शहद और हल्दी मिलकर बेहद प्रभावशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक बन जाते हैं। इस मिश्रण को "स्वर्ण मधु" के तौर पर भी जाना जाता है जिसका उपयोग हजारों सालों से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हो रहा है। हाल में इसका उपयोग पश्चिमी औषधियों में भी बढ़ गया है।
हल्दी देसी पौधा है। इसका मूलस्थान भारत है। इसका उपयोग भले ही मसाले के रूप में होता हो लेकिन यह असाधारण एंटीबायोटिक है जो तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसमें जलन-सूजन रोधी, कैंसर-रोधी, एंटीवायरल, एंटी-फंगल और एंटी-ट्यूमर जैसे गुण होते हैं। हल्दी का यह गुण बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करता है तथा हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। और सबसे बड़ी बात यह कि इसका कृत्रिम एंटीबायोटिक की तरह हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
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