महिलाओं की तरह पुरुषों के शरीर में भी कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. पुरुषों के शरीर में समय-समय पर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता और घटता रहता है. पुरुषों के शरीर में प्रत्येक दिन टेस्टोस्टेरोन का स्तर अलग-अलग हो सकता है. कुछ दावें हैं कि पुरुषों के शरीर में ये हार्मोनल उतार-चढ़ाव महिलाओं को होने वाले प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के लक्षणों के समान होते हैं. इन हार्मोनल उतार-चढ़ाव के चलते पुरुषों को डिप्रेशन, थकान व चिंता जैसे अनुभव हो सकते हैं. ऐसे में क्या पुरुषों की इस स्थिति को पीरियड्स आना कह सकते हैं?

आज हम इस लेख में जानेंगे कि क्या लड़कियों की तरह लड़कों को भी पीरियड्स आ सकते हैं -

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  1. क्या लड़कों को भी पीरियड्स आते हैं?
  2. पुरुषों को पीरियड्स होने के कारण
  3. पुरुषों को पीरियड्स होने के लक्षण
  4. पुरुषों के पीरियड्स का इलाज
  5. सारांश
  6. क्या लड़कों को भी पीरियड्स आते हैं? के डॉक्टर

महिलाओं की तरह पुरुष भी अपने शरीर में हर महीने हार्मोनल बदलावों का अनुभव कर सकते हैं. बेशक, महिलाओं की तरह पुरुषों को ब्लीडिंग नहीं होती है, लेकिन उन्हें अन्य सभी लक्षण जैसे - मूड खराब होना व चिड़चिड़ापन इत्यादि महसूस होता है. कुछ वैज्ञानिक इस अवस्था को पुरुषों में पीरियड्स आना कहते हैं. मेडिकल भाषा में पुरुषों के शरीर में दिखने वाले इन लक्षणों को इरिटेबल मेल सिंड्रोम (आईएमएस) कहा जाता है.

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पुरुषों के शरीर में इरिटेबल मेल सिंड्रोम के अनुभव होने का मुख्य कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल में उतार-चढ़ाव होना है. टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के शरीर में शारीरिक और मानसिक रूप से अहम भूमिका निभाता है. यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता बेहतर करने के साथ-साथ शारीरिक विकास के लिए भी जरूरी है. ऐसे में अगर पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल असंतुलित होता है, जो उन्हें इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण अनुभव हो सकते हैं. फिलहाल, इरिटेबल मेल सिंड्रोम विषय पर कम ही जानकारी उपलब्ध है, लेकिन प्राप्त वैज्ञानिक शोध के आधार पर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोनल के स्तर को प्रभावित करने वाले कारण निम्न प्रकार से हैं -

  • बढ़ती उम्र की वजह से पुरुषों के शरीर का टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने लगता है. 
  • स्ट्रेस लेवल बढ़ने पर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन असंतुलित हो सकता है. 
  • आहार या वजन में परिवर्तन होने पर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर प्रभावित होता है. 
  • शरीर में किसी तरह की बीमारी जैसे - हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज इत्यादि की वजह से भी हार्मोनल बदलाव देखने को मिल सकते हैं. 
  • नींद की कमी के कारण भी टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव आता है.

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इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाले लक्षणों के समान हो सकते हैं, जैसे- थकान व डिप्रेशन इत्यादि. आइए, ऐसे ही कुछ अन्य लक्षणों के बारे में जानते हैं -

अगर पुरुषों के शरीर में इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो संभावना है कि उनके टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव हो रहा है. हालांकि, इनमें से कुछ लक्षण टेस्टोस्टेरोन की कमी का परिणाम हो सकते हैं. टेस्टोस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होना सामान्य है, लेकिन इसका लेवल काफी ज्यादा गिरने पर पुरुषों के शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, अगर किसी पुरुष को लंबे समय तक इस तरह का अनुभव हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क की जरूरत है. 

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इरिटेबल मेल सिंड्रोम (आईएमएस) का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है. इसलिए, इसके लक्षणों को कम करके परेशानी से राहत पाना एकमात्र इलाज है. इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने के लिए निम्न उपायों का सहारा लिया जा सकता है, जैसे -

  • इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने की कोशिश करें. 
  • मूड को सही रखने की कोशिश करें. 
  • तनाव से दूरी बनाकर रहें. 
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. 
  • हेल्दी डाइट का चुनाव करें. 
  • शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं, इत्यादि.

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पुरुषों को महिलाओं की तरह पीरियड्स का अनुभव होता है. हालांकि, पुरुषों को ब्लीडिंग नहीं होती है. पुरुषों में होने वाले हार्मोनल बदलाव को इरिटेबल मेल सिंड्रोम कहा जाता है. इसमें महिलाओं को होने वाले पीरियड्स के समान ही लक्षण दिखते हैं. बस ध्यान रखें कि अगर पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर काफी कम हो जाए, तो इस स्थिति में उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है.

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