परिवार में कुत्ता पालना एक अच्छा निर्णय हो सकता है। परिवार में नए सदस्य के आने से न सिर्फ उसकी तरफ से खुशी और प्यार मिलता है, बल्कि वफादारी के साथ खेलने के लिए एक अच्छा साथी और आपकी जीवनशैली में भी सुधार होता है।

भले ही, कुत्ता पालने की बात आनंदित लगे, लेकिन इन्हें एडॉप्ट या गोद लेने से पहले कई कारकों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, खासकर अगर कोई व्यक्ति पहली बार कुत्ता पालने की सोच रहा है तो। 

कुत्ते एक अच्छे दोस्त की तरह रहते हैं उन्हें आपका ध्यान और प्यार चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को अपने व्यवहार या व्यस्त जीवनशैली को देखते हुए ऐसा लगता है कि वे डॉग एडॉप्ट करने के बाद उसे पर्याप्त समय या देखभाल नहीं कर सकते हैं तो ऐसे लोगों को कुत्ता पालने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। इससे मालिक और कुत्ता दोनों के लिए कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

जिस व्यक्ति को कुत्ता पालने की इच्छा है उसे सबसे पहले यह सोचने की जरूरत है कि

  • क्या उसके पास देखभाल करने के लिए उचित समय है?
  • क्या इस निर्णय की वजह से व्यक्ति की पेशेवर और सामाजिक जीवन में कोई बाधा तो नहीं आएगी? 
  • जब आप घर पर नहीं होंगे तो उसकी देखभाल की जिम्मेदारी किसकी होगी?

इसके अलावा कुत्ते को एक निश्चित समय पर टहलाने और प्रशिक्षित करने के बारे में भी सोचने की जरूरत है।

कुत्ते का मालिक बनने के लिए जिम्मेदारी के साथ खर्च वहन करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। इन खर्चों में पशु चिकित्सक का दौरा करना, कुत्ते का भोजन, कपड़े और दवाइयां शामिल हैं। आपको यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि क्या आपका घर कुत्ता पालने के लिए सुरक्षित है जैसे

  • घर में कहीं खुले तार तो नहीं हैं?
  • क्या आपका बगीचा इतना सुरक्षित है कुत्ते को वहां खेलते हुए चोट न आ जाए?

एक पालतू जानवर पालने से पहले उसकी देखभाल को लेकर खुद के साथ ईमानदार होना महत्वपूर्ण है।

आपको कुत्ते के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरुक होने की आवश्यकता है जैसे नियमित रूप से समय पर टीकाकरण करवाना और डीवॉर्मिंग। इसके अलावा, ऐसे सगे संबंधियों से परामर्श लें जो किसी पालतू जानवर को पाल रहे हों, क्योंकि ऐसे लोग अपने व्यक्तिगत अनुभव से सही व सटीक जानकारी दे सकेंगे। एक सही पशु चिकित्सक के निर्दर्शों पर कुत्ते की जीवन गुणवत्ता निर्भर कर सकती है, इसलिए योग्य व अनुभवी या संबंधित द्वारा सलाह दिए गए डॉक्टर के पास जाएं।

हो सकता है कि सावधानी और अतिरिक्त जिम्मेदारी को सोचकर चलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन बता दें यह उतना भी मुश्किल नहीं है। नीचे एक चेकलिस्ट दी गई है जिसमें बताया गया है कि आपको कुत्ता गोद लेने से पहले क्या विचार करना चाहिए, कैसे पता करना चाहिए कि किस ब्रीड का कुत्ता आपके लिए सही रहेगा, घर को कैसे व्यवस्थित करना चाहिए और उसके लिए क्या खरीदना है। हो सके तो यह भी सुनिश्चित करें कि आप अपनी तरफ से उसके लिए बेस्ट करेंगे।

(और पढ़ें - भारत में कुत्तों की नस्ल की जानकारी)

  1. क्या कुत्ते को गोद लेने के लिए तैयार हैं - Kya dog ko god lene ke liye tayyar hai?
  2. किस तरह के ब्रीड का चयन करना चाहिए - Kis tarah ke breed ka chunav karna chahie
  3. कुत्ते के लिए घर कैसे तैयार करें - Dog ke liye ghar kaise tayyar kare
  4. कुत्ते की जरूरतों को कैसे समझें - Dog ki jarurat ko kaise samjhe
  5. कुत्ता पालने से जुड़े टिप्स क्या हैं - Kutta palne se jude tips kya hai

