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Khadi Herbal Neem Tulsi Soap बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः चर्म रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Khadi Herbal Neem Tulsi Soap के मुख्य घटक हैं नीम, तुलसी जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Khadi Herbal Neem Tulsi Soap की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
नीम |
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तुलसी |
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Khadi Herbal Neem Tulsi Soap इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Khadi Herbal Neem Tulsi Soap के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
प्रेग्नेंट महिलाएं भी Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का सेवन कर सकती हैं।
क्या Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाएं Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का सेवन कर सकती है।
क्या Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
दुष्प्रभावों की चिंता किए बिना बच्चों को Khadi Herbal Neem Tulsi Soap दी जा सकती है।
क्या Khadi Herbal Neem Tulsi Soap शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Khadi Herbal Neem Tulsi Soap लेने के बाद ड्राइव करना या दूसरे कामों को करना सुरक्षित है, क्योंकि आपको झपकी नहीं आएगी।
क्या Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, Khadi Herbal Neem Tulsi Soap लेने से कोई लत नहीं पड़ती। फिर भी, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही Khadi Herbal Neem Tulsi Soap का इस्तेमाल करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No - 131 - 135
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 170 - 176