कुचला ऐसा पेड़ है, जिसके फलों के बीजों का इस्तेमाल करके कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं. इसे अंग्रेजी में नक्स वोमिका (Nux vomica) कहा जाता है. इसका इस्तेमाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन, पेट की सूजन, कब्ज, चिंता व माइग्रेन जैसी कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है. वहीं, इसमें स्ट्रिकनीन नामक जहरीला पदार्थ होता है, जिसका सीधे तौर पर सेवन करना घातक माना जाता है. कम मात्रा में भी इसका सीधे तौर पर सेवन करने से बेचैनी, चिंता, चक्कर आना, गर्दन व पीठ में अकड़न और जबड़े व गर्दन की मांसपेशियों में ऐंठन जैसी परेशानी हो सकती है.

आज हम इस लेख में कुचला के फायदे, नुकसान व औषधीय गुणों के बारे में बताएंगे -

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  1. कुचला के औषधीय गुण
  2. कुचला के फायदे
  3. कुचला के नुकसान
  4. सारांश
कुचला के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

कुचला के औषधीय गुण या रासायनिक सरंचना पर अभी तक पूर्ण रूप से अध्ययन नहीं किया गया है. हालांकि, इसमें कुछ मात्रा में एल्केलाइड, जैसे - नेओपेल्लिन, नेप्लिन, इफेड्रिन इत्यादि पाए जाते हैं. साथ ही स्ट्रिकनीन, ब्रुसीन, प्रोटीड, लोगिन ग्लूकोसाइड और गौंद होता है. इसका इस्तेमाल सीधे तौर पर नहीं किया जाता, बल्कि अलग-अलग रूप में किया जाता है, क्योंकि इसमें मौजूद केमिकल जहर के समान होते हैं. अगर इसका सेवन सीधे किया जाए, तो व्यक्ति को नुकसान होने का खतरा होता है. यही कारण है कि कुछ लोग इसे पॉइजन नट्स भी कहते हैं.

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नक्स वोमिका या कुचला के कुछ लाभ हो सकते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है. साथ ही यह दर्द को कम करने का भी गुण रखता है. कुचला के कुछ अन्य फायदे भी हो सकते हैं, जिसके बारे में नीचे बताया गया है -

दर्द के लिए कुचला के फायदे

रिसर्च में बताया गया है कि कुचला के पत्तों के अर्क का इस्तेमाल करके शरीर में होने वाले दर्द से राहत पाया जा सकता है. दरअसल, कुचला के पत्तों में एनाल्जेसिक या दर्द निवारक गुण होता है. वहीं, होम्योपैथिक दवाइयों में इसकी पत्तियों का नहीं, बल्कि बीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, कुचला में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है. रिसर्च में यह भी बताया गया है कि इसके इस्तेमाल से शरीर की सूजन व दर्द को कम किया जा सकता है.

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शुगर के लिए कुचला के फायदे

कुचला का इस्तेमाल डायबिटीज के इलाज के लिए भी किया जाता है. जानवरों पर हुए रिसर्च में खुलासा हुआ है कि कुचला के बीज का अर्क मरीजों के शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित रख सकता है.

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एंटीऑक्सीडेंट गुण के लिए कुचला के फायदे

कुचला में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर रूप से होता है. रिसर्च के मुताबिक, नक्स वोमिका (कुचला) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कई समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकते हैं. हालांकि, इस अध्ययन में यह भी पुष्टि की गई है कि कुचला में मौजूद दो प्रमुख एक्टिव यौगिक ब्रुसीन और स्ट्रिकनीन की उच्च खुराक जहरीला हो सकती है. 

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इन्फ्लूएंजा के लिए कुचला के फायदे

इतना ही नहीं, कुचला के इस्तेमाल से इन्फ्लूएंजा या फ्लू और वायरस से होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है. रिसर्च में देखा गया है कि नक्स वोमिका के पौधे के तने की छाल से तैयार अर्क फ्लू से लड़ने में असरदार होता है.

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कुचला के अन्य लाभ

होम्योपैथिक में कुछ डॉक्टर्स का दावा है कि कुचला (नक्स वोमिका) कई स्थितियों का इलाज करने में मददगार हो सकती हैं, जो निम्न हैं -

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कुचला से होने वाले नुकसान काफी गंभीर हो सकते हैं. यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. इसकी वजह से बेचैनी व ऐंठन इत्यादि परेशानी हो सकती है. इसके साथ ही कुछ अन्य नुकसान हैं, जैसे-

ध्यान रखें कि बिना डॉक्टरी सलाह के इसका इस्तेमाल करना नहीं चाहिए. इससे गंभीर नुकसान हो सकते हैं. वहीं, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कुचला का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे भ्रूण और शिशु को नुकसान पहुंचने की आशंका हो सकती है. साथ ही लिवर की परेशानियों से जूझ रहे व्यक्तियों को भी इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. इससे लिवर डैमेज हो सकता है.

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होम्योपैथिक के इलाज में कुचला का इस्तेमाल किया जाता है. यह एंटीऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण से भरपूर होता है. इसके इस्तेमाल से तनाव, सिरदर्द, माइग्रेन व इनफर्टिलिटी की परेशानी दूर की जा सकती है. बस ध्यान रखें कि बिना डॉक्टरी सलाह के इसका इस्तेमाल करने से काफी गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसलिए, कभी भी बिना डॉक्टरी सलाह के इसका इस्तेमाल न करें.

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