अमलतास एक खूबसूरत पेड़ है जो आमतौर पर मध्यम आकार का होता है। इसकी पत्तियां आकार में बड़ी, गहरे हरे रंग की होती हैं और फूल चमकीले पीले रंग के होते हैं। प्राचीन काल से ही अमलतास के पेड़ की शाखा, फल और पत्तियों को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा भी अल्टस के फायदे कई है, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है -

  1. अमलतास के फायदे - Amaltas ke fayde
  2. अमलतास के नुकसान - Amaltas ke Nuksan
  3. सारांश

भारत में पार्क, बगीचों और सड़कों के किनारे अमलतास पाया जाता है। अमलतास का उपयोग श्रीलंका, बर्मा और भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में किया जाता है। आयुर्वेद में इसे कब्ज, बुखार, पाचन समस्याओं और त्वचा रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। कुछ अन्य जड़ी बूटियों के साथ इसके फल के गूदे को कुछ अन्य जड़ी-बूटियों को पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार किया जाता है। यह काढ़ा बुखार में लाभकारी होता है। तो आइये जानते हैं इसके लाभों के बारे में -

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स्किन के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas ke labh tvacha ke liye

इस पेड़ की पत्तियां त्वचा की जलन, सूजन और दर्द का इलाज करने के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। आप दाद और सूजन जैसी समस्याओं का इलाज करने के लिए अमलतास के पत्तों का रस और पेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रभावित क्षेत्रों पर अमलतास की पत्तियों को रगड़ने से भी काफी आराम मिलता है।

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इम्युनिटी के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas ke fayde kare immunity ko majboot

इस पेड़ की छाल और फल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए मदद करते हैं। छाल और फल से प्राप्त काढ़े का सेवन आपकी इम्युनिटी को बढ़ा सकता है -

सामग्री -

  1. अमलतास की छाल
  2. अमलतास फ्रूट 

अमलतास का इस्तेमाल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कैसे करें -

  1. अमलतास की छाल और फल लें और अच्छे से पानी में धोएं। 
  2. अब कुछ पानी लेकर उबलने के लिए रखें। 
  3. आधा पानी रह जाने पर आंच बंद कर दें। 
  4. और ठंडा होने के बाद इसका सेवन करें। 

ये उपाय कितनी बार करें - 

  1. इसे दिन में दो बार अवश्य बना कर पीएं।
  2. जब तक लक्षण रहते हैं, तब तक इसे रोज़ पीएं।

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपाय)

कब्ज के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas ke gunn karen kabj ko dur

इस पेड़ की लुगदी कब्ज का इलाज करने वाले गुण होते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. 50 ग्राम अमलतास की लुगदी (फल का गूदा)
  2. पानी  
  3. चीनी, स्वादानुसार

अमलतास का उपयोग कब्ज दूर करने के लिए कैसे करें -

  1. रातभर​ 50 ग्राम अमलतास लुगदी को पानी में भिगोकर रखें। 
  2. और सुबह छान लें।
  3. अब इसमें स्वादानुसार चीनी डालें और इसका सेवन करें।

ये उपाय कितनी बार करें - 

  1. इसे दिन में दो बार पीएं।
  2. जब तक लक्षण रहते हैं, तब तक इसे रोज़ पीएं।

(और पढ़ें - कब्ज के उपाय)

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सर्दी जुखाम के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas ausdhiya gun de sardi se rahat

सर्दी जुकाम के इलाज में अमलतास बहुत ही अच्छा विकल्प है। आप अमलतास की जड़ को लेकर जलाएं और इससे निकलते हुए धुएं को सूंघें। यह धुआं बहती नाक से राहत दिलाने में भी मदद करता है।

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बुखार के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas ka upyog hai bukhar mein labhkari

अमलतास का उपयोग बुखार के इलाज में मदद कर सकता है। अमलतास के पेड़ की जड़ बुखार को कम करने के लिए टॉनिक के रूप में इस्तेमाल की जाती है। बुखार से लड़ने के लिए अमलतास के अर्क का उपयोग किया जाता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. अमलतास की लुगदी
  2. पानी  
  3. चीनी, स्वादानुसार

अमलतास का उपयोग बुखार दूर करने के लिए कैसे करें -

  1. अमलतास लुगदी को अच्छे से धो लें।  
  2. अब इसे पानी में डालकर तब तक उबालें जब कि पानी आधा ना रह जाएँ। 
  3. अब इसमें स्वादानुसार चीनी डालें और इसका सेवन करें।

ये उपाय कितनी बार करें - 

  1. इसे दिन में दो बार पीएं।
  2. जब तक लक्षण रहते हैं, तब तक इसे रोज़ पीएं।

(और पढ़ें - कालाजार का उपचार)

बच्चों के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas ka sewan hai shishuo ke liye labhdayak

बच्चों में पेट की गैस का इलाज करने के लिए आप नाभि के आसपास बाहरी रूप से अमलतास की लुगदी का इस्तेमाल कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है - 

सामग्री -

  1. अमलतास की लुगदी
  2. बादाम या अलसी का तेल

अमलतास का उपयोग पेट की गैस दूर करने के लिए कैसे करें -

  1. अमलतास की लुगदी को अच्छे से धो लें।  
  2. अब इसे दोनों में से किसी भी तेल में डालकर मिक्स करें। 
  3. अब नाभि के आसपास इस मिश्रण को लगाएं।

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घाव भरने के लिए अमलतास के फायदे - Amaltas hai ghav mein labhkari

अमलतास घावों का इलाज करने के लिए एक घरेलू उपाय है। यह जड़ी बूटी ऊतकों को बढ़ाने में मदद करती है। इसकी पत्तियों से निकाले गए रस का उपयोग घावों के लिए भी किया जाता है।

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  1. इसे डायरिया और खसरा में लेने की सलाह नहीं दी जाती है। 
  2. अधिक मात्रा में सेवन करने से यह दस्त का कारण बन सकता है।

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अमलतास, जिसे वैज्ञानिक रूप से Cassia fistula कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जो अपनी सुनहरी पीली फूलों की लंबी लटकती हुई गुच्छों के लिए जाना जाता है। इसे भारत में कई नामों से जाना जाता है, जैसे 'गोल्डन शावर' और 'इंडियन लैबर्नम'। अमलतास के विभिन्न हिस्सों का उपयोग आयुर्वेदिक और पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। इसके फल, छाल, और पत्तियों में औषधीय गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को सुधारने, कब्ज दूर करने, और बुखार कम करने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, यह त्वचा रोगों और संक्रमणों के उपचार में भी उपयोगी है। अमलतास की प्राकृतिक लैक्जेटिव (रेचक) प्रवृत्ति के कारण इसे पारंपरिक रूप से पाचन समस्याओं के उपचार के लिए खास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।


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