अगर आप रात की शिफ्ट में नौकरी करते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। एक हालिया शोध में यह जानकारी सामने आई है। खबर के मुताबिक, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी अमेरिकी पत्रिका 'दि जर्नल ऑफ दि अमेरिकन आस्टियपैथिक एसोसिएशन' में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि लगातार रात की शिफ्ट में काम करने से हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज-2 जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

पत्रिका की रिपोर्ट की मानें तो रात के समय काम करने से शरीर में स्लीप डिसऑर्डर (नींद की बीमारी) और मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। इनसे व्यक्ति को दिल की बीमारी, स्ट्रोक और डायबिटीज-2 जैसी शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं।

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  1. सेहत पर कैसे असर करती है नाइट शिफ्ट
  2. ऐसे करें बचाव
  3. क्या है डायबिटीज-2 की समस्या?
  4. स्ट्रोक क्या है?

रिपोर्ट में अस्पतालों में नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों से जुड़े आंकड़े पेश किए गए। इनमें बताया गया कि रात में काम करने वाली नौ प्रतिशत नर्सें मेटाबॉलिक सिंड्रोम का शिकार हैं, जबकि दिन की शिफ्ट में काम करने वाली केवल 1.8 प्रतिशत नर्सें मेटाबॉलिक सिंड्रोम से ग्रस्त पाई गईं। एक अन्य अध्ययन के आधार पर पत्रिका ने बताया कि लंबे समय तक शिफ्ट में काम करने से यह खतरा और बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, नाइट शिफ्ट में काम करने से शरीर का 'सर्केडियन रिदम' (बॉडी क्लॉक या शारीरिक चक्र) प्रभावित होता है। यानी इससे व्यक्ति में शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक बदलाव देखने को मिलते हैं। उसके सोने और उठने की समय प्रक्रिया बाधित होती है। शारीरिक चक्र में बदलाव के कारण तंत्रिका (नस) और हार्मोन सिग्रलिंग यानी शरीर को संकेत देने वाली प्रक्रिया भी प्रभावित होती है।

वहीं, कुछ पुराने अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि अलग-अलग शिफ्ट में काम करने से लोग प्रोटीन युक्त खाना और सब्जियों की अनदेखी कर शुगर और सेचुरेटिड फैट युक्त स्नैक्स खाने लगते हैं। इससे भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

मेडिकल विशेषज्ञ कहते हैं कि रात में काम करने वाले लोगों को अपनी नींद को पूरी करने के लिए समय निश्चित करना चाहिए, क्योंकि बार-बार शिफ्ट बदलने से सोने का क्रम ज्यादा प्रभावित होता है। स्वास्थ्य जानकार यह सलाह भी देते हैं कि सोने से 5 घंटे पहले एक निर्धारित वक्त पर रोजाना व्यायाम जरूर करना चाहिए। इससे बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है।  

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वहीं, myUpchar से जुड़ीं डॉक्टर जैसमीन कौर का कहना है कि अगर नाइट शिफ्ट करते हैं तो दिन के समय बाहर भी निकलें। इससे शरीर को धूप मिलेगी, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा। इसके अलावा संतुलित आहार और व्यायाम करें। साथ ही वक्त पर खाना खाएं।

डायबिटीज टाइप 2 ऐसी समस्या है, जिसके कारण खून में शुगर का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। मधमुेह के ज्यादातर मरीज इसी से प्रभावित होते हैं। मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर बुजुर्ग लोगों में होता है, लेकिन यह कम उम्र वाले लोगों और कभी-कभी बच्चों में भी हो सकता है। डायबिटीज-2 के लक्षण खून में शुगर की मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसके कारण अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, सुस्ती, थकान, नींद आना, धुंधला दिखना, अधिक भूख लगना और तेजी से वजन कम होना जैसे लक्षण शामिल हैं।

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स्ट्रोक मस्तिष्क से जुड़ी समस्या है। इसमें इंसान के मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है या उसकी कोई रक्त वाहिका फट जाती है। इससे मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। स्ट्रोक आने के कुछ मिनटों बाद मस्तिष्क की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं। इससे दिमाग के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या मर जाते हैं। स्ट्रोक से स्थायी मस्तिष्क क्षति, दीर्घकालिक विकलांगता, यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।

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