हम सभी मूली के पत्तों का सेवन करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी भी इसके पत्तों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में सोचा है? मानो या न मानो, लेकिन वास्तव में मूली के पत्तों में मूली से अधिक पोषक तत्व शामिल होते हैं। वे ऐसे गुणों से भरे हुए हैं जो आपको बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। ये पोषक तत्वों से समृद्ध आहार प्रदान करते हैं और लोहा, कैल्शियम, फोलिक एसिड, विटामिन सी और फास्फोरस जैसे कुछ महत्वपूर्ण खनिज कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक हैं। तो क्या आप इन स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानना नहीं चाहेंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में -

  1. मूली के पत्ते के फायदे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए - Radish Leaves ke fayde for Immunity in Hindi
  2. मूली के पत्ते हैं आहार फाइबर का स्रोत - Radish Leaves are Source of Dietary Fibers in Hindi
  3. मूत्रवर्धक के रूप में मूली की पत्तियों के लाभ - Radish Leaves Juice Benefits as Diuretic in Hindi
  4. मूली के पत्तों के लाभ ब्लड प्यूरिफिकेशन के लिए - Radish Leaves for Blood Purification in Hindi
  5. बवासीर की अचूक दवा है मूली के पत्ते - Radish Leaves for Piles in Hindi
  6. पीलिया में पिएं मूली के पत्ते का जूस - Radish Leaves Juice for Jaundice in Hindi
  7. मूली के पत्ते हैं गठिया रोग की दवा - Radish Leaves for Arthritis in Hindi
  8. शुगर (मधुमेह) से छुटकारा दिलाएं मूली के पत्ते का सेवन - Radish Leaves for Diabetes in Hindi
  9. शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करें मूली के पत्तों से - Mooli ke Patte ke Fayde for Detoxifying Agent in Hindi
  10. कैंसर के उपचार में मूली के पत्ते हैं सहायक - Radish Leaves for Cancer in Hindi

मूली के पत्तों में मौजूद उच्च लोहा सामग्री थकान के लिए एक आदर्श निवारक (deterrent) है। मूली के पत्ते खनिज में भरपूर होते हैं जैसे लोहे और फास्फोरस जिससे शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ जाती है। इनमें विटामिन सी, विटामिन ए, थियामीन जैसे अन्य आवश्यक खनिजों भी शामिल हैं, जो थकान का  मुकाबला करने में मदद करते हैं। एनीमिया और कम हीमोग्लोबिन के स्तर वाले मरीजों को मूली के पत्तों को ग्रहण करने से फायदा हो सकता है, क्योंकि पत्तियों में मौजूद लोहा उनकी मेडिकल कंडीशंस को कम करेगा। (और पढ़ें – कीवी फ्रूट के फायदे बढ़ाए प्रतिरक्षा प्रणाली)

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मूली के पत्तों में मूली की तुलना में अधिक फाइबर होता है। फाइबर को पाचन प्रक्रिया में मदद करने के लिए जाना जाता है। मूली की पत्तियों की मदद से कब्ज और फूला हुआ पेट जैसे असुविधाजनक समस्या में मदद मिलेगी।

मूली के पत्तों का रस एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है। यह स्टोन्स को पिघलाने में मदद करता है और मूत्राशय को साफ़ करने में मदद करता है। इसके यह गुण मूली में भी होते हैं। मूली के पत्तों में मजबूत रेचक गुण होते हैं जो कब्ज और ब्लॉटिंग को कम करने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - तुलसी के पानी के फायदे हटाए विषाक्त पदार्थों को)

मूली के पत्तों में रक्तशोधक गुण होते हैं। ये स्कर्वी को रोकने में मदद करते हैं। यह आश्चर्य की बात है क्योंकि मूली के पत्तों में जड़ों की तुलना में अधिक मात्रा में विटामिन सी होती है और इसलिए मूली के पत्तों में जड़ की तुलना में मजबूत एंटीकोर्ब्यूटिक गुण होते हैं।

मूली की पत्तियों को बवासीर जैसे दर्दनाक परिस्थितियों के इलाज में मदद करने के लिए बहुत ही अच्छा पाया गया है। जीवाणुरोधी गुणों के कारण मूली के पत्ते सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं। मूली के पत्ते को सुखाकर पाउडर तैयार करें। इसके बाद बराबर मात्रा में चीनी और पाउडर को पानी में मिलकर थिक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट खाया जा सकता है या सूजन पर लगाया जा सकता है। (और पढ़ें – बवासीर का घरेलू इलाज

मूली की पत्तियों से पीलिया जैसी बीमारियों का इलाज होता है (इस बीमारी में शरीर हाइपरबिलीरुबिनमिया (त्वचा का पीला) से पीड़ित होता है)। मूली की पत्तियों को इस स्थिति को ठीक करने में कुशल पाया गया है। पत्तियों को पीस कर एक छिद्रपूर्ण कपड़े के माध्यम से अर्क निकाले की आवश्यकता होती है। पीलिया का इलाज करने के लिए दस दिनों तक रोजाना आधा लीटर रस का सेवन करें। कई हर्बल दवाओं के स्टॉक में लोगों के लिए मूली का रस होता है (जिन लोगों के पास रस को निकालने का समय नहीं होता है)।

गठिया शायद दुनिया में सबसे दर्दनाक बीमारियों में से एक है। इसमें जोड़ों में दर्द और भयानक सूजन होती है जो सभी तरह की असुविधा पैदा कर देते हैं। मूली के रस का को बराबर मात्रा में चीनी और पानी मिक्स करके एक पेस्ट बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पेस्ट ऊपरी तौर पर घुटने के जोड़ों पर लगाया जा सकता है। इस पेस्ट का नियमित उपयोग दर्द को दूर करने और सूजन कम करने में मदद कर सकता है।

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मूली के पत्तों में कई गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार, मूली के पत्ते शुगर (मधुमेह) में शामिल किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है। मूली के पत्ते उच्च रक्त ग्लूकोज के स्तर को कम करके मधुमेह को रोकने में मदद करते हैं।

मूली के पत्तों में आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं। इनमें मौजूद पोषक तत्व और रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं।

पत्तियां विटामिन सी में उच्च होती है जो एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करती हैं और शरीर में डीएनए कोशिकाओं को मुक्त कण के हानिकारक प्रभावों को नियंत्रित करती हैं। इस पौधे में उपस्थित फाइटोकेमिकल्स और एन्थोसायनिन कैंसर-संबंधी गुणों के विरोधी हैं और शरीर को कोलन, पेट, गुर्दा और आंतों जैसे कैंसर से बचाते हैं।


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