महाराष्ट्र की 38 वर्षीय महिला 20वीं बार प्रेगनेंट थी। इससे पहले वह 17 बार बच्चों को जन्म दे चुकी है, जिनसे उसकी 9 पुत्रियों सहित कुल 11 संतानें हैं। इस दौरान वह 3 बार गर्भपात से भी गुजरी।
महिला महाराष्ट्र के बीड जिले के मजलगांव तहसील की रहने वाली है, लेकिन वह काम के सिलसिले में कर्नाटक के बेलगाम जिले में रहती है। महिला घुमंतू गोपाल समुदाय से ताल्लुक रखती है जो आमतौर पर मजदूरी करके अपना जीवन चलाते हैं। खानाबदोश होने के कारण यह एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं। इसी वजह से महिला ने कर्नाटक के बेलगाम जिले में गन्ने के खेत में बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, कुछ समय बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई।
(और पढ़ें - जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकता है प्रीमैच्योर डिलीवरी का जोखिम)
इतने अधिक गर्भपात क्यों हुए?
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर अर्चना निरूला के मुताबिक 20 बार प्रेग्नेंट महिला का शरीर और गर्भाशय दोनों ही कमजोर हो जाता है। यही कारण है कि महिला को कई गर्भपात का सामना करना पड़ा है। हमारे देश की महिलाओं का स्वास्थ्य वैसे भी बेहद कमजोर होता है और ज्यादातर में खून की कमी पाई जाती है।
जन्म देते समय महिलाओं में खून की कमी आना सामान्य बात होती है, लेकिन इसी कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को 8 से 9 किलो वजन बढ़ाने की सलाह देते हैं। इससे गर्भपात का जोखिम बेहद कम हो जाता है और बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता है। हालांकि, यह सभी महिलाओं के लिए मुमकिन नहीं हो पाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं यह महिला है, ऐसे मामलों में महिलाओं को गरीबी के कारण सही पोषण नहीं मिल पाता है।
(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)
प्रेगनेंसी के दौरान जरूरी पोषक तत्व
ऐसे समय में अधिक से अधिक खनिज पदार्थ और विटामिन का सेवन करना चाहिए। संतुलित आहार खाने से बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता है और मां के स्वास्थ्य को भी अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रेगनेंसी में क्या खाएं :
- दूध से बने उत्पाद
- फलियां और सूखे मेवे
- शकरकंद और अंडे
जरूरी विटामिन और खनिज पदार्थ :
- आयरन
- फोलिक एसिड
- आयोडीन
- कैल्शियम
- प्रोटीन
गरीबी के कारण अक्सर महिलाएं महंगे आहार का सहारा नहीं ले पाती हैं। इसका मतलब यह नहीं कि पोषक तत्वों की कमी केवल महंगे आहारों से ही पूरी की जा सकती है। निम्न कुछ ऐसे विकल्प हैं जो हर गर्भवती महिला खरीद और खा सकती है :
- केला
- शकरकंद
- दालें
- जई
- मक्का
- राजमा
- छोले
- दूध
- दही
- सोयाबीन
- हरी सब्जियां
- भुना हुआ आलू
अधिक मात्रा में भोजन करने की बजाय छोटे-छोटे अंतराल में खाएं, ऐसा करने से उल्टी और मतली के लक्षण कम होंगे।
(और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल, प्रेगनेंसी केयर टिप्स)
कितनी बार प्रेगनेंट होना सही है
डॉक्टर अर्चना निरूला ने बताया कि किसी भी महिला का 20 बार गर्भवती होना स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाल सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हर एक डिलीवरी के बाद महिला के जन्म देने की क्षमता प्रभावित होती जाती है। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय फूल जाता है, लेकिन जन्म के बाद वह फिर से खिचने लगता है जिसका असर महिलाओं के पेट पर भी पड़ता है।
डॉक्टर यही सलाह देते हैं कि 2 से 3 बार बच्चों को जन्म देना स्वस्थ रहता है, मां के लिए भी और बच्चे के लिए भी। इसके अलावा अधिक बच्चों से घर की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। इसलिए अगर आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो तो ही 2 से ज्यादा बच्चे करने का निर्णय लें।