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ब्लेफरोप्लास्टी को “आइलिड लिफ्ट सर्जरी” भी कहा जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर की मदद से पलकों से अतिरिक्त चर्बी को हटाया जाता है। जिन लोगों की ऊपरी पलकें किसी कारण से लटकने लग गई हैं, उन्हें ठीक करने के लिए भी ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी की जा सकती है। जब ऊपरी पलकों की चर्बी बढ़ने के कारण आपकी दृष्टि में बाधित होने लगती है, तो यह सर्जरी की जा सकती है। पलकों की बढ़ी हुई चर्बी कुछ लोगों की दृष्टि को प्रभावित नहीं करती है, लेकिन फिर भी वे सौंदर्य संबंधी कारणों से ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी करवाते हैं। ब्लेफरोप्लास्टी को लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है।

(और पढ़ें - पलकें लटकने का इलाज)

ब्लेफरोप्लास्टी में एक आंख पर कम से कम तीस से चालीस मिनट का समय लगता है। आपको सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। सर्जरी से पलक पर पड़ने वाला निशान पलक की प्राकृतिक सिलवट के पीछे छिप जाता है। हालांकि, लगभग छह महीनों तक पलकों में लालिमा या गुलाबीपन दिखाई दे सकता है। ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी से हुआ सुधार कई सालों तक रहता है और यहां तक कि कुछ मामलों में यह स्थायी भी रह सकता है। आपको सर्जरी के एक या दो हफ्तों बाद फिर अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान सर्जरी के टांके निकाले जाते हैं और यह जांच की जाती है कि सर्जरी से संबंधी कोई जटिलता तो विकसित नहीं हुई है।

(और पढ़ें - पलकें लंबी करने का तरीका

  1. ब्लेफरोप्लास्टी क्या है - What is Blepharoplasty in Hindi
  2. ब्लेफरोप्लास्टी किसलिए की जाती है - Why is Blepharoplasty done in Hindi
  3. ब्लेफरोप्लास्टी से पहले - Before Blepharoplasty in Hindi
  4. ब्लेफरोप्लास्टी के दौरान - During Blepharoplasty in Hindi
  5. ब्लेफरोप्लास्टी के बाद - After Blepharoplasty in Hindi
  6. ब्लेफरोप्लास्टी से क्या जटिलताएं हो सकती हैं - Complications of Blepharoplasty in Hindi

ब्लेफरोप्लास्टी किसे कहते हैं?

ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी की मदद से पलकों से अतिरिक्त चर्बी को हटा दिया जाता है, जिससे पलकें लटकने की समस्या ठीक हो जाती है। डॉक्टर आपको सिर्फ तब ही ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं, जब अधिक चर्बी होने के कारण पलकें लटकने लगें और दृष्टि में बाधा डालने लगें। पलकों पर अधिक चर्बी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे चोट लगना, सूरज की किरणों से हुई क्षति, बढ़ती उम्र और थायराइड जैसे अंदरूनी रोग आदि। कुछ मामलों में एलर्जी या संक्रमण के कारण भी पलक की चर्बी बढ़ सकती है।

ब्लेफरोप्लास्टी को आमतौर पर फेसलिफ्ट और ब्रो लिफ्ट सर्जरी के साथ एक कॉस्मेटिक सर्जरी के रूप में भी किया जाता है। इस सभी सर्जरियों की मदद से चेहरे की रूपरेखा में सुधार किया जाता है। हालांकि, ब्लेफरोप्लास्टी की मदद से आंखों के नीचे काले घेरे, झुर्रियां और भौहें लटकने का इलाज नहीं किया जा सकता है।

(और पढ़ें - आंखों के संक्रमण के लक्षण)

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ब्लेफरोप्लास्टी क्यों की जाती है?

यदि आपकी ऊपरी पलकें नीचे की तरफ लटकने लगी हैं, जिससे देखने संबंधी समस्याएं और सिरदर्द जैसे लक्षण विकसित होने लगे हैं, तो ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी की जा सकती है। इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं भी हैं, जिनका इलाज करने के लिए ब्लेफरोप्लास्टी की जा सकती है -

ब्लेफरोप्लास्टी से पहले निम्न का होना जरूरी है -

  • 30 साल या उससे अधिक उम्र
  • स्वास्थ्य की दृष्टि से फिट होना
  • आंख संबंधी कोई अन्य समस्या न होना
  • धूम्रपान न करना

ब्लेफरोप्लास्टी किसे नहीं करवानी चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है, तो यह सर्जरी नहीं की जा सकती है -

इसके अलावा यदि पहले आपकी कई सर्जरी हो चुकी हैं, तो भी डॉक्टर ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी करने से मना कर सकते हैं।

