछ दिनों तक बाथटब या पूल में नहाने से मना किया जा सकता है।
    • सर्जरी होने के 24 घंटों बाद आपको पट्टी बदलवाने की सलाह दी जा सकती है।
       
  • दवाएं
    • सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक आपको दर्द रह सकता है, जिसके लिए डॉक्टर आपको दवाएं देते हैं जिन्हें निर्देशानुसार ही लेते रहना चाहिए।
    • कब्ज आदि की समस्या को दूर करने के लिए आपको कुछ लैक्सेटिव दवाएं भी दी जा सकती हैं।
    • सर्जरी वाले घाव में संक्रमण होने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसके लिए आपको कुछ विशेष एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।
    • डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी बाहरी दवा, क्रीम या मलम का इस्तेमाल न करें।
       
  • शारीरिक गतिविधि
    • ऑपरेशन के कुछ दिन बाद आप अपनी सामान्य शारीरिक गतिविधियां शुरू कर सकते हैं।
    • आपको कम से कम छह हफ्तों तक अधिक वजन उठाने या कोई भी अधिक मेहनत वाली गतिविधि करने से मना किया जाता है।
    • आप रोजाना थोड़ा बहुत चल फिर सकते हैं, जिससे आपके स्वस्थ होने की गति तेज हो जाती है।
    • सर्जरी के बाद कम से कम छह हफ्तों तक आपको कोई भी यौन गतिविधि करने से मना किया जाता है
       
  • आहार
    • सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक आपको विशेष डाईट दी जाती है, जिसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं।
    • रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी पिएं, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो पाए
    • आहार में फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया जाता है, जिससे आपको कब्ज जैसी समस्याएं नहीं हो पाती हैं।
    • जब तक आपको विशेष डाईट दी जा रही है या आप दवाएं ले रहे हैं तब तक आपको शराब आदि पीने से मना किया जा सकता है।

सर्जरी के कुछ दिन बाद ही डॉक्टर आपको अपने काम पर जाने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, यदि आप ड्राइव करते हैं या फिर किसी अन्य मशीन को ऑपरेट करते हैं, तो उस काम को शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से बात कर लें।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी के बाद यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें -

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एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी सर्जरी से निम्न जटिलताएं होने का खतरा बढ़ सकता है -

  • हर्निया
  • ब्लीडिंग
  • आंत्र रुकावट
  • संक्रमण
  • ऊतक नष्ट होना (नेक्रोसिस)
  • नील पड़ना
  • पेट में स्कार ऊतक बनना
  • त्वचा सुन्न पड़ना
  • सर्जरी के दौरान आसपास के अंग क्षतिग्रस्त होना
  • एनेस्थीसिया से रिएक्शन होना जैसे गले में खराश या दर्द होना

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संदर्भ

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