शहद और हल्दी मिलकर बेहद प्रभावशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक बन जाते हैं। इस मिश्रण को "स्वर्ण मधु" के तौर पर भी जाना जाता है जिसका उपयोग हजारों सालों से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हो रहा है। हाल में इसका उपयोग पश्चिमी औषधियों में भी बढ़ गया है।

हल्दी देसी पौधा है। इसका मूलस्थान भारत है। इसका उपयोग भले ही मसाले के रूप में होता हो लेकिन यह असाधारण एंटीबायोटिक है जो तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसमें जलन-सूजन रोधी, कैंसर-रोधी, एंटीवायरल, एंटी-फंगल और एंटी-ट्यूमर जैसे गुण होते हैं। हल्दी का यह गुण बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करता है तथा हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। और सबसे बड़ी बात यह कि इसका कृत्रिम एंटीबायोटिक की तरह हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

(और पढ़ें - ट्यूमर का इलाज)

  1. हल्दी और शहद के फायदे - Haldi aur Shahad ke Fayde
  2. हल्दी और शहद के नुकसान - Haldi aur Shahad ke Nuksan

हल्दी में एक बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है जिसे कर्क्यूमिन कहते हैं। यह पॉलीफेनॉल होता है जिसका उपयोग 150 से अधिक चिकित्सीय गतिविधियों में एक आवश्यक जैव-सक्रिय तत्व (Bioactive Ingredient) के रूप में किया जाता है।

गौरतलब है कि हल्दी की तुलना अक्सर चीनी जिन्सेंग से की जाती है। इसे शहद के साथ मिलाने से यह और लाभकारी हो जाता है। आइये जानते हैं इसके लाभ के बारे में -

हल्दी और शहद है सूजन कम करने में उपयोगी - Haldi aur shahad ke fayde sujan kam karne ke liye

हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन जलन-सूजन को कम करने में बहुत उपयोगी है। इसी तत्व की वजह हल्दी का रंग पीला होता है। पिछले तीन दशक में हजारों अध्ययन हुए हैं जिनके अनुसार हल्दी, विशेष रूप से कर्क्यूमिन, मानव शरीर के अंदर और बाहर सूजन कम करने में मदद करता है। यही वजह है कि इसका उपयोग गठिया जैसी सूजन की बीमारियों इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा हल्दी और शहद जोड़ों या मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए भी उपयोगी होता है।

त्वचा की सबसे आम परेशानियां जलन-सूजन से जुड़ी होती हैं। ये पेट या आंतों की दिक्कतों या वाह्य कारणों से उभर सकती हैं। लेकिन कारण कोई भी हो, हल्दी की जलन-सूजन को कम करने की शक्ति त्वचा के लिए बहुत अच्छा उपचार है।

(और पढ़ें - सूजन कम करने की विधि)

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हल्दी और शहद करे झुर्रियां कम - Haldi shahad ke labh karen jhuriyon ko kam

हल्दी में कई विटामिन, खनिज और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपके चेहरे से झुर्रियां मिटा सकते हैं। कुछ पोषक तत्वों की कमी या किसी प्रकार के जलन-सूजन के कारण झुर्रियां उभर जाती हैं। ऐसे में हल्दी और शहद को मिलाकर एक मास्क के रूप में उपयोग कर सकते हैं। हल्दी के उपयोग से झुर्रियां, सूजन और अन्य पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है।

(और पढ़ें - झुर्रियां हटाने वाली क्रीम)

हल्दी और शहद है घाव ठीक करने में उपयोगी - Honey and turmeric for healing in hindi

यदि कोई दाग या धब्बा जल्दी दूर करना चाहते हों तो हल्दी का उपयोग करें। 2015 में किए गए एक क्लीनिकल परीक्षण के अनुसार सीजेरियन सेक्शन के बाद महिलाओं ने जल्दी से घाव भरने के लिए हल्दी युक्त क्रीम का उपयोग किया जिससे घाव को जल्दी भरने में मदद मिली थी। हल्दी में तेजी से घाव भरने वाले शक्तिशाली तत्व होते हैं।

(और पढ़ें - घाव भरने के नुस्खे)

हल्दी और शहद है तैलीय त्वचा के लिए लाभदायक - Haldi aur Shahad ke labh oily skin ke liye

