New Year Bumper Sale @ Rs. 1 X
Himalaya Protective Sunscreen Lotion बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः धूप से जली त्वचा के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Himalaya Protective Sunscreen Lotion के मुख्य घटक हैं एलोवेरा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Himalaya Protective Sunscreen Lotion की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
एलोवेरा |
|
Himalaya Protective Sunscreen Lotion इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Himalaya Protective Sunscreen Lotion की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Himalaya Protective Sunscreen Lotion की खुराक अलग हो सकती है।
चिकित्सा साहित्य में Himalaya Protective Sunscreen Lotion के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Himalaya Protective Sunscreen Lotion का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Himalaya Protective Sunscreen Lotion का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
Himalaya Protective Sunscreen Lotion किसी भी प्रेंग्नेंट महिला के लिए सुरक्षित होती है।
क्या Himalaya Protective Sunscreen Lotion का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए Himalaya Protective Sunscreen Lotion सही और सुरक्षित है।
क्या Himalaya Protective Sunscreen Lotion का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों में इस्तेमाल के लिए Himalaya Protective Sunscreen Lotion को स्वीकृति नहीं मिली है।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 81-82
C.K. Kokate ,A.P. Purohit, S.B. Gokhale. [link]. Forty Seventh Edition. Pune, India: Nirali Prakashan; 2012: Page No 8.23-8.29