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Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः मानसिक रोग, डिप्रेशन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के मुख्य घटक हैं ब्राह्मी, काली मिर्च, वाचा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
ब्राह्मी |
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काली मिर्च |
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वाचा |
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Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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बुजुर्ग |
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चिकित्सा साहित्य में Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
गर्भवती महिलाओं पर Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का असर क्या होगा इस बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है। इसलिए इसकी सही जानकारी मौजूद नही है।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के अच्छे या बुरे प्रभावों के बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है, इसलिए इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अतः आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का पेट पर क्या असर होता है?
पेट पर Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के बुरे प्रभावों को लेकर कोई रिसर्च न होने के कारण इसके असर के बारे में भी कुछ मालूम नहीं है।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों में Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
रिसर्च न होने के कारण Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
आप Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak को निम्नलिखित के साथ ले सकते है:
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak को शहद के साथ ले सकते है?
आप चाहें तो शहद के साथ भी Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak ले सकते हैं।
क्या Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak को गुनगुना पानी के साथ ले सकते है?
गुनगुने पानी के साथ Dhootapapeshwar Brahmi Vati Buddhivardhak लेना बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 25-27
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 115 - 117
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179