एलर्जी की समस्या सिर्फ मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है, यह कुत्तों में भी हो सकती है। कुत्तों की कुछ नस्ल जैसे चाइनीस शर-पेई, वायरहेयर्ड फॉक्स टेरियर, गोल्डन रिट्रीवर, डालमेशियन, बॉक्सर, बोस्टन टेरियर, लैब्राडोर रिट्रीजर, ल्हासा एप्सो, स्कॉटिश टेरियर और शिह त्जू में एलर्जी विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
कुत्तों में किसी कीड़े के काटने, मौसम बदलने या कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों के सीधे संपर्क में आने की वजह से एलर्जी हो सकती है। कुछ कुत्तों में तीव्रग्राहिता (एलर्जिक शॉक) की समस्या हो सकती है। इस स्थिति को एनाफिलेक्टिक शॉक भी कहते हैं, जिसमें ब्लड प्रेशर अचानक कम हो जाता है और वायुमार्ग पतला हो जाता है। इसकी वजह से सांस लेने में परेशानी आने लगती है। कुत्तों में एलर्जी प्रतिक्रिया की वजह से खांसी, गले में घरघराहट, छींक, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ज्यादातर, कुत्तों में एलर्जी पैदा करने वाले संकेतों को पहचान कर एलर्जी का निदान किया जाता है।
यदि एलर्जी की समस्या गंभीर नहीं है, तो ऐसे में घर पर ही एलर्जी के कारणों को ठीक किया जा सकता है। इस स्थिति में उसके आहार में प्रोबायोटिक्स को जोड़ना फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और आंतों के हानिकारक बैक्टीरिया को कम करने का कार्य करता है। कुत्ते को हमेशा साफ रखना चाहिए। इसके अलावा प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए उन्हें विटामिन सी, विटामिन ए और जिंक सप्लीमेंट दिया जा सकता है।
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