त्वचा को रूखेपन से बचाने के लिए कुछ ग्रंथियां स्वाभाविक से तेल का स्राव करती हैं। जिससे त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद मिलती है और ये फटती नहीं हैं। हालांकि इन ग्रंथियों से अत्यधिक स्राव होता है तो त्वचा तैलीय हो जाती है मुंहासे, गाँठ और कई अन्य तरह की समस्याएं उभर सकती हैं।

सभी उम्र के लड़के-लड़कियों और स्त्री-पुरुषों के लिए मुंहासे उभरना गंभीर समस्या हो सकती है।कुछ लोगों को उनकी त्वचा के प्रकार, मौसम और जीवनशैली के कारण अक्सर मुंहासे उभर आते हैं। हालांकि ऐसी स्थिति में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हल्दी आपके बड़े काम की चीज हो सकती है।

ट्रॉपिकल जर्नल ऑफ फार्मास्यूटिक रिसर्च में प्रकाशित 2012 के एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने चार सप्ताह के लिए अपनी त्वचा पर हल्दी युक्त क्रीम लगाई, उनकी त्वचा में सीबम का बनना नियंत्रित हो गया था। जिसका मतलब है कि यह मुहांसों की समस्या से राहत प्राप्त करने का बहुत ही अच्छा उपाय है।

(और पढ़ें - मुंहासे हटाने वाली क्रीम)

हल्दी और शहद करे जुकाम से बचाव - Haldi aur shahad ke gun bachayen jukam se

ज़ुकाम एक आम परेशानी है जो सर्दी के मौसम में या किसी प्रकार ठंढ लगने पर सभी आयु के लोगों को हो सकती है। जुकाम तब भी हो सकता है जब अचानक कुछ बहुत ठंढा खा-पी लें यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होता है और इसके कुछ प्रारंभिक लक्षण हैं जैसे रूखी त्वचा, सांसों में बदबू, थकान, मन अच्छा न लगना आदि। शहद और हल्दी दोनों में एंटीवायरल गुण होते हैं। कुछ रिसर्च के अनुसार हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन श्वसन से जुड़े सिंसीशियल वायरस वायरस को बढ़ने से रोकने में मदद करता है और शहद कुछ एडिनोवायरस के खिलाफ आपकी रक्षा करता है। इन दोनों को एक साथ इस्तेमाल कर जुकाम से जुड़े हर तरह के वायरस से मुकाबला किया जा सकता है।

(और पढ़ें - सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)

हल्दी व शहद दिलाए गले की खराश में राहत - Haldi aur Shahad ke fayde karen gale ki kharash ko theek

गले में खराश किसी भी कारण हो सकती है। यह समस्या पर्यावरण सम्बन्धी विभिन्न समस्याओं और जीवन शैली के कारण हो सकती है। इससे निपटने के लिए कृत्रिम एंटीबायोटिक के बजाय  कुछ घरेलू उपचारों का उपयोग करना बेहतर है।

शहद का उपयोग पारंपरिक तौर पर गले की खराश ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। यह गले को एक परत सी प्रदान करता है जिससे खांसी कम हो सकती है। कुछ रिसर्च के अनुसार यह कुछ आम कृत्रिम दवाओं के मुकाबले ज्यादा असरदार होता है। इसके अलावा हल्दी कफ निकालने के साथ-साथ कफ कम करने भी मदद करती है। अगर आप इन दोनों को एक साथ इस्तेमाल करते हैं तो इससे गले की किसी भी प्रकार की समस्या में राहत मिल सकती है।

(और पढ़ें - एंटीबायोटिक के फायदे)

गले में खराश, सर्दी-खांसी के शुरूआती संकेतों में से एक है जिससे आपको सावधानी से निपटना चाहिए। हल्दी और शहद में कई एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। इसका उपयोग निम्न तरीके से आसानी से हो सकता है-

एक छोटे से बर्तन में शहद लें, अब धीरे-धीरे बर्तन में हल्दी डालें और जब तक गाढ़ा पेस्ट ना बन जाए तब तक एक साथ मिलाते रहें। ध्यान रखें कि इस पेस्ट में कोई गांठ न पड़े। अब इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें।

