यदि समय रहते उपचार शुरू कर देते हैं तो कीड़ों से जुड़ी परेशानियों का इलाज आसानी से किया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे भी परजीवी हैं, जो पालतू जानवरों में जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं। ये परजीवी जानवरों की आंतों तक पहुंच जाते हैं और पाचन तंत्र को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें से कीड़े हैं जो खासतौर पर कुत्तों को परेशान करते हैं, उनमें से कुछ निम्न हैं :
1. व्हिपवॉर्म
व्हिपवॉर्म बेहद पतले (धागे के समान या इससे भी पतले) परजीवी हैं, इसलिए उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। इन परजीवियों के अंडे मिट्टी में रहते हैं। जब कुत्ते खेलने, खाने या किसी अन्य चीज की तलाश में मिटटी में जाते हैं, तो ये अंडे उनके पैर के पंजो के जरिए शरीर से चिपक जाते हैं। व्हिपवॉर्म की वजह से ज्यादातर पालतू जानवरों में बार-बार दस्त की समस्या होने का जोखिम रहता है। व्हिपवॉर्म आंतों की सूजन का भी कारण बनता है। इस दौरान एनीमिया (शरीर में आयरन की कमी), शरीर में पानी की कमी, सुस्ती और वजन कम होने जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। यह परजीवी कुत्ते के मालिक को प्रभावित नहीं करता।
2. राउंडवॉर्म
राउंडवॉर्म हल्के भूरे या ऑफ-व्हाइट रंग (सफेद रंग का एक शेड) के कीड़े होते हैं, जो कुत्तों की आंतों में रहते और बड़े होते हैं। इन्हें कुत्ते के मल में आसानी से देखा जा सकता है। जब आपका पालतू जानवर किसी राउंडवॉर्म कीड़ों के अंडे से दूषित जगह पर जाता है तो यह अंडे पंजों के जरिए कुत्तों के शरीर में प्रवेश करते हैं। हालांकि, कुछ पिल्लों में राउंडवॉर्म के अंडे उनकी माता से भी फैल सकते हैं। अधिकांश मामलों में मादा कुत्ते के ऊतकों में राउंडवॉर्म के निष्क्रिय लार्वा होते हैं। ये लार्वा गर्भावस्था के अंतिम चरण में पिल्लों के फेफड़ों तक फैल जाते हैं। राउंडवॉर्म के हल्के लक्षणों में पेट दर्द, वजन कम होना, पोषक तत्वों की कमी के कारण सुस्त दिखना, त्वचा शुष्क होना, कमजोरी और कभी-कभी पॉटबेली शामिल है। पॉटबेली में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का सामान्य से ज्यादा उत्पादन होने लगता है, जिसके कारण मोटापा, त्वचा मोटी होना, वजन बढ़ने जैसी समस्या हो सकती है। राउंडवॉर्म से लीवर खराब होने या आंतों के ब्लॉक होने जैसी समस्या भी हो सकती है। यह पालतू जानवरों से मनुष्यों में भी फैल सकता है, इसलिए हमेशा कुत्ते के मल को फेंकने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं और जिस स्थान पर पालतू कुत्ता मल त्याग करता है उसके आसपास अपने बच्चों को खेलने से रोकें।
3. हुकवॉर्म
हुकवॉर्म भी आंतों पर पाए जाते हैं और खून पीकर जिन्दा रहते हैं। जब कुत्ता संक्रमित मल के आसपास या गीली घास, बालू या ऐसी जगह जाता है, जहां संक्रमण फैलने का जोखिम है तो हुकवॉर्म कुत्ते के शरीर में पहुंच जाते हैं। यह दूसरे जानवरों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। इसमें दस्त आना, मसूड़े पीले पड़ना, कमजोरी, थकान और एनीमिया जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वैसे हुकवॉर्म मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए कुत्ते के मालिक व घर के अन्य सदस्यों को भी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
4. टेपवॉर्म
टेपवॉर्म क्रीमी रंग के कीड़े होते हैं, जो छोटी आंत में रहते हैं। हालांकि, वे कुत्तों और अन्य पालतू जानवरों के गुदा क्षेत्र के आसपास भी पाए जाते हैं। ये मिटटी में होते हैं और जब कुत्ता इस संक्रमित मिटटी में जाने के बाद खुद की सफाई करता है तो इस दौरान ये संक्रमण उनके शरीर के अंदर चले जाते हैं।