यदि कोई व्यक्ति कुत्ता पालने की सोच रहा है तो सबसे पहले यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या उसे कुत्ते से एलर्जी की समस्या तो नहीं है। इसके लिए आप किसी ऐसे मित्र या रिश्तेदार के घर पर कुछ समय बिताएं और नोटिस करें कि बार-बार छींक या अस्वस्थ महसूस तो नहीं हो रहा है।

अगर आपको पालतू जानवरों के बालों में होने वाली रूसी से एलर्जी है और इसी वजह से आप पालतू जानवर नहीं रखना चाहते हैं तो ऐसे में हाइपोएलर्जेनिक नस्ल के कुत्तों का चुनाव किया जा सकता है। इनके बाल या तो नहीं गिरते या बहुत कम गिरते हैं। बहुत कम बाल गिरने वाले कुत्तों में पोर्ट्युगीज वॉटर डॉग (Portuguese Water Dog), बिचोन फ्रिज (Bichon Frise) या बेडलिंगटन टेरियर (Bedlington Terrier) और बिल्कुल बाल न गिरने वाले कुत्तों में शिह त्ज़ु (Shih Tzu) या यहां तक कि पूडल (Poodle) शामिल हैं।

उत्तेजित होकर कुत्ता पालने की न सोचें, यहां तक कि यदि आप किसी को उपहार स्वरूप पिल्ला देने की इच्छा रखते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है आप जिस व्यक्ति को पिल्ला देना चाहते हैं वो उस पिल्ले की जिम्मेदारी के साथ देखभाल कर सकते हैं। इस दौरान यह भी ध्यान रखा जाता है कि किस तरह की कुत्ते की ब्रीड ठीक रहेगी? क्या वह पालतू जानवर उनके जीवन शैली और बजट में फिट बैठेगा या नहीं।

यदि आपने कभी कुत्ता नहीं पाला है, तो निम्नलिखित बातों पर विचार करें और जिस करीबी के घर में कुत्ता है उससे फायदे और नुकसान के बारे में जान लें।

एक बाहरी व्यक्ति के रूप में कई बार यह आसान दिखाई दे सकता है, लेकिन कुत्ते की देखभाल के लिए समर्पण भाव का होना जरूरी है। अपने मित्र या करीबी से पूछें कि कुत्ते को अपनाने के बाद उनकी जीवनशैली में क्या बदलाव आए और फिर इस बात का अंदाजा लगाइए कि क्या आप भी उन बदलावों के लिए तैयार हैं।

इस बात का विशेष ध्यान रखिए कि यदि आप नहीं हैं तो आपकी अनुपस्थिति में उसका ध्यान कौन रखेगा, खासकर यदि पिल्ला अपनाते हैं तो ऐसे में निरंतर देखभाल की जरूरत होगी। कुत्ते को इधर-उधर भागने देने के लिए आपके पास कितनी जगह है, इस पर भी विचार करें। ध्यान रहे कि ​कुत्ता जितना भागेगा दौड़ेगा उतना एक्टिव रह सकेगा। हालांकि, ल्हासा एप्सो (Lhasa Apso) जैसे छोटे आकार के कुत्ते को जर्मन शेफर्ड जैसे मध्यम आकार के कुत्ते की तुलना में कम व्यायाम की आवश्यकता होती है।

​पालतू जानवर रखने से पहले पशु चिकित्सक से परामर्श करें और जानें कि उसके लिए भोजन, कपड़ा, टीका, दवाइयां और बिस्तर कैसा होना चाहिए। याद रखें कि एक सेंट बर्नार्ड (Saint Bernard) जैसा बड़ा कुत्ता डचशुंड (Dachshund) जैसे छोटे कुत्ते की तुलना में ज्यादा खा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसी भी ब्रीड हैं, जिनमें कुछ बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। उदाहरण के लिए, पग (pugs) में सांस की समस्या और चोकिंग यानी दम घुटने की समस्या के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं।

विचार करें कि क्या आपका अपार्टमेंट या घर कुत्ते के लिए अनुकूल है। उदाहरण के लिए कुछ मकान मालिक अपने परिसर में कुत्तों को रखने की अनुमति नहीं देते हैं। इसके अलावा, बड़ी या अधिक एक्टिव ब्रीड जैसे डेलमेटियन (Dalmatians), लैब्राडोर रिट्रीजर्स (Labrador Retrievers) और रसेल टेरियर्स (Russell Terriers) को गतिविधि करने और दौड़ने के लिए अधिक खुली जगहों की आवश्यकता होती है। यह छोटी या कम जगह पर बहुत खुश नहीं रह सकते हैं। इन नस्लों में पर्याप्त गतिविधि की कमी से मोटापा हो सकता है।

