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बवासीर लोअर रेक्टम के अंदर या आसपास उभरी हुई या बढ़ी हुई नसें होती हैं. प्रेशर के अधिक होने के कारण यह नसें और ज्यादा खिंच जाती हैं. बवासीर दर्दनाक और असहज स्थिति है, जिसे उपचार से ठीक किया जा सकता है. इसके उपचारों में एक तरीका लेजर ऑपरेशन भी है. इस तकनीक में लेजर से ब्लड फ्लो को कंट्रोल किया जाता है. इस तकनीक का खर्चा 30 हजार से लेकर 60 हजार तक आ सकता है.

आज इस लेख में बवासीर का लेजर ऑपरेशन खर्च कितना है, इस बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - बवासीर का ऑपरेशन)

  1. क्या है बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन ?
  2. बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन की जरूरत क्यूँ है ?
  3. बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन का प्रभाव
  4. बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन के फायदे
  5. बवासीर लेजर ऑपरेशन के नुकसान
  6. बवासीर का लेजर ऑपरेशन खर्च
  7. सारांश
जानिए बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन के बारे में के डॉक्टर

बवासीर के दो प्रकार होते हैं-अंदरूनी और बाहरी. जब एनल कैनाल के अंदर बवासीर होती है, तो उसे अंदरूनी बवासीर कहा जाता है और जब एनल की ओपनिंग पर बवासीर होती है, तो उसे बाहरी बवासीर कहा जाता है. लेजर ऑपरेशन बवासीर को ठीक करने का एक नया तरीका है. इसका तरीका निम्न प्रकार से हो सकता है -

  • इस प्रक्रिया में लेजर के माध्यम से बवासीर का ब्लड फ्लो बाधित कर दिया जाता है.
  • प्रक्रिया से पहले मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है.
  • इसके बाद कोलोरेक्टल सर्जन बवासीर में एक लेजर प्रोब डाल देते हैं.
  • हीट की अधिक मात्रा के कारण लेजर बीम ब्लड वेसल्स को सील कर देती है.
  • इस दौरान लेजर बीम बवासीर के घाव को अधिक ताप से जला देती है.
  • इस प्रक्रिया के दौरान आसपास के टिश्यू को भी कोई खतरा नहीं पहुंचता.

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बवासीर के दौरान मरीज को काफी दर्द होता है और इस दौरान स्टूल पास करते समय ब्लीडिंग भी होती है. हर समय खुजली होना भी इसका एक लक्षण है. इन सभी लक्षणों से राहत पाने के लिए बवासीर के उपचार की जरूरत होती है. लेजर ऑपरेशन बहुत ही कम इनवेसिव प्रक्रिया होती है. इसमें मरीज को दर्द महसूस नहीं होता और इसके कुछ ही दिनों बाद वह रोजाना की गतिविधियों को भी जारी रख सकता है.

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बवासीर में लेजर ऑपरेशन काफी प्रभावी तरीका है और इससे बवासीर का साइज सिकुड़ जाता है. इससे बवासीर के दर्द और लक्षणों से राहत पाई जा सकती है. लेजर ऑपरेशन करवाने के बाद हो सकता है आपको थोड़ा–बहुत बाद में दर्द भी हो. इस दर्द से राहत पाने के लिए आपके डॉक्टर जो दवाई सुझाते हैं, उसका सेवन करें.

इस प्रक्रिया में ब्लड फ्लो कुछ समय के लिए रुक जाता है. इसलिए, उस भाग को साफ रखें, जिससे ब्लड फ्लो वापिस वैसा ही हो सके. इस तरीके में बवासीर का साइज छोटा किया जाता है. इसलिए हो सकता है वह कुछ समय बाद फिर उभर कर आ सके. हमेशा के लिए बवासीर से राहत पाने के लिए अन्य प्रकार की सर्जरी का प्रयोग किया जा सकता है.

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लेजर ऑपरेशन बवासीर के इलाज के बेस्ट तरीकों में से एक है. इसके लाभ निम्न प्रकार से हैं-

  • इस तरीके का सबसे अच्छा लाभ यह है कि इस प्रक्रिया के दौरान और इसके बाद मरीज को बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है.
  • कुछ केस में ऐसा होता है कि प्रक्रिया के बाद मरीज को थोड़ा बहुत दर्द होता है. यह एक इनवेसिव तरीका नहीं है अर्थात् इस प्रक्रिया में शरीर में कोई छेद या आक्रामक वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाता है.
  • लेजर ऑपरेशन होने के कुछ ही दिनों बाद रोगी रिकवर हो जाते हैं. काफी जल्दी नियमित रूटीन पर लौटा जा सकता है. हालांकि, इसके बाद पौष्टिक भोजन का सेवन करना और खुद को हाइड्रेट रखना जरूरी होता है.

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बवासीर के लेजर उपचार के बाद नुकसान कम ही हैं. बवासीर को दोबारा होने से बचाने के लिए टॉयलेट में अधिक समय नहीं बिताना चाहिए और उस भाग पर अधिक प्रेशर भी नहीं डालना चाहिए. फिर भी कभी-कभी परेशानी हो सकती हैं. इसलिए, अगर निम्न में से कोई भी परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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बवासीर के इलाज के लिए लेजर ऑपरेशन एक बेहतर विकल्प है. इस तकनीक में मरीज को बिल्कुल दर्द नहीं होता. लेजर तकनीक का खर्च हर हॉस्पिटल में अलग-अलग हो सकता है. आमतौर पर इसका खर्च लगभग 30,000 से 60,000 तक आ सकता है.

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बवासीर का लेजर ऑपरेशन इसके लक्षणों से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है. इसमें न तो अधिक दर्द होता है और न ही प्रक्रिया के दौरान ज्यादा परेशानी या दुष्प्राभव होते हैं. यदि लेजर के बाद यूरिनरी रिटेंशन या जी मिचलाना जैसी कोई समस्या होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. बवासीर की परेशानी के शुरुआत में ही तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए.

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