सिर्फ इंसानों में ही दम घुटने जैसी खतरनाक स्थिति नहीं होती है, इस समस्या से कुत्ते भी प्रभावित हो सकते हैं। कई बार कुत्ते के गले में हड्डी का टुकड़ा या कोई अन्य चीज फंस जाती है, जिसके बाद वे खांसने लगते हैं। कई बार इस स्थिति में उन्हें इंसानों की तरह थोड़ी मदद (जैसे सीपीआर) की जरूरत हो सकती है। सीपीआर का पूरा नाम कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन है। इसमें कार्डियो का मतलब 'हृदय से संबंधित', पल्मोनरी का मतलब 'फेफड़ों से संबंधित' और रिससिटेशन का अर्थ 'पुनर्जीवित करना' है।

सीपीआर जीवन को बचाने वाली एक तकनीक है, जिसका उपयोग हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसी आपात स्थितियों में किया जाता है।

दम घुटना एक जानलेवा स्थिति है, जिस पर तुरंत ध्यान देना बेहद जरूरी है। इसमें वायुमार्ग ब्लॉक हो जाता है, इसलिए आपका कुत्ता केवल सीमित संकेत ही दे सकता है कि वह संकट में है। यदि आपका कुत्ता बेदम है और सांस लेने के लिए हांफ रहा है या परेशानी के अन्य संकेत दे रहा है तो ऐसे में आपको तुरंत उसका मुंह खोलकर अंदर फंसी हुई चीज को सावधानी से निकालने की जरूरत है।

  1. कुत्तों में दम घुटने के लक्षण - Kutton me dam ghutne ke lakshan
  2. कुत्तों में दम घुटने का कारण - Kutton me dam ghutne ke karan
  3. कुत्तों में दम घुटने की रोकथाम - Kutton me dam ghutne ki roktham
  4. केनेल खांसी और चोकिंग के बीच अंतर - Kennel khansi aur choking me anter

अक्सर चोकिंग के संकेत स्पष्ट नहीं होते हैं तो यह किसी अन्य बीमारी का संकेत भी हो सकता है, जबकि कई बार यह चोकिंग भी हो सकती है। उदाहरण के लिए यह देखने में केनेल खांसी, उल्टी, छींक, गैगिंग या उल्टी आने जैसा लग सकता है।

इन संकेतों पर तुरंत ध्यान देने और उचित कदम उठाने की जरूरत होती है, क्योंकि दम घुटने की वजह से कुछ मिनट के अंदर कुत्ते की जान जा सकती है। दम घुटने की समस्या में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं :

  • सांस लेने के लिए हांफना -
    यदि आपका कुत्ता सांस लेने के लिए हांफ रहा है, तो बिना देर किए उसके मुंह और गले की जांच करें।
     
  • जीभ व मसूड़ों का नीला या सफेद होना -
    जीभ व मसूड़ों का रंग बदलना ऑक्सीजन की कमी के कारण हो सकता है। यह एक ऐसी खतरनाक स्थिति है, जिसमें कुत्ते को सांस लेने के लिए पर्याप्त हवा नहीं मिलती है।
     
  • अधिक शोर करना -
    अगर आपका कुत्ता चीख रहा है या वह तेजी से सांस लेने की कोशिश कर रहा है, तो आपको उसकी नाक और मुंह से सीटी जैसी आवाज आ सकती है।
     
  • चेहरा ढंकना -
    यदि आपका कुत्ता अपने चेहरे या गले पर बार-बार पंजे ले जाता है, तो इन संकेतों पर ध्यान दें और तुरंत उसके मुंह और गले की जांच करें।
     
  • चिंतित या उत्तेजित होकर कार्य करना -
    बीमारी के कुछ संकेत दिखने के साथ यदि आपका कुत्ता चिंतित लग रहा है, तो हो सकता है कि वह चोकिंग की समस्या से जूझ रहा हो।
     
  • होश गुम होने लगना -
    यदि आपके कुत्ते को लंबे समय से सांस लेने के लिए पर्याप्त हवा नहीं मिल रही है, तो ऐसे में वह होश खोने लगता है। यह एक आपातकालीन स्थिति है और तुरंत उपचार या पशु चिकित्सक के पास जाने की जरूरत है।
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यदि आपको लगता है कि आपके कुत्ते का दम घुट रहा है, तो सबसे पहले आप खुद को शांत रखें और शांति से काम लें। स्थिति देखने में डरावनी हो सकती है, लेकिन फिर भी आपको बुद्धि से काम लेना है और अपने कुत्ते को रिलैक्स करवाने की कोशिश करेंं। कुत्तों में आमतौर पर निम्न कारणों से दम घुटने की समस्या होती है।

