काली किशमिश को पावर हाउस प्लांट भी कहा जाता है. इसका मेडिकल नाम राइब्स निग्रम है और इंग्लिश में ब्लैक करंट कहा जाता है. इसके पत्तियों, फल, फूल व बीज से बने तेल का इस्तेमाल दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है. काली किशमिश में कई प्रकार के विटामिन पाए जाते हैं. यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए भी लाभदायक है. यह ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है, इसलिए लो ब्लड प्रेशर वालों को इसका सेवन सोच-समझकर करना चाहिए. इसका इस्तेमाल जैम और आइसक्रीम बनाने में भी किया जाता है. लोग काली किशमिश बेरी का सेवन भी करते हैं.

आज इस लेख में काली किशमिश के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं -

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  1. काली किशमिश के फायदे
  2. काली किशमिश के नुकसान
  3. सारांश
काली किशमिश के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

काली किशमिश सीड्स ऑयल में जीएलए यानी गामा लिनोलेनिक एसिड नामक एक केमिकल होता है. शोध बताते हैं कि जीएलए इम्यून सिस्टम में सुधार लाकर इसे रोगों से लड़ने के लिए सक्षम बनाता है. यह सूजन की समस्या को भी कम करने में मददगार हो सकता है. आइए, विस्तार से काली किशमिश के फायदे जानते हैं -

विटामिन युक्त काली किशमिश

किशमिश में विटामिन-ए, विटामिन-बी5, विटामिन-बी6, विटामिन-बी1 और विटामिन-ई जैसे कई विटामिन पाए जाते हैं. इसमें विटामिन-सी की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है. सच तो यह है कि काली किशमिश में विटामिन-सी की मात्रा एक संतरे से चार गुना अधिक होती है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा भी ब्लूबेरी की तुलना में दोगुनी होती है. विटामिन-सी के कई लाभ हैं. शरीर प्रोटीन को मेटाबोलाइज्ड करने और निर्माण के लिए विटामिन-सी का इस्तेमाल करता है. ये दोनों स्किन केयर और एंटी एजिंग के लिए जरूरी है.

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इम्यून सिस्टम को करे बूस्ट

विटामिन-सी के अलावा काली किशमिश में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंथोसाइएनिन पाए जाते हैं. ये इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करने में सहायक साबित हुए हैं. इनकी मदद से खराश वाले गले को राहत मिलती है और फ्लू के लक्षण भी कम होते हैं. काली किशमिश की पत्तियों में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-वायरल, एंटी-टॉक्सिक, एंटी-सेप्टिक और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं. शोध बताते हैं कि काली किशमिश के सेवन से उन लोगों का इम्यून रिस्पांस सुधरता है, जो नियमित तौर पर एक्सरसाइज करते हैं. एक अन्य शोध के अनुसार, स्वस्थ बुजुर्गों द्वारा काली किशमिश सीड ऑयल के सेवन से उनका इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है.

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मांसपेशियों में दर्द व सूजन में कमी

काली किशमिश का शरीर के इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस पर सीधा प्रभाव पड़ता है. काली किशमिश के सीड ऑयल में गामा लिनोलेनिक एसिड होता है. यह एक प्रकार का ओमेगा 3 फैटी एसिड है, जो शरीर को सूजन से राहत दिलाने में मददगार है. जीएलए और एंथोसाइएनिन कॉन्टेंट जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाले दर्द, अकड़न और डैमेज को कम करने में मदद कर सकते हैं. शोध से यह भी पता चलता है कि जीएलए सप्लीमेंट्स रूमेटाइड अर्थराइटिस की स्थिति में दर्द वाली दवाइयों को कम करने की क्षमता रखते हैं.

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दिल को रखे दुरुस्त

काली किशमिश में जीएलए के साथ पोटैशियम भी पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है. जीएलए दिल की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में भी मदद करता है और ब्लड वेसल्स में प्लेटलेट्स के जमने को धीमा कर देता है. इसके अलावा, एक शोध में पाया गया कि काली किशमिश के पाउडर ने दिल के रक्त प्रवाह में बढ़ोतरी की और समग्र परिधीय प्रतिरोध को कम किया. इससे पता चलता है कि यह एक्सरसाइज से होने वाली दिक्कत के बाद रिकवर होने में सहायता कर सकता है.

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स्किन सुधारती है काली किशमिश

स्किन पर होने वाली समस्या को ठीक करने में काली किशमिश अहम भूमिका निभाती है. यदि स्किन पर सोरायसिस के लक्षण हैं, तो काली किशमिश ऑयल को लगाने से मदद मिल सकती है. काली किशमिश ऑयल के इस्तेमाल से सोरायसिस के पैच के विकास की गति धीमी हो सकती है. इसे सीधे तौर पर ड्राई, खुजली वाली या चुभने वाली स्किन पर भी लगाया जा सकता है.

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आंखों की सेहत को रखे दुरुस्त

शोध बताते हैं कि जीएलए और लिनोलेइक एसिड ड्राई आई की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकता है. काली किशमिश में ये दोनों चीजें पाई जाती हैं. शोध के परिणाम बताते हैं कि ब्लैक करंट बेरी के सेवन से आंखों के ब्लड फ्लो में सुधार आता है. जो लोग रोजाना कंप्यूटर पर काम करते हैं, उन्हें काली किशमिश से फायदा पहुंच सकता है.

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प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के साथ ही सर्जरी कराने वालों को काली किशमिश के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए. आइए, विस्तार से काली किशमिश के नुकसान के बारे में जानते हैं -

  • काली किशमिश ब्लड क्लॉटिंग को धीमा कर सकती है, इसलिए यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले लोगों के इस्तेमाल के लिए सही नहीं है.
  • यह ब्लड प्रेशर को कम कर सकती है, इसलिए काली किशमिश को लेने से उन लोगों का ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा कम हो सकता है, जिन्हें पहले से ही लो ब्लड प्रेशर की समस्या है.  
  • जिन लोगों की सर्जरी होने जा रही है, उन्हें भी काली किशमिश के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए.
  • प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीड करा रही महिलाओं को भी काली किशमिश के सेवन से पहले अपने डाक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए.

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काली किशमिश विटामिन सुपरस्टार होने के साथ ही इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मददगार है. हालांकि, प्रेग्नेंट या ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए. इसलिए, किसी भी चीज को अपनी डाइट या टॉपिकल तौर पर इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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