वाराही कंद को अपने अद्भुत औषधीय गुणों की वजह से जाना जाता है. इसमें छोटे-छोटे धागे जैसे रेशे होते हैं, जो सुअर के बाल की तरह दिखाई देते हैं. इसी कारण से इस जड़ी-बूटी को वाराही कंद कहा जाता है. आयुर्वेद में वाराही कंद को वात, कफ व पित्त दोष को संतुलित करने वाला माना जाता है. साथ ही बवासीर जैसे रोगों के इलाज में वाराही कंद का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है. शहद के साथ वाराही कंद के पाउडर का मिश्रण लेने से शरीर की सूजन जैसी समस्या कम हो सकती है. वहीं, इसका अधिक सेवन पित्त दोष को बढ़ा सकता है.
आज इस लेख में आप वाराही कंद के फायदे, उपयोग, औषधीय गुण व नुकसान के बारे में जानेंगे -
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