कुत्तों में रेबीज क्या है?
रेबीज एक तीव्र वायरल संक्रमण है, जो स्तनधारियों की तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह रोग मुख्य रूप से कुत्ते, बिल्ली, लोमड़ी, बंदर और यहां तक कि मनुष्यों को भी हो सकता है। रेबीज मुख्य रूप से लिसावायरस (Lyssaviruses) के कारण होता है। यह वायरस अत्यंत सूक्ष्म होता है, जिसे सिर्फ माइक्रोस्कोप के जरिए ही देखा जा सकता है। दिखने में यह बंदूक की गोली की आकृति का होता है।
जब किसी संक्रमित जानवर के काटने पर उसकी लार में मौजूद वायरस दूसरे जीव में चले जाते हैं, तो रेबीज विकसित हो जाता है। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के पंजे की खरोंच से भी यह वायरस फैल सकता है।
रेबीज केवल स्तनधारियों को प्रभावित करने वाला रोग है जो विश्व स्तर पर कुत्तों में सबसे अधिक देखा जाता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद दो सप्ताह से चार महीने के बीच लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
इंसानों में रेबीज के मामले सबसे ज्यादा भारत में हैं और यह बीमारी ज्यादातर कुत्तों से प्रसारित होती है। इसे कैनाइन रेबीज भी कहा जाता है। एक बार लक्षण दिखने के बाद कुछ भी नहीं किया जा सकता है, इसीलिए रेबीज को दुनिया में सबसे घातक बीमारियों में से एक माना जाता है। दुनियाभर में सालाना इस बीमारी से 50,000 से अधिक मौते होती हैं। ऐसे में जो लोग कुत्ता या अन्य कोई पालतू जानवर रखते है, उन्हें अपने जानवर का उचित टीकाकरण करवा लेना चाहिए। क्योकि टीकाकरण ही इर रोग का एकमात्र बचाव है।