पथरचट्टा औषधीय गुणों वाला पौधा है जिसका उपयोग किडनी से जुड़े रोगों और मूत्र विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। यह सदाबहार पौधा है जो पूरे भारत में पाया जाता है।
खोखले डंठल वाला यह लाल या हरे रंग का पौधा लम्बाई में 3-4 फीट का होता है। इसके पत्ते थोड़े मोटे और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर होते हैं।
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यह पथरी के इलाज के साथ-साथ पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें रेचक गुण होते है जिससे यह बवासीर (पाइल्स) की समस्या से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा यह त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का शमन करता है। पथरचट्टा पेट फूलने की समस्या, अल्सर, घावों को ठीक करने और रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है। किडनी की पथरी और इसी तरह की अन्य समस्याओं को ठीक करने के लिए यह बहुत लाभकारी है।
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