इंसानों की तरह ही कुत्तों में भी हड्डियों के टूटने के मामले सामने आते रहते हैं। कुत्तों में फीमर (जांघ की हड्डी) और उल्ना (अंग में हड्डियां) जैसी हड्डियों के टूटने का खतरा अधिक होता है। ये हड्डियां लंबी और अधिक वजन सहने योग्य होती हैं। आम तौर पर दुर्घटनाओं अथवा हड्डी के कमजोर होने के कारण कुत्तों में फ्रैक्चर के मामले देखने को मिलते हैं। हड्डियों के टूटने के मामले में कुत्तों को डॉक्टर के पास ले जाते वक्त मालिकों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
कुत्तों के शरीर के कई हिस्सों जैसे पसलियां, पीठ या पूंछ में भी फ्रैक्चर हो सकते हैं। इसका उपचार भी फ्रैक्चर के प्रकार और क्षेत्र पर निर्भर करता है। उपचार के पश्चात एक बार फ्रैक्चर ठीक हो जाने के बाद, कुत्ते को कुछ दिनों के लिए चलने और खड़े होने के दौरान सहायता देने और पूर्ण देखरेख की जरूरत होती है। फ्रैक्चर वाले हिस्से को पूरी तरह से सही होने के लिए व्यायाम, मसाज और पूर्ण देखरेख बहुत आवश्यक होती है।