Vedikroots Arogyavardhini Vati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः लिवर रोग, तिल्ली बढ़ना और एनीमिया के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके मुख्य घटक हैं चित्रक, आंवला, हरीतकी (हरड़), बहेड़ा, शिलाजीत, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, कुटकी, कज्जली, ताम्र भस्म जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। इसकी उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
चित्रक |
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आंवला |
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हरीतकी (हरड़) |
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बहेड़ा |
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शिलाजीत |
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अभ्रक भस्म |
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लौह भस्म |
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कुटकी |
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कज्जली |
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ताम्र भस्म |
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Vedikroots Arogyavardhini Vati इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Vedikroots Arogyavardhini Vati की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Vedikroots Arogyavardhini Vati की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Vedikroots Arogyavardhini Vati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Vedikroots Arogyavardhini Vati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव