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माइंड यू" मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अपनी तरह का पहला विस्तृत विश्लेषण है और वह भी एक ऐसी भाषा में जिसे भारत में रहने वाले लोगों के साथ ही विदेशों में रहने वाले भारतीय भी आसानी से समझ सकते हैं और वह है - हिंग्लिश। इसमें कई तरह के नए टॉपिक्स को शामिल किया गया है। क्लीनिकल विकार जैसे - डिप्रेशन से लेकर पैरेंटिंग यानी बच्चों के पालन पोषण के बारे में गहन जानकारी और युवाओं से संबंधित विषय जैसे - सोशल मीडिया से लेकर रिलेशनशिप और सेक्शुऐलिटी तक, इस पॉडकास्ट में सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर है। माइंड यू के हर एपिसोड में एक्सपर्ट चर्चा करेंगे, जिसमें वे दिए गए विषय पर कई प्रश्नों के जवाब देंगे। इस पूरी सीरीज के दौरान एक्सपर्ट हमारे श्रोताओं के उनके दिन-प्रतिदिन के कार्यों और मेंटल हेल्थ के बीच कनेक्शन को समझने में मदद और मार्गदर्शन करेंगे।
हम सभी जानते हैं कि कोविड के अनुकूल व्यवहार क्या है। फिर भी, हम में से बहुत कम लोग इसका पालन कर रहे हैं, तब भी जब भारत में कोविड के मामले बहुत ज्यादा हो गए हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है और हम इसे कैसे बदल सकते हैं? माइंड यू के इस एपिसोड में डॉ समीर पारिख इस पर रोशिनी डाल रहे हैं, और साथ ही कुछ सुझाव और एक संदेश दे रहे हैं।
ऐसी कौन से गलतियां हैं जो हम सभी करते हैं और क्यों? डॉ. समीर पारिख और मीमांसा सिंह तंवर से माइंड यू के इस एपिसोड में सेल्फ सर्विंग बायस, हेलो बायस, एंकरिंग बायस, हाइंडसाइट बायस के बारे में जानें। और यह भी कि आप इनसे कैसे बच सकते हैं।
हम उन पदार्थों को क्यों लेते हैं जो हम जानते हैं कि नुकसानदायक हैं? हम कैसे जान सकते हैं कि हमें मदद की ज़रूरत है, और हम किस से मदद मांग सकते हैं? इस समस्या से उबरने के लिए क्या उपचार उपलब्ध हैं? डॉ समीर पारिख और मनोवैज्ञानिक निश्चय नरुला नशीले पदार्थों के सेवन पर इन और अन्य महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दे रहे हैं माइंड यू के इस एपिसोड में, और साथ ही बता रहे हैं कि कैसे नशे से हम दूर रह सकते हैं।
माइंड यू की इस कड़ी में, मनोवैज्ञानिक दिव्या जैन और मिमांसा सिंह के साथ “आशावादी” होने पर चर्चा से जुड़ें। वे बता रही हैं कि आशावादी होना है क्या, वर्तमान समय में आशावाद क्यों महत्वपूर्ण है, क्या कोई व्यक्ति अत्यधिक आशावादी हो सकता है और क्या यह हानिकारक हो सकता है, और आप आशावादी कैसे बन सकते हैं।
खुशी क्या है? क्या खुश रहने का कोई रहस्य है? क्या आप अपने मन को खुश नुमा रहने के लिए मजबूर कर सकते हैं? इस हफ्ते के माइंड यू के एपिसोड में मनोवैज्ञानिक दिव्या जैन और मिमांसा सिंह तंवर इन सवालों का जवाब तो दे ही रही हैं, और साथ ही इस मजेदार बातचीत में खुश रहने के बारे में और भी बहुत कुछ बता रही हैं।
आर्ट थेरेपी क्या है? थेरेपी के लिए इसका उपयोग कैसे और कब किया जाता है? माइंड यू के इस एपिसोड में साइकेट्रिस्ट डॉ समीर पारिख, थेरेपिस्ट्स अदिति कौल और तनुश्री संगमा से इस चिकित्सा तकनीक के बारे में जानें और साथ ही यह भी कि क्यों रचनात्मकता थेरेपी का मूल अंश है।
हम सब चाहते कि हमारे बच्चे कॉंफिडेंट बनें। माइंड यू के इस एपिसोड में डॉ समीर पारिख, कामना छिब्बर और मिमांसा सिंह तंवर अपनी 2019 की किताब ‘Raising Confident Children: A 52-week Guide', में इस विषय पर बताये कुछ रहस्यों को साझा कर रहे हैं।
बचपन के बुरे अनुभव क्या हैं? जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, इनसे बच्चों का जीवन कैसे प्रभावित होता है? माता-पिता बच्चों को इनका सामना करने के लिए कैसे तैयार कर सकते हैं? क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक कामना छिब्बर और मिमांसा सिंह तंवर माइंड यू के इस एपिसोड में इन और बचपन के शुरुआती अनुभवों के बारे में कई अन्य महत्वपूर्ण सवालों पर चर्चा कर रही हैं।
फैशन की इतनी चोइसस में से हम कैसे चुनते हैं? और कैसे हम अपनी इन चोइसस से खुश रह सकते हैं? माइंड यू की इस कड़ी में डॉ समीर पारिख ऐसे कई दिलचस्प विषयों पर मनोवैज्ञानिक दिव्या जैन और निष्ठा नरूला से बात कर रहे हैं।
कभी सोचा है कि बैट्समैन के दिमाग में क्या चलता है जब पारी में एक गेंद बाकी होती है और जीत के लिए तीन रन चाहिए होते हैं? या एक महत्वपूर्ण मैच से पहले ओलिंपिक खिलाड़ी कैसे अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करते हैं? माइंड यू की इस कड़ी में खेल मनोवैज्ञानिक दिव्या जैन और मनोचिकित्सक डॉ समीर पारिख बात कर रहे हैं खेल मनोविद्यान की।