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Cipzer Majoon-E-Najah मुख्यतः घबराहट, नसों की कमजोरी, चिंता, भूलने की बीमारी, मिर्गी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Cipzer Majoon-E-Najah के मुख्य घटक हैं आंवला, हरीतकी (हरड़), बहेड़ा, त्रिवृत , अमर बेल जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Cipzer Majoon-E-Najah की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
आंवला |
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हरीतकी (हरड़) |
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बहेड़ा |
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त्रिवृत |
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अमर बेल |
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Cipzer Majoon-E-Najah इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Cipzer Majoon-E-Najah की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Cipzer Majoon-E-Najah की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Cipzer Majoon-E-Najah के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Cipzer Majoon-E-Najah का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34