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बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी एक प्रकार की एंडोस्कोपिक प्रोसीजर है, जिसमें वेटर के पैपिला  और पित्त के स्फिंक्टर में चीरा लगाया जाता है। यह सर्जरी प्रोसीजर आमतौर पर पित्त में पथरी, कोलेंजाइटिस, पित्त नलिकाएं संकुचित होना या ओडी स्फिंक्टर (Sphincter of Oddi) ठीक से काम न कर पाना आदि का इलाज करने के लिए की जाी है।

बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी से कम से कम 6 घंटों पहले तक आपको कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है। साथ ही सर्जरी से पहले ही डॉक्टर आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली सभी जानकारियां ले लेते हैं और साथ ही आपके कुछ आवश्यक टेस्ट भी किए जाते हैं। यह सर्जरी लोकल एनेस्थीसिया और सीडेटिव दवाएं देकर की जाती है। सर्जरी के बाद आपको लगभग तीन घंटो बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है या फिर कुछ मामलों में आपको अस्पताल में एक रात के लिए रुकना पड़ सकता है। ऑपरेशन के बाद जब आप घर पर होते हैं, तो मशीन या ड्राइविंग शुरू करने से पहले डॉक्टर से अनुमति ले लें। बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी से ब्लीडिंग, आसपास के ऊतकों में छिद्र होना और पैंक्रियास में सूजन आदि जटिलताएं हो सकती हैं।

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  1. बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी क्या है - What is Biliary Endoscopic Sphincterotomy in Hindi
  2. बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी किसलिए की जाती है - Why is Biliary Endoscopic Sphincterotomy done in Hindi
  3. बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी से पहले - before Biliary Endoscopic Sphincterotomy in Hindi
  4. बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी के दौरान - During Biliary Endoscopic Sphincterotomy in Hindi
  5. बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी के बाद - After Biliary Endoscopic Sphincterotomy in Hindi
  6. बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी जटिलताएं - Complications of Biliary Endoscopic Sphincterotomy in Hindi
बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी के डॉक्टर

बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से बाइलरी स्फिंक्टर में कट लगाया जाता है। बाइलरी स्फिंक्टर कुछ विशेष मांसपेशियों से मिलकर बना होता है, जो पित्तरस को ड्यूडेनम तक जाने में मदद करता है। पित्तरस (बाइल) लिवर द्वारा बनाया जाने वाला एक पाचक रस है, जो पित्ताशय में जमा होता है। अग्न्याशय पाचन में मदद करने वाले अन्य द्रव्य व हार्मोन बनाता है और यह अग्न्याशय नलिकाओं की मदद से पित्त नलिकाओं से जुड़ा होता है।

बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी को पित्ताशय से पथरी निकालने या पित्त नलिकाओं में किसी अन्य कारण से हुई ब्लॉकेज को खोलने के लिए किया जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर में एंडोस्कोप नामक उपकरण को पाचन प्रणाली में डाला जाता है और फिर पैपिला ऑफ वेटर के छिद्र पर चीरा लगाकर उसे और बड़ा कर दिया जाता है। छिद्र बना होने के बाद पित्त नलिकाओं में मौजूद पथरी या अन्य रुकावट खुल जाती है।

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बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी को आमतौर पर निम्न स्थितियां होने पर किया जाता है -

  • पित्त नलिकाओं में पथरी होन जाना
  • नलिकाओं में कचरा या गाद जम जाना
  • पित्त नलिकाओं से रिसाव होना
  • कैंसर या किसी अन्य कारण से नलिकाएं संकुचित हो जाना
  • ओडी स्फिंक्टर ठीक से काम न कर पाना (जिसमें कई बार पाचक रस वापस बहने लग जाते हैं)

इसके अलावा पित्त नलिकाओं में सूजन (कोलेंजाइटिस) के कारण भी नलिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं और उन्हें खोलने के लिए बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी करनी पड़ सकती है। कोलेंजाइटिस के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं -

बाइल डक्ट स्टेनोसिस होने पर भी यह सर्जरी की जा सकती है जिसमें लक्षणों में निम्न शामिल है -

बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितिया हैं, जिनमें बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी नहीं की जा सकती है। हालांकि, यदि सर्जरी करनी जरूरी है, तो ऐसे में विशेष ध्यान रखते हुए ऑपरेशन किया जाता है। इनमें निम्न शामिल है -

  • मरीज का शरीर अस्थिर रहना
  • किसी प्रकार का ब्लीडिंग डिसऑर्डर होना, जिसे ठीक न किया जा सके
  • स्फिंक्टरोटॉम की तार शरीर में सही जगह पर न जा पाना

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सर्जरी से कुछ दिन पहले आपको अस्पताल बुलाया जाता है। इस दौरान सबसे पहले आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछा जाता है। मेडिकल हिस्ट्री में आमतौर पर आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली सभी जानकारियां ली जाती हैं। इस दौरान डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकते हैं, जिनके रिजल्ट की मदद से यह निर्धारित किया जाता है कि आप सर्जरी के लिए फिट हैं या नहीं। इन टेस्टों में आमतौर पर निम्न शामिल हो सकते हैं -

इसके अलावा सर्जरी से पहले ही आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन या अन्य कोई भी सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर इनमें से कुछ दवाओं व उत्पादों को सर्जरी से पहले एक निश्चित समय तक बंद रखने का सुझाव दे सकते हैं, जिनमें आमतौर पर वे शामिल हैं जो रक्त को पतला करते हैं।
  • यदि आपको कोई बीमारी, एलर्जी या फिर किसी भी प्रकार की कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें। सर्जरी से पहले इन बीमारियों के प्रभाव को कम करना जरूरी होता है।
  • यदि आप शराब या सिगरेट आदि पीते हैं, तो सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक इसे छोड़ कर रखें। क्योंकि इनका सेवन करने से सर्जरी के बाद कई जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • यह सर्जरी खाली पेट की जाती है, इसलिए आपको सर्जरी से कम से कम आठ घंटे पहले कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है। हालांकि, यदि आपको कोई दवा लेनी है, तो उस बारे में एक बार डॉक्टर से बात कर लें।
  • सर्जरी वाले दिन अस्पताल जाने से पहले नहा लें, ढीले-ढाले आरामदायक कपड़े पहनें और सभी आभूषण व गैजेट आदि घर पर ही छोड़ दें।
  • अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को अस्पताल लाएं, ताकि सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपको मदद मिल सके।
  • आपको अंत में एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले एक बार उसे अच्छे से पढ़ व समझ लेना चाहिए।

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जब आप सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो मेडिकल स्टाफ सबसे पहले आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को देते है जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। इसके बाद आपको ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाता है और एक टेबल पर लिटा दिया जाता है। आपकी बांह की नस में सुई लगाई जाती है और उसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान दवाएं व आवश्यक द्रव दिए जाते हैं। आपके शरीर से कुछ अन्य उपकरणों की जोड़ दिया जाता है, जो आपके ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर, नाड़ी और हार्ट रेट की स्थिति दर्शाते हैं।

एनेस्थीसिया दवा की मदद से ही आपके गले को सुन्न कर दिया जाता है और मुंह पर माउथ गार्ड लगा दिया जाता है, ताकि एंडोस्कोप को मुंह के अंदर से डालते हुए आसानी रहे। जब एनेस्थीसिया का असर शुरू हो जाता है, तो सर्जरी प्रोसीजर शुरू की जाती है, जो कुछ इस प्रकार है -