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ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

सर्जरी से पहले कुछ विशेष परीक्षण किए जाते हैं, जिसमें डॉक्टर आपकी पलक, आंख व अन्य हिस्सों की करीब से जांच करते हैं। सर्जरी से पहले आपके कुछ टेस्ट भी किए जाते हैं, जैसे ब्लड टेस्ट और ईसीजी आदि जिनकी मदद से यह सुनिश्चित किया जाता है कि आप ऑपरेशन के लिए पर्याप्त रूप से फिट हैं या नहीं।

आंख की जांच के साथ-साथ आपके कुछ न्यूरोलॉजिकल और शारीरिक परीक्षण भी किए जा सकते हैं। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, तो कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं जैसे एमआरआई स्कैन या सीटी स्कैन आदि।

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है, तो सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए -

यदि आप किसी भी प्रकार की दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर आपको निम्न की सलाह दे सकते हैं -

  • सर्जन आपको आपके द्वारा ली जाने वाली सभी दवाओं की जानकारी ले सकते हैं, जिनमें दवाओं के साथ-साथ हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल और होम्योपैथिक दवाएं भी शामिल हैं।
  • आपको कुछ समय के लिए रक्त पतला करने वाली दवाएं व अन्य उत्पाद (यदि आप ले रहे हैं) लेने से मना कर दिया जाता है। रक्त पतला करने वाली दवाओं में एस्पिरिन, वारफेरिन, क्लोपिडोग्रेल और कुछ प्रकार के विटामिन आदि शामिल हैं।
  • यदि आप डायबिटीज से ग्रस्त हैं और उसकी दवाएं खाते हैं, तो डॉक्टर इन दवाओं में कुछ बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्जरी के लिए आपको खाली पेट अस्पताल जाना पड़ता है।

हालांकि, कुछ मामलों में आपको ऑपरेशन के लिए खाली पेट अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। उदाहरण के लिए यदि सर्जरी के दौरान आपको लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाना है, तो आपको खाली पेट रहने की जरूरत नहीं है। इसके विपरीत यदि आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया जाना है, तो आपको खाली पेट अस्पताल आने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जनरल एनेस्थीसिया के प्रभाव से उल्टी और मतली की समस्याएं हो सकती हैं, जिससे सर्जिकल प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

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खाली पेट रहने के लिए डॉक्टर आपको ऑपरेशन से छह घंटे पहले तक कुछ भी न खाने या पीने की सलाह देते हैं। हालांकि, सर्जरी से दो घंटे पहले आपको थोड़ा-बहुत पानी पीने की सलाह दी जा सकती है।

सर्जरी से पहले आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की सलाह दे देते हैं। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे अच्छे से पढ़ व समझ लेना चाहिए।

ऑपरेशन वाले दिन अस्पताल जाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें -

  • ढीले-ढाले व आरामदायक कपड़े पहनें
  • अपने साथ अस्पताल में किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को ले आएं ताकि आपको मदद मिल सके

ब्लेफरोप्लास्टी कैसे की जाती है?

जब आप ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं तो दस्तावेज संबंधित सभी कार्य निपटाए जाते हैं और उसके बाद सर्जरी शुरू की जाती है। ब्लेफरोप्लास्टी को निम्न सर्जरी प्रोसीजर के अनुसार किया जाता है -

  • आपको सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाएगा और वहां पर आपको ऑपरेशन टेबल पर लेटने या एक विशेष कुर्सी पर बैठने को कहा जाएगा।
  • मेडिकल स्टाफ आपके चेहरे को एंटीसेप्टिक दवाओं से साफ करते हैं और उसके बाद चेहरे को एक स्वच्छ कपड़े से ढक देते हैं।
  • इसके बाद एक विशेष पेन की मदद से पलकों में चीरा लगाने के लिए निशान लगाए जाते हैं।
  • आपकी आंख में एनेस्थीसिया की आई ड्रॉप डाली जाएगी या पलक के पास लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाएगा।
  • जब आंख व पलकें सुन्न हो जाती हैं, तो सर्जिकल उपकरणों की मदद से चीरा लगाया जाता है।
  • चीरा लगने के बाद अंदर से अतिरिक्त चर्बी को ध्यानपूर्वक निकाल दिया जाता है और टांके लगाकर चीरे को बंद कर दिया जाता है। कई बार चीरे पर लगाए गए टांके त्वचा में ही अवशोषित हो जाते हैं अर्थात इन्हें निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ये टांके आमतौर पर चार से आठ हफ्तों के भीतर अवशोषित हो जाते हैं।
  • टांके लगाने के बाद आंख पर एक विशेष क्रीम या मरहम लगाकर आई पैड लगा दिए जाते हैं।

ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी पूरी होने में एक आंख पर 30 से 40 मिनट का समय लगता है। यदि दोनों आंखों की ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी की जानी है, तो सर्जरी होने के एक घंटे बाद पहली आंख से आईपैड को हटा दिया जाता है। यदि आपका स्वास्थ्य स्थिर है, तो सर्जरी वाले दिन ही आपको अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। हालांकि, यदि आपका बीपी या हृदय दर सामान्य स्तर में नहीं है या फिर अन्य शारीरिक समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर आपको एक रात के लिए अस्पताल में भर्ती रख सकते हैं।

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ब्लेफरोप्लास्टी के बाद की देखभाल कैसे करें?

ऑपरेशन के बाद आपको निम्न समस्याएं महसूस हो सकती हैं -

  • सर्जरी के बाद 24 से 48 घंटों तक आपको आंख में दर्द रह सकता है। यदि दर्द अधिक है, तो डॉक्टर कुछ दर्द निवारक दवाएं दे सकते हैं।
  • सर्जरी के बाद कुछ हफ्तों तक धुंधला दिखना, दोहरी दृष्टि, आंख से पानी आना और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होना आदि लक्षण देखे जा सकते हैं।
  • ऑपरेशन के बाद कुछ समय तक पलकों का रंग हल्का नीला या बैंगनी हो सकता है।
  • जब तक आपके दृष्टि संबंधी सभी लक्षण पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक सभी कार्य करते समय किसी करीबी को साथ रखें।

सर्जरी के बाद जब आप घर पर आ जाते हैं, तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • जब तक आपकी दृष्टि पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती तब तक कोई मशीन न चलाएं और न ही ड्राइविंग करें। ड्राइविंग शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से अनुमति ले लें।
  • आंखों में सूजन होने पर उसकी ठंडी सिकाई करें। यदि आप बर्फ से सिकाई कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं उसे किसी तौलिये या कपड़े में लपेट कर इस्तेमाल करें।
  • जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते तब तक आपको अधिकतर समय अपने सिर को सीधा रखने की सलाह दी जाती है।
  • यदि आप कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, तो आपको कुछ दिन तक उनका इस्तेमाल न करने की सलाह दी जा सकती है।
  • सर्जरी के बाद कम से कम 24 घंटे तक शराब या अन्य किसी नशीले पदार्थ का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
  • सर्जरी के घाव में सूजन व लालिमा को कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जाती हैं और संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं।
  • संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए आपको बार-बार अपनी आंख को छूने की आदत छोड़ने की सलाह दी जाती है। यदि आपको किसी कारण से आंख को छूना पड़ रहा है, तो ऐसे में आपको पहले अपने हाथों को अच्छे से साबुन के साथ धोने की सलाह दी जाती है।
  • अपने रोजाना के कार्य (स्कूल, कॉलेज या ऑफिस जाना आदि) शुरू करने से पहले आपको कुछ समय के लिए आराम करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आपको कितने दिन आराम करना है यह आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
  • आपको कम से कम दो हफ्ते तक कोई भी अधिक मेहनत वाली शारीरिक गतिविधि करने से मना किया जाता है, जैसे खेल-कूद या व्यायाम करना आदि।

ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी दृष्टि व रूप-रेखा में सुधार करके आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है। सर्जरी से होने वाले निशान शुरुआती 6 महीनों तक गुलाबी दिखाई देते हैं और फिर धीरे-धीरे इनका रंग सामान्य हो जाता है। इस सर्जरी से स्थायी निशान (स्कार) बन जाते हैं, लेकिन ये पलकों की सिलवटों के पीछे छिप जाते हैं। ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी से मिलने वाला रिजल्ट कई सालों तक रहता है और यहां तक कि कुछ लोगों में जीवनभर इसका असर रहता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको ब्लेफरोप्लास्टी सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी समस्या महसूस हो रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए -

  • दृष्टि संबंधी समस्याएं होना
  • सर्जरी वाले हिस्से या आंख में दर्द
  • सर्जरी वाले घाव से द्रव या रक्तस्राव होना
  • आंखों में लालिमा बढ़ जाना

(और पढ़ें - आंख लाल होने  का इलाज)

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ब्लेफरोप्लास्टी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

अन्य सभी सर्जिकल प्रक्रियाओं की तरह ब्लेफरोप्लास्टी से भी कुछ जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं। हालांकि, इससे होने वाले जोखिम व जटिलताएं काफी कम हैं, जिनमें निम्न को शामिल किया जाता है -

(और पढ़ें - आंख में एलर्जी के लक्षण)

संदर्भ

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