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ACL पुनर्निर्माण सर्जरी (ACL Reconstruction Surgery) घुटने की कार्यवाही को सुधारने के लिए की जाती है। एसीएल, जिसे Anterior Cruciate Ligament के रूप में भी जाना जाता है, जांघ की हड्डी (फेमूर) को शिन की हड्डी (टिबिया) के साथ जोड़ता है। जो लोग बहुत सारे मैदानी खेल खेलते हैं वे अपने ACL को क्षतिग्रस्त या चोटिल कर सकते हैं। जब लिगामेंट के उपचार के लिए गैर-आक्रामक तरीके काम नहीं करते हैं, तो एसीएल पुनर्निर्माण सर्जरी ही अंतिम उपाय रह जाता है। घुटने के सामान्य कार्यों को ठीक करने या सुधारने के लिए क्षतिग्रस्त (फटे हुये) लिगामेंट को ग्राफ्ट (Graft; उपरोपण) से बदल दिया जाता है।
ACL का प्रमुख कार्य घुटने की Hyperextensibility (सामान्य डिग्री से अधिक फैला पाने की क्षमता होना) को रोकना है (पैर की हड्डी और जांघ की हड्डी के बीच का एंगल उससे ज़्यादा नहीं होना चाहिए जितना पूरी तरह से सीधा होने के बाद होता है)। यह घुटने को घुमाने की स्थिरता को भी बनाये रखता है।
सर्जरी की तैयारी के लिए आपको निम्न कुछ बातों का ध्यान रखना होगा और जैसा आपका डॉक्टर कहे उन सभी सलाहों का पालन करना होगा:
इन सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर जाएँ - सर्जरी से पहले की तैयारी
यह सर्जरी निम्न क्रम में की जाती है:
ग्राफ्ट (Graft)
ग्राफ्ट एक जीवित या सिंथेटिक ऊतक का एक टुकड़ा है जो सर्जरी में शरीर में डाला जाता है। ACL पुनर्निर्माण में विभिन्न प्रकार के ग्राफ्ट का उपयोग किया जाता है:
ऑटोग्राफ्ट (Autograft):
ग्राफ्ट का स्रोत रोगी का अपना शरीर ही होता है। ग्राफ्ट हैमस्ट्रिंग (घुटने के पीछे की पाँच नसों में एक नस) के कण्डरा या पेटेलेर लिगामेंट (Patellar Ligament) से लिया हो सकता है। पटेलर लिगामेंट के स्थान पर क्वाड्रिसिप कण्डरा (Quadriceps Tendon) का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ऑटोग्राफ्ट का एक फायदा यह है कि अन्य ग्राफ्ट के मुकाबले इसमें अस्वीकृति की संभावना कम होती है। और नुकसान यह है कि, अब रिकवरी सिर्फ एक नहीं बल्कि शरीर में किये गए दो चीरों की होगी।
एलोग्राफ्ट (Allograft):
स्रोत किसी अन्य शरीर (जीवित या मृत) से होता है। Achilles कण्डरा, पेटेलेर लिगमेंट या Tibialis Anterior कण्डरा का इस्तेमाल किया जाता है। इन ग्राफ्ट्स को ठीक से विकिरणित किया जाता है और अपनी नई जगह के अनुकूल होने से पहले उसे Sterelise (संक्रमण रहित) किया जाता है।
ब्रिज एनहांस्ड एसीएल रिपेयर (Bridge Enhanced ACL Repair):
एक स्पंज जैसी संरचना का प्रयोग पुल के रूप में किया जाता है ताकि एसीएल को सुधारा जा सके। यह प्रायोगिक चरण में है लेकिन एक आशाजनक प्रक्रिया की तरह लग रही है। यह कम छेदकर या चीरकर किया जाने वाला उपचार है और बेहतर सफलता दर देने की क्षमता रखता है।
ग्राफ्ट का विकल्प रोगी की उम्र और जीवन शैली के द्वारा पूर्व निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा, आप्का सर्जन किस प्रकार उसको स्थानांतरित करता है और आसपास के भागों की स्थिरता भी महत्वपूर्ण निर्धारक हैं।
हाल ही में, स्टेम कोशिका के उपचार का पता लगाया जा रहा है ताकि उन्ही की क्षमता से नए लिगामेंट का निर्माण किया जा सके। स्टेम सेल बहुसंख्यक होते हैं और यदि सही तरीके से सुधारी जाए तो किसी भी नए प्रकार के सेल के रूप में पृथक किये जा सकते हैं।
