ज्यादातर लोगों को कुत्ता पालना अच्छा लगता है। वे माहौल को अच्छा बनाते हैं और परिवार के सभी सदस्य उनके साथ खुश रहते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि पालतू जानवर की वजह से मालिक के स्वास्थ्य में सुधार आता है, लेकिन इस बात की पुष्टि करने के लिए अभी कुछ अन्य अध्ययनों की जरूरत है। हालांकि, कुत्ता पालने वालों के लिए यह जानना भी जरूरी है कि दस में से एक व्यक्ति को अपने पालतू जानवर से एलर्जी हो सकती है।
कुत्तों से एलर्जी होने के कारण
यह एलर्जी, उनकी पेशाब से कुछ तरह के रिलीज होने वाले प्रोटीन, त्वचा की कोशिकाओं या उनकी लार के कारण हो सकती है। बालों की रूसी (सूखी और परतदार त्वचा) भी एलर्जी के सबसे बड़े कारणों में से एक है। यह रूसी बहुत सूक्ष्म और हल्की होती है, जिस वजह से लंबे समय तक हवा में मौजूद रह सकती है और बहुत आसानी से ये सांस के माध्यम से इंसान को प्रभावित कर सकती है। इसी तरह जब कुत्ते की लार, पेशाब और मल किसी सतह पर लंबे समय तक पड़ा रहता है तो उनके संपर्क में आने वाली धूल से भी एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। कैनाइन कुत्तों में "कैन एफ1" नामक प्रोटीन होता है, जो एलर्जिक रिएक्शन का कारण बनता है।
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यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे छींक, नाक बहना या बंद नाक, नींद न आना और कुत्ते के साथ खेलने या उनके आसपास रहने से चेहरे पर तेज दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो हो सकता है कि उसे एलर्जी की समस्या हो।
कुत्तों में एलर्जी के लक्षण मनुष्य में सर्दी के लक्षणों के सामान हो सकते हैं। यदि किसी को अस्थमा या सांस संबंधी कोई समस्या है, तो ऐसे में कुत्तों से होने वाली एलर्जी घातक हो सकती है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी नहीं है या किसी समस्या की वजह से उनकी इम्युनिटी कमजोर है, तो ऐसे लोगों को कुत्तों से होने वाली एलर्जी का खतरा अधिक रहता है, जबकि कुछ दुर्लभ मामलों में यह उन व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकता है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी स्वस्थ है।
निम्नलिखित चीजें, जिनकी वजह से एलर्जी की समस्या हो सकती है :
रूसी और बाल
ज्यादातर लोगों का मानना है कि कुत्ते के बालों की वजह से एलर्जी की समस्या होती है, वास्तव में यह सच नहीं है। अक्सर धूल और सूक्ष्म कण उनके बालों से चिपक जाते हैं और जब कोई इंसान इन कुत्तों के संपर्क में आता है, तो उसे एलर्जी होने का जोखिम रहता है। कुत्ते की त्वचा पर मौजूद रूसी में ऐसा प्रोटीन होता है, जो मनुष्यों में एलर्जी पैदा कर सकता है। यह रूसी कुत्ते के फर में फंस जाते हैं और यह कुत्ते की आराम करने की जगह पर भी पाए जाते हैं।
कुछ ऐसे ब्रीड भी होते हैं, जिनके बाल या तो नहीं गिरते हैं या फिर बहुत कम गिरते हैं। ऐसे जानवरों में एलर्जी की समस्या काफी कम रहती है। अध्ययनों से पता चला है कि हाइपोएलर्जेनिक कुत्ते व सामान्य जानवरों के घरों में समान मात्रा में एलर्जी उत्पन्न करने वाले कारक होते हैं।
“हाइपोएलर्जेनिक कुत्ते” ऐसी नस्ल हैं, जिनसे बहुत कम एलर्जिक रिएक्शन होने की आशंका होती हैं। दुनियाभर में इंटरनेट पर और प्रजनकों से यह पता चलता है कि कुछ ब्रीड्स से किसी तरह एलर्जी नहीं होती है, लेकिन वास्तव में यह पूरी तरह से सच नहीं है।
पेशाब, लार और अन्य चीजें
कुछ लोग कुत्ते की लार और पेशाब के प्रति संवेदनशील होते हैं और ऐसे लोगों को एलर्जी की समस्या ज्यादा होती है। एक अध्ययन में हुए, इस बात पर ध्यान दिया गया है कि कुत्तों की नस्ल के अलावा अन्य किन चीजों से एलर्जी की समस्या हो सकती है। याद रखें कि एलर्जी पैदा करने वाले कारकों की वजह से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिसकी वजह से उन्हें एलर्जी हो सकती है।
एलर्जिक प्रतिक्रिया को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चीजों को समझना जरूरी है :
किसी कुत्ते को गोद लेने से पहले ध्यान रखें कि एलर्जी उत्पन्न करने के मामले में छोटी नस्लें बड़ी नस्लों से बेहतर होती हैं क्योंकि इनमें बाल गिरने का जोखिम कम होता है। बालों और फर में धूल और अन्य कण फंस जाते हैं, जो एलर्जी का कारण बनते हैं। हालांकि, एलर्जी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए यदि किसी व्यक्ति को एलर्जी की समस्या है और किसी कुत्ते को गोद लेने की इच्छा रखता है, तो ऐसे में गोद लेने से पहले अपने पसंदीदा ब्रीड से मिलना एक अच्छा निर्णय हो सकता है।
पालतू कुत्ते को हफ्ते में एक या दो बार जरूर नहलाएं। यह कुत्तों में रूसी के स्तर को कम करता है, जिससे एलर्जी का खतरा भी कम रहता है, लेकिन ध्यान रहे कि इन्हें कितनी बार नहलाना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है।
एलर्जी से बचने के लिए घर में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। ऐसे में, घर से उन चीजों को पहचान कर हटा देना चाहिए, जो कुत्ते की लार व पेशाब को सोख सकती हैं। उसके बाल जहां एकत्र हो सकते हैं, ऐसी जगह पर भी साफ-सफाई रखना जरूरी है। एलर्जी से बचने के लिए उसे अपने बिस्तर और सोफे पर आने को सीमित कर देना चाहिए। इसके अलावा उनके खेलने के लिए अलग से जगह होनी चाहिए।
यदि व्यक्ति को किसी कुत्ते में एलर्जी उत्पन्न करने वाली प्रकृति नहीं दिख रही है और उसे पालने की इच्छा रखते हैं, तो पहले उसे गोद में लें। इससे यह पता चलने में मदद मिलती है कि व्यक्ति को किसी प्रकार की एलर्जी तो नहीं। कई लोग अच्छी नस्ल के कुत्ते को गोद लेने से पहले उसे कुछ दिनों के लिए अपने यहां (ट्रायल के रूप में) रखने का अनुरोध करते हैं। बता दें, कुत्तों से एलर्जी का पता लगाने का यह एक अच्छा तरीका है।
यदि कोई कुत्तों से होने वाली एलर्जी के प्रति चिंतित है, तो ऐसे कुत्तों का चुनाव किया जा सकता है, जिनके बाल या तो कम झड़ते हैं या बिलकुल नहीं झड़ते हैं। ऐसे कुत्तों की जानकारी निम्नलिखित है -