कुत्तों में लाइम रोग क्या है?
लाइम रोग को "लाइम बोरेलिओसिस" के नाम से में भी जाना जाता है। यह एक टिक संचारित रोग है, जो ज्यादातर कुत्तों, घोड़ों और बिल्लियों को प्रभावित करता है। लाइम रोग बोरेलिया बर्गडोर्फेरी नामक एक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह टिक उड़ नहीं सकते हैं, इसलिए यह कुत्ते के शरीर पर लंबे समय तक रहते हैं। आमतौर पर इस बीमारी में अवसाद और भूख की कमी जैसी समस्या होती है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर न किया जाए, तो किडनी फेल और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, कुछ दुर्लभ स्थितियों में ह्रदय से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है।
जब ये टिक कुत्ते की त्वचा पर पहुंचते हैं तो अगले 24 से 48 घंटों तक संक्रमण नहीं फैलता है, लेकिन इसके बाद संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू हो सकते हैं। ज्यादातर इन टिक्स का खतरा वसंत और शरद ऋतु के दौरान होता है, क्योंकि इस समय ये शिकार की तलाश में रहते हैं। लाइम रोग एक जानवर से दूसरे जानवर या फिर जानवर से इंसान में नहीं फैलता है।