माॅनसून का मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लाता है, जिसमें से एक आई फ्लू भी है. इन दिनों राजधानी दिल्ली समेत देशभर में आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वैसे तो हर वर्ष मॉनसून के आते ही कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण फैलने लगता है, लेकिन इस बार इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एम्स में आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेलमिक साइंसेज के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. स्कूली बच्चे भी इस संक्रमण का शिकार हो रहे हैं, जिसे देखते हुए अधिकतर स्कूलों के मैनेजमेंट ने परिजनों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

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  1. एम्स में रोज 100 मामले
  2. क्या होता है कंजंक्टिवाइटिस?
  3. कैसे बचें आई फ्लू से?
  4. आई फ्लू हो जाए, तो क्या करें?
  5. सावधान - देशभर में तेजी से बढ़ रहे आई फ्लू के मामले के डॉक्टर

डॉ. जेएस टिटियाल ने बताया कि एम्स में रोजाना आई फ्लू के करीब 100 मरीज आ रहे हैं, जिनमें से 25 से 30 इमरजेंसी में आ रहे हैं. आमतौर पर यह समस्या वायरस के कारण होती है और 1-2 हफ्ते में ठीक भी हो जाती है, लेकिन अगर साथ में बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो जाए, तो यह गंभीर रूप ले लेता है.

सफदरजंग अस्पताल में नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. अनुज मेहता ने भी दिल्ली में आई फ्लू के मामले बढ़ने की पुष्टि की है. उनका कहना है कि अस्पताल के ओपीडी में कंजंक्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हाइजीन का ध्यान न रखने के कारण यह संक्रमण तेजी से फैलता है और बच्चे हाइजीन का ध्यान नहीं रख पाते हैं, जिस कारण वो इसका शिकार जल्दी होते हैं.

बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ही अधिकतर स्कूल बच्चों के परिजनों को इस संबंध में जागरूक रहे हैं. स्कूल मैनजमेंट की तरफ से एडवाइजरी जारी करके परिजनों को इस संक्रमण के प्रति सचेत किया जा रहा है. साथ ही उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अगर बच्चे की आंख लाल नजर आए, आंख से पानी आए या आंख में दर्द महसूस हो, तो बच्चे को स्कूल न भेजें.

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क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, कंजंक्टिवाइटिस एक प्रकार से आंखों में होने वाला संक्रमण है. इसके कारण पलकों के टिश्यू में सूजन आ जाती है. यह समस्या एलर्जी, जलन, बैक्टीरिया या फिर वायरस के कारण होती है. यह एक संक्रामक रोग है, जो एक संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है.

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यहां बताए गए तरीकों की मदद से आप आई फ्लू से बच सकते हैं -

  • आंखों को टच करने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ पानी से या हैंड सैनिटाइजर से धोएं.
  • आंखों में खुजली होने या गंदगी जाने पर पानी से साफ करें.
  • अगर फिर भी खुजली दूर न हो, तो डॉक्टर से पूछकर आई ड्रॉप्स डालें.
  • अपना तौलिया, तकिया, कपड़े, चादर, आंखों का मेकअप, चश्मे और आई ड्रॉप आदि किसी के साथ शेयर न करें.
  • तेज धूप में या हवा में जाने से पहले सन ग्लासेस पहनें.
  • अगर किसी को आई फ्लू है, तो उससे दूरी बनाकर रखें और भीड़ में जाने से बचें.

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अगर तमाम सावधानियां बरतने पर भी आई फ्लू हो जाता है, तो ये घरेलू उपचार आपकी मदद करेंगे -

  • साफ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा रखकर आंखों की सिकाई करें.
  • आलू को काटकर उसका एक टुकड़ा आंख पर रखें.
  • पालक और गाजर का एकसाथ जूस निकालकर इसे पिएं.
  • आंखों में एक या दो बूंद गुलाब जल की डालें, इससे आंख साफ हो जाती है.
  • नम कैमोमाइल टी बैग को पलकों पर रखने से आई फ्लू के लक्षण कम हो सकते हैं.
  • त्रिफला को पानी में भिगो लें और फिर पानी को छानकर इससे आंखों को धोएं.
  • संक्रमित व्यक्ति अपना तौलिया, रूमाल, बेड शीट किसी के साथ भी शेयर न करे.
  • दिन में 3-4 बार आंखों में पानी की छींटे मारकर धोएं.

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