ब्रेस्ट की किस तरह की सर्जरी होनी है यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर किस स्तर तक फ़ैल गया है और किस प्रकार का है। सर्जरी होने से पहले कैंसर को आकार में सिकोड़ने के लिए अन्य ट्रीटमेंट भी किए जा सकते हैं। इसमें निम्न शामिल हैं -
- रेडियोथेरेपी -
इस प्रक्रिया में एक्स रे द्वारा कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है या फिर उन्हें बढ़ने से रोका जाता है, जिससे कैंसर का आकार घट जाता है और इसे हटाने में आसानी होती है। यह ट्रीटमेंट सर्जरी के बाद बचे हुए सेल को हटाने के लिए भी की जा सकती है।
- कीमोथेरेपी -
कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए इंजेक्शन या दवा दी जाती हैं। कीमोथेरेपी सर्जरी से पहले बड़े ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए की जा सकती है या फिर सर्जरी के बाद बची हुई कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए भी कीमोथेरेपी की जा सकती है।
ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी एक विशेषज्ञ सर्जन द्वारा की जाती है। सर्जरी शुरू करने से पहले आपको सुन्न करने की दवा या एनेस्थीसिया दिया जाएगा, जिससे आप प्रक्रिया के दौरान सो जाएंगे।
सर्जन आपके स्तन में चीरे लगाकर सर्जरी शुरू करेंगे और निम्न में से किसी प्रक्रिया द्वारा सर्जरी की जाएगी।
ब्रेस्ट कोन्सर्विंग सर्जरी
- सर्जरी के इस प्रकार में केवल ट्यूमर व स्तन के आसपास के ऊतकों को हटाया जाता है व पूरे स्तन को छोड़ दिया जाता है।
- कैंसर का प्रकार व आकार और आपके स्तन का आकार यह निश्चित करते हैं कि आसपास के कितने ऊतकों को हटाया जाएगा।
- यह इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि आसपास के ऊतकों में कैंसर के कोई निशान न बचे हों। आमतौर पर ब्रेस्ट कोन्सर्विंग सर्जरी के बाद बची हुई कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडियोथेरेपी की जाती है।
- ब्रेस्ट कोन्सर्विंग सर्जरी के फायदे -
- इसमें पूरे स्तन को नहीं निकाला जाता है और केवल ट्यूमर व उसके आसपास की कोशिकाओं को ही निकाला जाता है।
- इस सर्जरी से ठीक होने में अधिक समय नहीं लगता है।
- इसके बाद शरीर में कम बदलाव होते हैं इसलिए यह सर्जरी कई महिलाएं आसानी से स्वीकार कर लेती हैं और इससे उन्हें भावनात्मक रूप से भी मदद मिलती है।
- ब्रेस्ट कोन्सर्विंग सर्जरी के नुकसान -
- इसमें रेडियोथेरेपी जैसे अतिरिक्त ट्रीटमेंट की जरूरत होती है
- यह बड़े ट्यूमर पर नहीं की जा सकती है
मास्टेक्टॉमी
इस प्रक्रिया में स्तन को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। सर्जन इसके साथ आपके स्तन के बगल की कुछ लसिका ग्रंथियों (वे ढांचें जो कि ऊतकों के अपशिष्ट पदार्थ को शरीर में फ़िल्टर करती हैं) को भी निकाल सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित कर लें कि कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह से निकल गई हैं जो कि शरीर में फ़ैल सकती थी।
- मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी -
इस प्रक्रिया में निप्पल और बगल की लसिका ग्रंथियों के साथ पूरे स्तन को निकाल दिया जाता है।
- रेडिकल मास्टेक्टॉमी -
इस प्रक्रिया में स्तन को ढक रही त्वचा को, छाती की मांसपेशियों और बगल की लसिका ग्रंथियों को निकाला जाता है।
- स्किन-स्पेरिंग मास्टेक्टॉमी -
इसमें त्वचा के कम भाग को ही निकाला जाता है। इसमें स्तन और निप्पल व एरोला को निकाला जाता है।
सर्जरी करते समय सर्जन लसिका ग्रंथियों के कुछ ऊतक निकाल कर कैंसर के फैलाव की जांच कर सकते हैं। सर्जरी हो जाने के बाद सर्जन चीरों को टांकों और ड्रेसिंग की मदद से बंद कर देंगे। ऑपरेशन के स्थान से अतिरिक्त द्रव निकालने के लिए एक या दो ड्रेनिंग पाइप लगाए जा सकते हैं।
- मास्टेक्टॉमी के फायदे -
- इसमें कैंसर के फिर से होने की आशंका बहुत कम होती है क्योंकि 95 प्रतिशत स्तन के ऊतक को निकाल दिया जाता है
- अधिकतर मामलों में रेडियोथेरेपी के साथ अन्य ट्रीटमेंट देने की आवश्यकता नहीं पड़ती
- मास्टेक्टॉमी के नुकसान -
- इस प्रक्रिया में पूरे स्तन को और उसके आसपास की त्वचा को हटा दिया जाता है
- मास्टेक्टॉमी के बाद ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्शन की जरूरत हो सकती है
- इसमें व्यक्ति को ठीक होने में अधिक समय लगता है
कैंसर का शरीर के अन्य भागों में फैलाव
जब कैंसर शरीर के अन्य भागों जैसे हड्डियों, फेफड़ों, लिवर, मस्तिष्क आदि में फैलता है तो इसे मेटास्टेटिस कहा जाता है। इसे निम्न के द्वारा ट्रीट किया जा सकता है -
- हार्मोन थेरेपी -
शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन होते हैं जो कि कैंसर को फैलने में मदद करते हैं। हार्मोन थेरेपी एक ट्रीटमेंट है, जिसमें इन हार्मोन का स्तर शरीर में कम हो जाता है और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि भी कम हो जाती है। हार्मोन थेरेपी सर्जरी के पहले या बाद में की जा सकती है और यह सर्जरी के पांच साल बाद तक भी जारी रह सकती है।
- टार्गेटेड थेरेपी -
इस ट्रीटमेंट में आपको कुछ दवाएं दी जाएंगी जो केवल कैंसर कोशिकाओं को मारती हैं और सामान्य कोशिकाओं को इससे कोई हानि नहीं होती है।
ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी
ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी में मास्टेक्टॉमी के बाद स्तन को वापस से आकार दिया जाता है। स्तन को दोबारा बनाने की यह प्रक्रिया सर्जरी के कुछ समय बाद की जा सकती है। स्तन को दोबारा बनाने के लिए सर्जन आपके शरीर के अंगों से ऊतक लेंगे। उदाहरण के तौर पर यह ऊतक आपके पेट, कूल्हे या कमर से लिए जा सकते हैं।
इम्प्लांट प्लास्टिक की थैलियां होती हैं जो कि छाती की मांसपेशियों में लगाई जाती हैं। हालांकि, यह भी हो सकता है कि वे जीवन भर न चलें और उसके लिए अन्य सर्जरी की जरूरत पड़ जाए। इम्प्लांट रीकंस्ट्रक्शन के अतिरिक्त प्रभावों में दर्द और सर्जरी के स्थान पर संक्रमण शामिल हैं। कभी-कभी इम्प्लांट फट भी सकता है। कुछ मामलों में इम्प्लांट और ऊतक दोनों से स्तन को दोबारा बनाया जा सकता है।
ब्रेस्ट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी में कितना खर्चा होगा यह सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर इसमें 1.5 लाख से 3 लाख तक का खर्चा आता है।