अक्सर परीक्षाओं के वक्त आपका पैकेट में बंद जंक फूड खाने का मन करता है। कई बार आप बंद पैकेट में मिलने वाला यह जंक फूड परीक्षाओं के वक्त खा भी लेते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। विशेषकर परीक्षा के वक्त अपनी इस भूख को जंक फूड से शांत करना आपके लिए अच्छा नहीं होगा। हाल ही में इसको लेकर एक अध्ययन किया गया है।
परीक्षाओं के वक्त खाते हैं जंक फूड
इस अध्यय में यह बात सामने आई है कि परीक्षाओं के वक्त यदि आप ऐसा खाना खाते हैं, जिसमें फलों और हरी सब्जियों की मात्रा कम होती है और फास्ट फूड की मात्रा ज्यादा होती है तो आपको तनाव की समस्या बढ़ सकती है। इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता ने कहा, ‘खराब खान-पान तनाव की तरफ इशारा करता है। लोगों ने तनाव के वक्त अधिक और ज्यादा फैट वाला, शुगर और कैलोरी वाला खाना खाया।’
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अध्ययन के अगुवा शोधकर्ता के मुताबिक, ‘हमारे अध्ययन में यह पता चला कि परीक्षा अवधि के दौरान छात्रों में खाने की गलत आदतों ने तनाव के अनुमान की पुष्टि की। वहीं, शोधकर्ताओं के मुताबिक, अच्छी पढ़ाई और मानसिक प्रदर्शन के लिए एक अच्छे आहार की जरूरत होती है।
आदत बदलने में होती है मुश्किल
प्रमुख शोधकर्ता ने कहा, ‘दुर्भाग्यवश, हमारे अध्ययन में पता चला कि छात्रों को अच्छा आहार खाने में परेशानी आती है और उन्होंने खाने की गलत आदतों को अपना लिया है, जो कुछ हफ्तो बाद उनकी पूरे स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है और इन आदतों को बदलना मुश्किल होता है।’
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200 से ज्यादा छात्रों पर किया गया अध्ययन
यह एक ऑलाइन अध्ययन था, जिसमें बेल्जियम के कई विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया। इसमें 19-22 वर्ष के 232 छात्रों ने हिस्सा लिया। जनवरी 2017 में परीक्षा से पहले और बाद में एक महीने की इस लंबी अवधि में हिस्सा लेने वाले छात्रों से तनाव का खुलासा करने और सवालों का जवाब देने के लिए कहा गया, जिससे उनके खानपान की आदतों और कई मनोवैज्ञानिक कारणों का आकलन किया गया।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने परीक्षाओं के वक्त होने वाले तनाव और खान-पान की गुणवत्ता में बदलाव के बीच के संबंध की जांच की। भले ही इनके संबंध को मानसिक कारणों जैसे खाने पीने का व्यवहार (भावनात्मक, बाह्य, सीमित), खाने की पसंद का उद्देश्य, स्वाद को तरजीह, फायदे और नुकसान के प्रति संवेदनशीलता, रणनीति अपनाने, आलसी व्यवहार और सामाजिक सहायता से बदला गया हो।
एक महीने की लंबी अवधि के दौरान, शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों को अच्छे खानपान पर बने रहने में मुश्किलें आईं और मात्र तिहाई लोग ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रति दिन 400 ग्राम फल और सब्जियां खाने के सुझाव को पूरा कर पाए। वहीं, दूसरी तरफ छात्रों ने ज्यादा जंक फूड खाने से तनाव का स्तर बढ़ने की बात कही।
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भावनाओं में बहकर खाते हैं जंक फूड
अध्ययन में पता चला कि भावनात्मक रूप से खाने वाले (जो नकारात्मक भावनाओं की प्रतिक्रिया में खाते हैं), खाने की अच्छी खुशबू या उसे देखकर खाने वाले, मीठा या फैट को पसंद करने वाले, स्वास्थ्य से ज्यादा प्रेरित लोग, फायदे और नुकसान के प्रति संवेदनशील, अधिक आलसी और इस दौरान तनाव को सबसे ज्यादा झेल रहे लोगों में नुकसानदायक फूड को पसंद करने का खतरा सबसे ज्यादा है।