(और पढ़ें - सर्दी जुकाम में क्या खाएं)

शहद और हल्दी बनाये पाचन प्रक्रिया बेहतर - Shahad aur haldi ke fayde rakhen paachan ko behtar

शहद में हल्दी मिलकर सेवन करने से गैस तथा पेट फूलने की स्थिति में आराम होता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। इस मिश्रण का उपयोग पेट दर्द, पेट के अल्सर और पेट से जुड़ी अन्य दिक्कतों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। हल्दी पाचन तंत्र को साफ करती है। हल्दी के सेवन से लिवर में पित्त ज्यादा बनता है जिससे शरीर की वसा-पाचन की क्षमता बढ़ती है।

(और पढ़ें - पेट फूलने का इलाज)

शहद और हल्दी करे कैंसर से बचाव - Shahad aur haldi ke gunn bachayen cancer se

वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुका है कि हल्दी में पाए जाने वाले कर्क्यूमिन विभिन्न प्रकार के कैंसर कोशिकाओं में एपोप्टोसिस (कोशिकाओं का नष्ट होना) को सक्रिय रूप से बढ़ाने कारगर है। प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में हल्दी बहुत लाभकारी है। यह किसी प्रकार के कैंसर को बढ़ने से रोकने में भी मदद कर सकती है। हालांकि यह कैंसर का इलाज नहीं है।

शहद में फ्लोरल फ्लवोनॉयड होते हैं जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक मुक्त कणों मुकाबला करने में सहायक होते हैं। साथ ही ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर कैंसर से बचाव में मदद करते हैं।

(और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)

जोड़ों के दर्द के लिए हल्दी और शहद के गुण - Jodon ke dard ke liye haldi aur shahad labh

शहद और कर्क्यूमिन दोनों में जलन-सूजन कम करने के गुण होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार हल्दी आर्थराइटिस, विशेष रूप से ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को दूर करने में आइबुप्रोफेन और डिक्लोफेनैक सोडियम की तरह कारगर रहा। इसके अलावा शहद और हल्दी प्राकृतिक होते हैं। इनका पाचन और हृदय वाहिनी तंत्र पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के उपाय)

हल्दी और शहद रखे हृदय को स्वस्थ - Haldi aur shaahd ke aushdhiya gun rakhen hriday ko swasth

शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से कई प्रकार की दिल की बीमारियां हो सकती हैं। कई अध्ययनों के अनुसार हल्दी और शहद हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा 2012 में किये गए एक अध्ययन के अनुसार हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन और एंटीऑक्सीडेंट बाईपास सर्जरी के दौरान रोगियों में हार्ट अटैक की आशंका कम करने में मदद कर सकते हैं।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)

हल्दी और शहद बनाए मस्तिष्क को सजग - Haldi aur shahad banayen dimag ko tej

हल्दी में पाए जाने वाले कर्क्यूमिन का मस्तिष्क पर एंटीऑक्सीडेंट सा असर होता है । साथ ही यह तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा प्रदान करने का भी काम करता है जो शहद की मस्तिष्क कोशिका को सुरक्षा प्रदान करने के गुण में इजाफा करता है।

इसके अलावा हल्दी अल्जाइमर रोग बढ़ने से रोकने में भी लाभकारी है। यह मस्तिष्क में प्लाक को जमने से रोककर मस्तिष्क को ज्यादा सक्रिय बनाती है। साथ ही हल्दी मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह भी बढ़ाती है।  

हल्दी और शहद के मिश्रण का उपयोग डिमेंशिया और मस्तिष्काघात के कई किस्म के उपचार में किया गया है।

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  1. यदि आप पित्त की थैली (Gallbladder) की समस्या से पीड़ित हैं तो हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे पित्ताशय की थैली की मांसपेशियों में संकुचन हो सकता है। (और पढ़ें - गर्भाशय संकुचन क्या है)
  2. हल्दी रक्त को पतला करने वाले तत्व का काम करती है। इसलिए अगर आप वॉरफिनिन या एस्पिरिन जैसी रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं तो इसके सेवन से बचें।
  3. यदि आप गर्भवती हैं या गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हैं तो हल्दी के सेवन से बचें क्योंकि इससे गर्भाशय में संकुचन हो सकता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए)

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