मरुआ एक खुशबूदार पौधा है. इसे मीठा मरवा या जंगली मरवा भी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल विभिन्न तरह की डिशेज और दवाइयों को बनाने में किया जाता है. मरवा के पौधे का इस्तेमाल सर्दी, खांसी और अन्य इंफेक्शन के साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जाता रहा है, लेकिन यह डायबिटीज के रोगियों के इस्तेमाल के लिए सही नहीं है.

आइए, इस लेख में हम मरुआ के पौधे के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में जानें -

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  1. मरुआ के पौधे का उपयोग
  2. मरुआ के पौधे के फायदे
  3. मरुआ के पौधे के नुकसान
  4. सारांश
मरुआ के पौधे के फायदे, उपयोग और नुकसान के डॉक्टर

मरुआ की पत्तियों का उपयोग दवाइयों और फूड में किया जाता है. आप इसका उपयोग करके सूप, सॉस और मैरिनेशन को और स्वादिष्ट बना सकते हैं. आइए, मरवा के पौधे के उपयोग के बारे में विस्तार से जानते हैं-

  • मरुआ के पौधे की पत्तियों का उपयोग करके आप चाय बना सकते हैं. इसके लिए आपको इसकी पत्तियों को पानी में कम से कम 3 मिनट उबालने की जरूरत पड़ती है. इसके बाद आप इसमें अपनी पसंद का शहद या मीठा डाल सकते हैं.
  • मरुआ का इस्तेमाल मसाले के तौर पर भी कर सकते हैं. भुनी हुई सब्जियों, मीट की डिश और टमाटर की सॉस में इसका इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट बना देता है.
  • सूप बनाते समय मरुआ की छोटी मात्रा को एक छोटे से कपड़े में बांधकर कड़ाही में डालकर छोड़ दें.
  • हरे धनिया के तौर पर आप मरवा के पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल ग्रीन बींस को गार्निश करने के लिए कर सकते हैं.
  • पिज्जा या सैंडविच में भी मरवा के पौधे की सूखी हुई पत्तियों का इस्तेमाल ऑरेगैनो के तौर पर किया जा सकता है.
  • यदि आप गोभी को रोस्ट कर रहे हैं, तो उसे रोस्ट करने से पहले सूखे मरवा को छिड़कने से इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है.
  • अगर आप मशरूम को मैरीनेट करके बनाना चाह रहे हैं, तो उसके मैरिनेशन में मरवा को सीजनिंग के तौर पर डाल सकते हैं.
  • इसी तरह मीट या अन्य पोल्ट्री डिशेज में भी मरवा सीजनिंग का उपयोग किया जा सकता है.

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मरवा का पौधा खांसी और जुकाम में काफी फायदेमंद साबित हुआ है. अस्थमा रोगियों के इलाज के साथ ही पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी यह राहत दिलाता है. आइए, हम मरवा के पौधे के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

 

एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण

फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले सेल डैमेज को रोकने में एंटीऑक्सीडेंट मदद करते हैं. मरवा में करवक्रोल जैसे कई कंपाउंड पाए जाते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट वाले प्रभाव होते हैं. यह आपके शरीर में सूजन को कम करने में भी सहायक है. सूजन के कम होने से आपको डायबिटीज, कैंसर और अन्य ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने का खतरा भी कम हो जाता है.

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एंटीमाइक्रोबियल एक्टिविटी

मरवा के पौधे में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. इसके एसेंशियल ऑयल को स्किन पर लगाने से फंगल इंफेक्शन ठीक होता है. इसके सप्लीमेंट का इस्तेमाल गट बैक्टीरिया के ज्यादा विकास को ठीक करने में सहायक है. ई. कोलाई बैक्टीरिया द्वारा हुए यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को ठीक करने में भी मरवा के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल अपनी भूमिका निभाता है.

सर्दी, खांसी और अस्थमा में दिलाता है राहत

मरवा के पौधे की पत्तियों से बने एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल सर्दी, खांसी और अस्थमा को दूर करने के तौर पर किया जाता है. जब आप अस्थमा की दवाइयों के साथ इसका सेवन करते हैं, तो यह फेफड़ों के फंक्शन को दुरुस्त करता है.

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डाइजेस्टिव समस्याएं करता है कम

मरवा के पौधे का इस्तेमाल पेट में अल्सर और फूड से होने वाली बीमारी जैसी डाइजेस्टिव समस्याओं को कम करने के लिए किया जाता रहा है.

पीरियड्स को करता है रेगुलेट

मरवा के पौधे का एक्सट्रैक्ट और इसकी चाय आपके पीरियड के साइकिल को रेगुलेट करने में मदद करती है. साथ ही जो महिलाएं गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, उनके अनियमित मासिक धर्म को ठीक करने के लिए हार्मोन बैलेंस को भी रिस्टोर करने में इसके फायदे देखे गए हैं. यह अनियमित पीरियड और एक्ने जैसे लक्षणों वाले हार्मोनल डिसऑर्डर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को भी ठीक करने में सहायक रहा है.

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एंजायटी में देता है राहत

मरवा के पौधे में एंजिओलिटिक या एंजाइटी को कम करने वाले गुण देखे गए हैं. ऐसे में मरवा के पौधे का तेल अरोमाथेरेपी के तौर पर एंजाइटी को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है.

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लंबे समय तक मरवा का इस्तेमाल करते हैं, तो यह नुकसान भी कर सकता है. खासतौर पर दवाओं के रूप में. आइए, हम विस्तार से मरवा के पौधे के नुकसान के बारे में जानते हैं -

प्रेगनेंसी में समस्या

प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को मरवा के सप्लीमेंट के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह रिप्रोडक्टिव हार्मोन और पीरियड को प्रभावित कर सकता है.

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ब्लड क्लॉटिंग को कर सकता है प्रभावित

कुछ शोध बताते हैं कि मरवा के डोज से रक्ते थक्के को जमने से रोक सकता है. यह खासतौर पर ब्लड थिनर लेने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकता.

कुछ दवाइयों के साथ कर सकता है इंटरैक्ट

ब्लड थिनर दवाइयों के साथ मरवा इंटरैक्ट कर सकता है, इससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है. यह डायबिटीज वाली दवाइयों के साथ भी इंटरैक्ट करके आपके ब्लड शुगर को कम कर सकता है. इसलिए, यदि आपको डायबिटीज है, तो मरवा के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें.

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मरवा/मरुआ का पौधा एक खुशबूदार पौधा है, जिसका इस्तेमाल कुकिंग और दवाइयों में किया जाता है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जैसे कि यह सूजन को कम कर सकता है, डाइजेस्टिव समस्याओं में राहत दिला सकता है और पीरियड के साइकिल को रेगुलेट कर सकता है. हां, प्रेगनेंसी, ब्रेस्टफीड और डायबिटीज रोगियों को इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर कर लेनी चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

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