कुछ मालिक हर समय अपने साथ पालतू जानवर को अपने साथ ही रखते हैं। यही कारण है कि जब मालिक कहीं घूमने जाते हैं तो उनके साथ उनका पालतू जानवर भी दिखाई देता है। यहां तक कि बहुत से लोग अपने कुत्ते को कार में घुमाना पसंद करते हैं। कुत्ते कार की पिछली सीट में आराम से बैठे रहते हैं। इस दौरान या तो वे कार में एअर कंडीशन का आनंद लेते हैं या फिर कार के शीशे खुले होने के कारण वे अपना मुंह बाहर करके बैठे रहते हैं ताकि उन्हें तेज हवा लग सके।
यह कुत्ते जब कार में घूम रहे होते हैं तो आपको दिखने में आनंदित या खुश दिखाई दे सकती है, लेकिन आमतौर पर इन्हें कार की सवारी खास पसंद नहीं होती है, क्योंकि गाड़ी में घूमने के दौरान इनकी तबियत खराब हो सकती है।
क्या आपने कभी अपने कुत्ते को सीट और खिड़की पर पंजे मारते देखा है? यदि हां, तो इसका मतलब है कि उनकी हालत खराब हो रही है। लेकिन ऐसा होता क्यों है? ज्यादातर कुत्ते वाहनों में यात्रा नहीं करते हैं और अगर करते भी हैं तो इसका एक कारण पशुचिकित्सक के पास जाना हो सकता है। कुत्ते को समय-समय पर जरूरी इंजेक्शन लगवाने के लिए वेटरिनरी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है। ऐसे में जिनके पास कार है वे अपनी गाड़ी से कुत्ते को ले जाना पसंद करते हैं। लेकिन जिन कुत्तों को कार में घूमना पसंद नहीं होता वे कार की ओर आकर्षित नहीं होते हैं और कार में जाने से डरते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि इससे उनकी तबियत खराब हो सकती है।
चलते हुए वाहन में कुत्ते को डर लगना या उसकी तबियत खराब होने की स्थिति को 'कुत्ते में मोशन सिकनेस' के नाम से जाना जाता है। युवा कुत्ते में इस समस्या का जोखिम अधिक होता है। इसका कारण है कि इनमें वेस्टिबुलर सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है। बता दें, वेस्टिबुलर सिस्टम मस्तिष्क-संबंधी प्रणाली है जो हमारे मस्तिष्क को गति और सिर की पोजिशन की बारे में जानकारी प्रदान करती है। यह मोटर फंक्शन के लिए भी जिम्मेदार होती है। मोटर फंक्शन में गतिविध के दौरान संतुलन बनाए रखना, सिर और शरीर को स्थिर रखना और मुद्रा बनाए रखना शामिल है।
इसके अलावा छोटे कुत्तों में कान के अंदर की नली (इयर कैनल, जो वातावरण संबंधी जानकारी को मस्तिष्क तक पहुंचाता है) बहुत छोटी होती है जिस कारण कार की गति के अनुसार मस्तिष्क तक तेजी से सिगनल नहीं पहुंच पाते और मोशन सिकनेस की समस्या ट्रिगर हो सकती है।
जो कुत्ते मोशन सिकनेस के शिकार होते हैं उनमें लगातार रोना, लार गिरना, जी मचलाना और उल्टी की समस्या होती है। इसके इलाज के लिए घरेलू उपाय और व्यवहार में परिवर्तन करने वाली थेरेपी की मदद ली जाती है। गंभीर मामलों में पशु चिकित्सक चिंता (एंजाइटी) और उल्टी को रोकने के लिए दवा लिख सकते हैं।
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