अकिलीज टेनोटमी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें अकिलीज टेंडन को काटा जाता है। इस सर्जरी का इस्तेमाल बच्चों में क्लबफुट का इलाज करने के लिए किया जाता है। क्लबफुट एक प्रकार का जन्म दोष है, जिसमें शिशु के एक या दोनों पैरों में विकृति होती है। हालांकि, क्लबफुट से ग्रस्त शिशुओं को शुरुआती दिनों में किसी प्रकार का दर्द या तकलीफ महसूस नहीं होती है। लेकिन जब धीरे-धीरे शिशु बड़ा होता है, तो उसे पैरों में दर्द और चलने में कठिनाई जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
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अकिलीज टेनोटमी को पोनसेटी पद्धति के रूप में किया जाता है, जिसे क्लबफुट के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला और स्वीकार किया गया गैर-सर्जिकल उपचार माना जाता है। पोनसेटी पद्धति में पैर को सामान्य आकृति में लाकर उस पर पट्टी (प्लास्टर) चढ़ा दी जाती है। इस प्रक्रिया को लगातार दो महीनों तक हर हफ्ते किया जाता है और पट्टी भी बदल दी जाती है। हालांकि, कुछ शिशुओं का अकिलीज टेंडन काफी सख्त होता है, जिससे पोनसेटी पद्धति की मदद से भी पैर की सामान्य आकृति नहीं आ पाती है। ऐसी स्थिति में अकिलीज टेनोटमी की सर्जरी प्रक्रिया को किया जाता है, जिसमें टखने के पीछे अकिलीज टेंडन पर एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है। यह चीरा काफी छोटा होता है और अधिकतर मामलों में इस पर टांके लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सर्जरी के बाद पैर, टखने और टांग के कुछ हिस्से पर प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है।
इस प्रक्रिया को पूरा होने में करीब 45 मिनट का समय लगता है, जिसमें टेंडन पर चीरा लगाना और प्लास्टर चढ़ाना आदि शामिल है। सर्जरी होने के दो से तीन हफ्तों के बाद बच्चे को फिर से अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान प्लास्टर को हटाया जाता है।
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