  • आपको बाईं ओर करवट पर लिटा दिया जाता है और आपके मुंह में एंडोस्कोप उपकरण डाला जाता है। एंडोस्कोप को मुंह से होते हुए पेट और ड्यूडेनम (छोटी आंत का शुरुआती हिस्सा) तक पहुंचाया जाता है।
  • पेट में कुछ हवा भी भरी जा सकती है, ताकि सर्जन अंदर की संरचनाओं को आसानी से देख सकें। एंडोस्कोप के सिरे पर लगे कैमरा और लाइट की मदद से अंदरूनी हिस्सों को बाहर स्क्रीन पर देखा जाता है।
  • इसके बाद एंडोस्कोप में एक बहुत ही पतली ट्यूब भेजते हैं, जिसकी मदद से एक विशेष डाई इंजेक्ट की जाती है। इस डाई की मदद से पित्त और अग्न्याशय नलिकाओं की संरचनाएं स्क्रीन पर साफ-साफ दिखती हैं। ऐसे में डॉक्टर को रुकावट का पता लगाने में आसानी रहती है।
  • स्फिंक्टेरोटॉम की मदद से वेटर के पैपिला में कट लगाया जाता है और उसे बाइलरी स्फिंक्टर तक ले जाया जाता है। इससे बाइल डक्ट का छिद्र बढ़ जाता है।
  • यदि पित्ताशय में पथरी है, तो उसे या तो एंडोस्कोप की मदद से निकाल दिया जाता है या फिर उसे अंदर ही पीस कर छोटी आंद में धकेल दिया जाता है। छोटी आंत से पथरी के टुकड़े मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
  • इसके बाद एंडोस्कोप को निकाल दिया जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है, सर्जरी के बाद आपको रिकवरी रूम में ले जाया जाता है। रिकवरी रूम में एक घंटा आराम करने के बाद हेल्थकेयर टीम आपको कुर्सी पर बैठा सकती है और आपके तरल पेय पदार्थ दिए जाते हैं।
  • यह सर्जरी होने के तीन घंटों बाद ही आपको अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में आपको एक रात अस्पताल में भी भर्ती रहना पड़ सकता है, जो कि आमतौर पर आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

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ऑपरेशन सफलतापूर्वक हो जाने के बाद आपको घर जाने के लिए छुट्टी दे दी जाती है। घर के लिए छुट्टी देने से पहले डॉक्टर आपको कुछ विशेष निर्देश देते हैं, ताकि सर्जरी के बाद आप अपनी देखभाल कर सकें। इस दौरान आमतौर पर आपको निम्न बातें बताई जाती हैं -

  • सर्जरी के बाद आपको एक दिन तक गले में खुजली, दर्द और पेट फूल हुआ महसूस हो सकता है। ये सभी लक्षण धीरे-धीरे कम हो जाते हैं और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर आपको इनके लिए दवाएं भी दे सकते हैं।
  • सर्जरी के बाद 24 घंटों तक डॉक्टर आपको कोई भी मशीन चलाने, ड्राइविंग करने या अकेले घर से बाहर जाने से मना कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एनेस्थीसिया का असर 24 घंटों तक रह सकता है।
  • जिस दिन आपको अस्पताल से छुट्टी मिले उस दिन और आने वाली रात को पूरी तरह से बेडरेस्ट करें।
  • जब तक डॉक्टर आपको अनुमति न दें, शराब या सिगरेट पीना शुरू न करें।
  • आप डॉक्टर से अनुमति लेकर अपने व्यवसायिक कार्य शुरू कर सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी के बाद यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए -

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बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी में किसी प्रकार का चीरा देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसलिए अधिकतर मामलों में व्यक्ति को इससे कोई बड़ी समस्या नहीं होती है। हालांकि, फिर भी बाइलरी एंडोस्कोपिक स्फिंक्टरोटॉमी सर्जरी से होने वाली जटिलताओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है -

  • शरीर के अंतर रक्तस्राव होना
  • अग्न्याशय में सूजन
  • सर्जरी वाले हिस्से के आसपास कहीं छेद बन जाना
  • कोलेंजाइटिस
  • पित्त नलिका में फिर से पथरी बन जाना
  • पित्त नलिकाएं सख्त हो जाना
  • कोलीसिस्टाइटिस

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Dr. Paramjeet Singh.

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संदर्भ

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