अपने शहर की जलवायु पर भी ध्यान दें। यदि आप गर्म उष्ण उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में रहते हैं और आपके पास साइबेरियन हस्की (Siberian Husky), सेंट बर्नार्ड (Saint Bernard) या तिब्बतन टेरियर (Tibetan Terrier) जैसे ब्रीड हैं तो आपको उनके लिए एयर कंडीशन की व्यवस्था करने की जरूरत होगी।

यदि आप इंडी डॉग (Indie dog) या मट (mutt) को पालने की सोच रहे हैं, तो आप यह जान लें कि यह किसी खास व्यवहार या उद्देश्य के लिए नहीं जाने जाते हैं। इनका स्वभाव केवल प्यार देना और वफादारी करना होता है। यह अधिक सक्रिय और स्वस्थ भी होते हैं। इसके अलावा अन्य कुत्तों की तुलना में इनका रखरखाव कम होता है और यह अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं।

यदि आप कुत्ता पालने की सोच रहे हैं तो आपको अनुभवी लोगों से जानकारी हासिल करने और विवेचनात्मक रूप से सोचने की जरूरत है।

(और पढ़ें -  कुत्ते के काटने पर क्या करें)

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सामान्यतया, कुत्तों की तुलना में पिल्ले अधिक कमजोर, सक्रिय और निर्भर होते हैं। इसलिए आपको शुरू में पिल्ले के साथ पर्याप्त समय बिताना जरूरी है, ताकि वह नए घर का आदी हो जाए। इसके अलावा उचित समय पर ट्रेनिंग और टीका का भी ध्यान रखना चाहिए। जबकि बड़े कुत्ते पहले से ट्रेंड होते हैं और इनमें जरूरी टीके लगे होते हैं। हालांकि, यह पिल्लों की अपेक्षा कम एक्टिव होंगे। यदि आपके पास प्रशिक्षण का समय नहीं है तो ऐसे में बड़ा कुत्ता एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

बड़े कुत्तों में ध्यान देने के अलावा स्वस्थ वातावरण देने की भी आवश्यकता होती है। बड़े कुत्तों में मधुमेह जैसे अंतर्निहित स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने का अधिक जोखिम होता है। किसी निर्णय पर आने से पहले अपने कुत्ते की चिकित्सा और व्यवहारिक पृष्ठभूमि को जानना एक अच्छा विचार है।

ऐसे मामलों में यदि निर्णय नहीं लेते बन रहा है तो अच्छा होगा थोड़ा समय लें, लेकिन सही नस्ल का चुनाव करें। इस​के अलावा निम्नलिखित चीजों पर विचार करें :

  • क्या आप एक ऐसे अपार्टमेंट या घर में रहते हैं जहां खुली व बड़ी जगह है? 
  • कुत्ते के बाल झड़ने और उसके भौंकने के प्रति क्या आप सहज हैं? 
  • क्या कुत्ते का आकार आपके लिए मायने रखता है

क्या कुत्ते के बालों का प्रकार आपके लिए मायने रखता है? जैसा कि घुंघराले बालों वाले कुत्तों का रखरखाव ज्यादा होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाल उलझे हुए नहीं।

हर नस्ल की अलग ​खासियत होती है। उसी तरह इनमें एक्टिविटी लेवल भी अलग-अलग होता है। ऐसे में आपको तय करना है कि किस तरह का साथी आपके लिए फिट रहेगा, ज्यादातर समय में घर में रहने वाला कोई सुस्त या आपके साथ यात्राओं पर जाने वाला कोई एक्टिव डॉग? या आप चाहें तो ऐसे में ब्रीड का चयन कर सकते हैं जो घर व बाहर यात्रा पर दोनों में सहज रहे।

बड़ी नस्ल को जेंटल जायंट के रूप में भी जाना जाता है। यह अच्छे रखवाले (गार्ड) हो सकते हैं, लेकिन इन्हें अधिक स्थान की जरूरत होती है। इन्हें जेंटल जायंट इसलिए कहा जाता है ​क्योंकि यह बच्चों और रोगियों के साथ अच्छा बर्ताव करते हैं। शिकारी कुत्ते जैसे कि कॉकर स्पैनियल (cocker spaniels) बेहद वफादार, चंचल स्वभाव के और मध्यम आकार के होते हैं। इन्हें कुछ मात्रा में व्यायाम या शारीरिक गतिविधि करने की आवश्यकता होती है। चिहुआहुआ (chihuahua) जैसे छोटी नस्ल को कम रखरखाव वाला कुत्ता माना जाता है, लेकिन यह बच्चों के साथ सदैव दोस्ताना व्यवहार करें ऐसा जरूरी नहीं है।

(और पढ़ें - कुत्तों में रेबीज का उपचार)

