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Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice मुख्यतः गुर्दे की बीमारी, और पेशाब में जलन और दर्द के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice के मुख्य घटक हैं गोखरू, अश्वगंधा, ब्राह्मी, अर्जुन, कौंच (कपिकच्छु), वरुण, अडूसा, पुष्करमूल, गेहूं के जवारे, और पाशनभेदा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है।
गोखरू |
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अश्वगंधा |
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ब्राह्मी |
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अर्जुन |
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कौंच (कपिकच्छु) |
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वरुण |
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अडूसा |
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पुष्करमूल |
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गेहूं के जवारे |
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पाशनभेदा |
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Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
शोध कार्य न हो पाने की वजह से Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice के हानिकारक प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
क्या Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
कुछ समय से स्तनपान कराने वाली महिला को Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice से किस तरह के प्रभाव होंगे, इस विषय पर किसी भी विशेषज्ञ का कोई मत नहीं हैं। इसलिए डॉक्टर से परार्मश के बाद ही इसका सेवन करें।
Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का पेट पर क्या असर होता है?
बिना किसी डर के आप Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice ले सकते हैं। यह पेट के लिए सुरक्षित है।
क्या Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
शोध उपलब्ध न होने की वजह से Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का बच्चों पर क्या असर होता है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
क्या Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
क्या Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice लेने के बाद आपको नींद नहीं आएगी। इसलिए आप गाड़ी चलाने या दूसरे कामों को आसानी से कर सकते हैं।
क्या Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
Krishna's Herbal & Ayurveda Kidney Relive Juice की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 49-52
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 25-27
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 17-18
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 159 - 160
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 161 - 162
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 116-117
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 120-121