बसाईटिस की स्थिति में बर्सेक्टोमी सर्जरी की जाती है। बर्साइटिस बर्सा की सूजन या जलन है। बर्सा एक थैली है जो लूब्रिकेटिंग तरल पदार्थ से भरी होती है। ये थैली आपकी हड्डियों, मांसपेशी, टेंडन और त्वचा जैसे ऊतकों के बीच स्थित होती है, जो रगड़, घर्षण और जलन को कम करती है। अधिक उम्र में बसाईटिस होने का खतरा ज्यादा रहता है। ये समस्या सबसे ज्यादा कंधे को प्रभावित करती है। बसाईटिस होने पर प्रभावित हिस्से में दर्द महसूस होता है।
इसके अलावा भारी सामान उठाने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे बसाईटिस की समस्या पैदा हो सकती है। अगर आप ऐसा कोई काम करते हैं जिसमें आपको रोज भारी सामान उठाना पड़ता है या एक ही तरह का काम करना पड़ता है तो आपको बर्साइटिस हो सकता है। दौड़ने, कूदने या कोई तेज खेल खेलने जैसे कि टेनिस, बेसबॉल में भी बर्साइटिस का खतरा हो सकता है। एक्सरसाइज के दौरान शरीर पर ज्यादा दबाव डालने से भी ये स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
प्रमुख तौर पर बसाईटिस को ठीक करने के लिए बर्सेक्टोमी सर्जरी की जाती है।