शुरुआत में, आपको अपने नए दोस्त (पिल्ला या कुत्ता) को सहज महसूस कराने के लिए उसके लिए कुछ खरीदारी करने की जरूरत होगी। यहां आपको उन समान के बारे में बताया जा रहा है :

  • कुत्ते का भोजन और उपचार : पशु चिकित्सक से सर्वोत्तम उत्पादों के बारे में पूछें और यह भी पता करें कितनी बार कुत्ते को खाना देना चाहिए।
  • खाद्य सामग्री और पानी का कटोरा
  • साज-सज्जा का समान
  • कॉलर
  • कुत्ते के खिलौने : सुनिश्चित करें कि सुरक्षित हों, उन्हें इनसे चोट या नुकसान न हो
  • कंबल, तकिया, तौलिया और बिस्तर
  • डॉग क्रेट (यह वैकल्पिक है) : घर में एक कोना फिक्स करें जहां आप अपने कुत्ते को रखना चाहते हैं

इसके अलावा कुछ और भी ऐसे कदम हैं जिनकी मदद से कुत्ते के लिए घर सुरक्षित हो सकता है। जैसे कुत्ते की पहुंच से कुछ घरेलू चीजों को दूर रखें :

  • ब्लीच
  • डिटर्जेंट, कार्पेट क्लीनर, साबुन
  • क्रोसिन जैसी सभी प्रकार की दवाएं
  • धारदार वस्तुएं जैसे कैंची, सुई, चाकू
  • बिजली के तार कहीं खुले न हों
  • चॉकलेट
  • कॉफी, कैफीन युक्त उत्पाद
  • कच्चा, बिना पका हुआ मीट
  • अत्यधिक नमक वाला प्रोसेस्ड फूड
  • खट्टे फल, अंगूर, किशमिश

यह सूची संपूर्ण नहीं है। यदि आप नहीं चाहते कि आपका पिल्ला किसी चीज को छू सके, तो चीजों को उसकी पहुंच से दूर रखें।

अपने कुत्ते को नियमित रूप से टीका लगवाना एक जरूरी कदम है। इसके अलावा कोर वैक्सीन को निर्धारित समय पर पिल्ले को देना चाहिए। कोर वैक्सीन डीएपी (डिस्टेंपर, एडेनोवायरस और पैरोवायरस) है जिसमें कुत्तों में कैनाइन डिस्टेंपर, हेपेटाइटिस और पैरोवायरस को ठीक करने या इनकी रोकथाम के गुण मौजूद होते हैं।

पिल्ले के लिए, डीएपी के लिए कार्यक्रम निम्नानुसार हैं :

  • पहली गोली 6-8 सप्ताह की उम्र में
  • 10-12 सप्ताह में दूसरा शॉट
  • तीसरा शॉट 14-16 सप्ताह में

रेबीज के टीके को तीसरे शॉट के साथ दिया जाता है, लेकिन कुछ पशु चिकित्सक इसे पहले देना उचित समझते हैं।

पिल्ले को डॉक्टर से पूछकर डीवॉर्म (कीड़े मारने की दवा) रखें क्योंकि बच्चे में उसकी मां से कुछ परजीवी स्थानांतरित हो सकते हैं, जिसके कारण उसे गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। पिल्लों की सफाई हर दो सप्ताह में तीन महीने की उम्र तक करनी चाहिए। तीन से छह महीने की उम्र के बीच, उन्हें महीने में एक बार साफ किया जाना चाहिए।

(और पढ़ें -  कुत्तों का स्वास्थ्य और देखभाल)

कुत्ता पालना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। यह अनुभव अपने आप में अद्वितीय है। जैसे-जैसे आप अपने पिल्ले या कुत्ते के साथ समय बिताएंगे वैसे-वैसे आप उनके संकेतों और बॉडी लैंग्वेज को समझ पाएंगे। साथ ही यह भी जान पाएंगे कि वे कब और किन चीजों से खुश रहते हैं। आप अपना कर्तव्य निभाने की कोशिश करें। अगर आपको लगता है कि कुछ गलत है तो उन्हें पशु चिकित्सक के पास ले जाएं। इसके अलावा, आसपास के ऐसे लोगों से मिलते रहें​ जिनके पास पालतू जानवर हैं। इससे आप अपने कुत्ते के स्वास्थ की देखभाल करने के साथ उन्हें खुशहाल जीवन देने में मदद कर पाएंगे।

(और पढ़ें - कुत्तों में फ्रैक्चर)

संदर्भ

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  2. Pet MD. [Internet]. Pet MD, LLC; Dog Vaccinations: A schedule for every life stage
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