  • हड्डियां -
    जब हम मांस खाते हैं तो इस दौरान पालतू जानवर (कुत्ता) भी मांस खाने के लिए इच्छा जाहिर करता है। ऐसे में हमें उसे बची हुए हड्डियां नहीं देनी चाहिए। हड्डी के छोटे टुकड़े विंडपाइप में फंस सकते हैं। इसके अलावा, हड्डियों के तेज किनारे उनके गले को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
     
  • खिलौने -
    पालतू जानवरों के लिए बाजार में कई तरह के चबाने वाले खिलौने और छोटी गेंदें मौजूद हैं, जिनसे उन्हें खेलना पसंद है। लेकिन कई बार ये खिलौने कुत्ते के गले में फंस जाते हैं। वैसे तो ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा छोटे कुत्तों के साथ होता है, क्योंकि वे खिलौनों के साथ ज्यादा खेलते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अपने पालतू जानवर के लिए जो खिलौने लेते हैं वे नुकसानदायक न हों।
     
  • फर्नीचर का टुकड़ा -
    कई बार पालतू जानवर फर्नीचर को काटने की कोशिश करते हैं ऐसे में लकड़ी का छोटा टुकड़ा उनके विंडपाइप में फंस सकता है।
     
  • श्वासनली संकुचित हो जाना -
    शिह त्ज़ु, पूडल और पग जैसी छोटी कद-काठी की नस्लों में विंडपाइप चोक होने का जोखिम अधिक होता है। यदि आप अपने कुत्ते को सांस लेने के लिए हांफते और घरघराहट करते देखते हैं, तो तुरंत इलाज की जरूरत है।
     
  • अधिक कसा हुआ पट्टा -
    कई बार कुत्तों का कॉलर कसा होता है ऐसे में पट्टे को खींचने पर चोकिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए चेन या कॉलर का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • कुत्तों को बेकार की चीजें मुंह में डालने से रोकना आमतौर पर लगभग असंभव होता है, लेकिन ये जरूर ध्यान दिया जा सकता है कि वे क्या चबा रहे हैं, खासकर जब वे घर के बाहर होते हैं।
  • खाने के लिए हमेशा छोटे-छोटे टुकड़े दें, लेकिन जब हड्डियां देनी हो तो बड़े टुकड़े दें ताकि उसके मुंह में फिट न हो पाएं।
  • अपने कुत्तों को छोटी गेंद या खिलौने न दें, जो आसानी से उनके मुंह के अंदर फिट हो सकते हैं।
  • उन्हें पकी हुई मांस की हड्डियां या टी-बोन न दें, जो आपके कुत्ते के गले में फंस सकती हैं।

कुत्तों में केनेल खांसी या इंफेक्शन की वजह से खांसी हो सकती है, जो चोकिंग की तरह लग सकती है। जबकि ये दोनों ही स्थितियां अलग-अलग हैं। फिलहाल नीचे कुछ अंतर बताए जा रहे हैं -

  • जब चोकिंग की समस्या होती है तो आपका कुत्ता तनावग्रस्त दिख सकता है और ऐसे में कभी-कभी गैगिंग (श्वसन मार्ग में अवरोध) के साथ खांसी आ सकती है। केनेल खांसी के दौरान प्रभावित कुत्ते को लगातार खांसी आ सकती है। कभी-कभी रुक-रुककर भी खांसी होती है। 
  • चोकिंग से ग्रस्त कुत्तों में यदि गले या मुंह में फंसी चीज को बाहर निकाल लिया जाए, तो खांसी की समस्या तुरंत ठीक हो सकती है, जबकि केनेल खांसी में ऐसा नहीं होता है।
  • चोकिंग के दौरान तेज चीख वाली खांसी आती है। इस दौरान कुत्ते को तत्काल मदद की जरूरत होती है, जबकि केनेल खांसी वाले कुत्तों में सूखी खांसी होती है।
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