कुत्तों में हॉट स्पॉट या एक्यूट मॉइस्ट डर्मेटाइटिस क्या होता है?
कुत्तों में 'एक्यूट मॉइस्ट डर्मेटाइटिस' की समस्या कभी भी विकसित हो सकती है। यह समस्या तब होती है जब कुत्ते एक ही जगह पर अधिक मात्रा में खरोचते या खुजली करते हैं, जिससे वहां निशान पड़ जाता है। त्वचा के ऐसे हिस्सों को हॉट स्पॉट या प्योट्रॉमैटिक डर्मेटाइटिस के नाम से परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर वे उस हिस्से को बार-बार चाटने और चबाने की कोशिश करते हैं, जिस वजह से उस हिस्से के बाल निकल जाते हैं।
कुत्तों में खुजली अक्सर किसी पिस्सू, टिक, कीड़े के काटने, खाने के समान से एलर्जिक रिएक्शन होने, किसी विशेष वातावरण में रहने, कान का संक्रमण, गुदा थैली रोग और अच्छी साफ सफाई न होने के कारण हो सकती है। हड्डियों की समस्याओं की वजह से भी हॉट स्पॉट हो सकता है। इसके अलावा, प्योडर्मा या प्राइमरी स्किन इंफेक्शन भी मॉइस्ट डर्मेटाइटिस का कारण बन सकती है।
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जब कोई कुत्ता किसी घाव को चाटता या काटता है, तो कुत्ते की लार उस जगह पर इकट्ठा हो सकती है। ऐसे में वह हिस्सा ज्यादातर नम रहता है और बैक्टीरिया का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा हो सकता है। इन हॉट स्पॉट का पता जल्दी नहीं लगाने पर इनका आकार तेजी से बढ़ सकता है। यदि इनका इलाज नहीं किया गया तो मवाद बनना शुरू हो सकता है और इससे संक्रमण की स्थिति बदतर हो सकती है।
आमतौर पर यह हॉट स्पॉट लाल, सूजा हुआ और नम होता है। हालांकि, कुछ कुत्तों में घाव छाले की तरह भी दिख सकते हैं। हॉट स्पॉट की समस्या बिल्लियों की तुलना में कुत्तों में अधिक सामान्य है और यह ज्यादातर गर्मियों के मौसम में प्रभावित करता है। यहां तक कि मोटी त्वचा वाले कुत्तों में भी हॉट स्पॉट की आशंका अधिक होती है।
'ब्रॉड बेस्ड एंटीबायोटिक्स' (रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने वाली दवाई) हॉट स्पॉट पर अच्छा असर करती हैं। यदि समय पर उपचार शुरू कर दिया जाए, तो संक्रमण को आगे बढ़ने से आसानी से रोका जा सकता है।
हालांकि, हॉट स्पॉट की रोकथाम को लेकर सचेत रहना बेहतर तरीका है। इसके लिए आप साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और नियमित रूप से कुत्ते की देखरेख करें। अगर कुत्ते की त्वचा पर कोई घाव या सूजन है तो उस हिस्से को सूखा रखें, क्योंकि त्वचा पर नमी की वजह से बैक्टीरिया का जोखिम रहता है।
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