चूंकि इस सर्जरी के बाद उस ही दिन घर जा सकते हैं, जैसा आपके डॉक्टर को ठीक लगे। हालांकि आपको एनेस्थीसिया दिए गया होगा इसलिए आपको सर्जरी के बाद थोड़ा समय (जब तक एनेस्थीसिया का असर रहता है) रिकवरी रूम में रहना होगा।
घाव की देखभाल:
आप 4 दिन के बाद ही नहा सकते हैं। ध्यान दें कि चीरे पर पानी न लगे। घाव को साफ और सूखा रखें। स्पंज बाथ भी एक अच्छा विकल्प है। अवशोषित टांके अपने आप खुल जाएंगे। अगर धागे नज़र आने लगे तो आप अस्पताल जाकर इन्हे कटवा सकते हैं।
सर्जरी के बाद दर्द कम करने के लिए ध्यान देने वाली बातें:
इसके लिए आराम करें। घाव पर बर्फ लगाएं और इसे दबाकर रखें। अपने पैरों को ह्रदय के स्टार से ऊँचा उठायें। इससे रक्त शरीर के निचले हिस्सों में नहीं जमेगा। इसका पालन रात को भी करें। व्यायाम से आधे घंटे पहले दर्द निवारक गोलियां खा लें।
गतिविधि:
बैसाखी का प्रयोग करें। चलते समय शरीर का वज़न बैसाखी पर रखें और पैर पर उतना ही वज़न रखें जितना डॉक्टर ने बताया हो। नी ब्रेसेस (Knee Braces) का प्रयोग करें और उनको पहनकर चलने का प्रयास करें। बैसाखी पर अत्यधिक निर्भर न हों। जब आप ठीक महसूस करने लगें तो धीरे धीरे नी कैप पहनकर पैर पर वज़न डालना शुरू करें। आपका डॉक्टर आपकी इसमें सहायता करेगा।
कुछ डॉक्टर आपको Continuous Passive Motion (CPM) नामक एक उपकरण भी प्रयोग करने के लिए कह सकते हैं। इसे सर्जरी के बाद शुरूआती हफ़्तों में इस्तेमाल किया जाता है। यह आपके पैरों की मूवमेंट (गतिविधि) बनाये रखता है, जब आप बिस्तर में होते हैं या आराम कर रहे होते हैं। इसको 5 से 7 दिनों तक रोज़ 10 घंटे के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके बाद आप फ़िज़ियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist) के पास जा सकते हैं।
फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):
सर्जरी के एक हफ्ते बाद से इसे शुरू किया जा सकता है। आपको डॉक्टर द्वारा कई प्रकार के व्यायाम सिखाये जाएंगे जिससे जोड़ों की ताकत वापस आने में मदद मिलेगी। यह 24 हफ़्तों तक चल सकती है। अगर आप किसी खेल से जुड़े हैं तो अपने डॉक्टर से पूछें कि आप कबसे फिर खेलना शुरू कर सकते हैं। अगर आप फिर से खेल शुरू करना चाहते हैं तो स्विमिंग या ऐसी चीज़ों से शुरू करें जिनमें ज़्यादा मुड़ने या उछलने की ज़रुरत न हो।
सर्जरी के बाद डॉक्टर के साथ फॉलो-अप (जांच):
आपको सर्जरी के बाद पहले तो हर 2-4 हफ़्तों में डॉक्टर से मिलना होगा, फिर हर 3 महीनों में उसके बाद 6 महीनों और फिर 1 या 2 साल में। घुटने की गतिविधि का आंकलन किया जाता है। फ़िज़ियोथेरेपिस्ट आपके व्यायाम को बदलते रहेंगे। सर्जरी के बाद कभी भी दर्द या कोई और परेशानी महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
आप 2 से 6 हफ़्तों में गतिहीन कार्य करना शरू कर सकते हैं, हलके शारीरिक काम करना 3 से 4 महीनों में और थकाने वाली अतिउत्साही काम शुरू करने के लिए 9 महीने लग सकते हैं। ACL ग्राफ्ट के बाद पूर्ण रिकवरी में करीब एक साल लगेगा।
(और पढ़ें – थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
इस सर्जरी का सफलता दर लगभग है। हालांकि अन्य सर्जरी की तरह इस सर्जरी में भी कई जोखिम हो सकते हैं: