आप अपने परिवार के हीरो हैं। उनकी हर जरूरत का ख्याल रखना आप अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। आप उनके स्वास्थ्य के प्रति भी चिंतित रहते हैं। इसलिए आप उनके लिए सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स लेना चाहते हैं। आज देश में करीब 30 इन्शुरन्स कंपनियां है जो हेल्थ इन्शुरन्स प्रोडक्ट बेचती हैं। इन्शुरन्स कंपनियां आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई तरह के हेल्थ प्लान पेश करती हैं। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि आपके लिए 'myUpchar बीमा प्लस' क्यों और कैसे एक बेहतर हेल्थ पॉलिसी हो सकती है। इसके लाभ और प्रीमियम के बारे में भी आप इस लेख में जान पाएंगे।

  1. myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी क्या है - What is Bima Plus in Hindi
  2. myUpchar बीमा प्लस की खास बातें - Important facts about Bima Plus in Hindi
  3. myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी क्यों खरीदें - Why you should purchase Bima Plus in Hindi
  4. इन बातों का ध्यान रखें - Important points before buying Bima Plus in Hindi

myUpchar बीमा प्लस एक हेल्थ पॉलिसी है। देश का नंबर वन हेल्थ-टेक पोर्टल और अग्रणी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी केयर हेल्थ इन्शुरन्स मिलकर आपके लिए यह प्लान लेकर आए हैं। 

myUpchar बीमा प्लस हेल्थ इन्शुरन्स किसी भी अन्य हेल्थ इन्शुरन्स की ही तरह आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आपको कई तरह की सुविधाएं देता है। इस प्लान की खास बातें आगे जानते हैं।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर होता है)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

myUpchar बीमा प्लस प्लान लेने के बाद आपको कोरोना संक्रमण होने की स्थिति में भी डरने की जरूरत नहीं है। इस पॉलिसी के तहत कोविड-19 के इलाज को कवर किया जाता है। इसके तहत आप अपने (कुल बीमाधन) सम-इनश्योर्ड तक क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा मरीज के अस्पताल में भर्ती होने पर कमरे और आईसीयू का किराया, डॉक्टर की फीस इस पॉलिसी में कवर होते हैं। इमरजेंसी में तो आपके लिए यह पॉलिसी बेहद उपयोगी साबित हो ही सकती है। जिन बीमारियों के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए आप प्लान करके भी अस्पताल पहुंच सकते हैं। जरूरी नहीं कि हर बीमारी का इलाज अस्पताल में ही हो, कुछ बीमारियों का इलाज डे-केयर प्रोसीजर के तहत भी आप myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी के माध्यम से करवा सकते हैं। इसमें भी आप सम-इनश्योर्ड तक क्लेम कर सकते हैं।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता)

प्री-पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवर : myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी में आपके अस्पताल में भर्ती होने से पहले 30 दिन और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 60 दिन बाद तक के मेडिकल खर्चों को कवर किया जाता है। इस बीमा पॉलिसी के तहत 24 महीने के वेटिंग पीरियड के बाद कुछ खास प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज को भी कवर किया जाता है। दुर्घटना या चोट के मामले में बीमा कंपनी के तहत तुरंत क्लेम किया जा सकता है, अन्य मामलों में 30 दिन का वेटिंग पीरियड है। यानी पॉलिसी लेने के तीन दिन बाद ही आप कोई भी अन्य क्लेम ले सकते हैं।

प्री-पॉलिसी चेकअप जरूरी नहीं :  अगर आपने myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी लेने का मन बना लिया है तो निश्चिंत रहें, इसके लिए आपको पॉलिसी लेने से पहले हेल्थ चेकअप की आवश्यकता नहीं है। इमरजेंसी के समय आप 1500 रुपये तक का एम्बुलेंस खर्च भी इस पॉलिसी के तहत क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा आपकी कुल बीमा राशि (सम-इनश्योर्ड) का एक फीसद रूम रेंट और 2 फीसद आईसीयू में भर्ती होने पर क्लेम मिलता है। यानी अगर आप तीन लाख का सम-इनश्योर्ड लेते हैं तो आप अस्पताल में भर्ती होने पर 3 हजार रुपये तक का रूम और 6 हजार रुपये तक का आईसीयू का खर्चा क्लेम कर सकते हैं।

(और पढ़ें - सबसे सस्ता स्वास्थ्य बीमा कौन सा है)

गंभीर बीमारियों की कवरेज : myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी के तहत जानलेवा बीमारियों का इलाज भी कवर होता है। यही नहीं डे-केयर प्रोसीजर, घरेलू देखभाल के खर्चों को भी इस हेल्थ प्लान के तहत कवर किया जाता है। 

आपने myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी की खास बातें जान ली हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि आप अपने परिवार के लिए यही पॉलिसी क्यों खरीदें। देश में करीब 30 इन्शुरन्स कंपनियां है और उनके सैकड़ों हेल्थ प्लान भी हैं। ऐसे में यह पॉलिसी उन सबसे अलग कैसे है? चलिए जानते हैं -

(और पढ़ें - फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स क्या होता है )

प्रीमियम

आज अगर आप हेल्थ इन्शुरन्स खरीदने जाते हैं तो आपकी उम्र के अनुसार इन्शुरन्स कंपनियां भारी-भरकम प्रीमियम वसूलती हैं। बता दें कि हेल्थ इन्शुरन्स में उम्र के साथ प्रीमियम में बढ़ोतरी होती रहती है। अब अगर बात करें myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी की तो आप 1 लाख, 2 लाख या 3 लाख का सम-इनश्योर्ड ले सकते हैं। उदाहरण के लिए मान लें कि आपकी उम्र 41 साल है और आप अपने तीन लाख के हेल्थ इन्शुरन्स में पत्नी और दो बच्चों को भी शामिल करना चाहते हैं। इसके लिए आपको 12676 रुपये का प्रीमियम देना होगा। जबकि आप किसी अन्य कंपनी का ऐसा ही प्लान लेंगे तो आपको 15 हजार से ज्यादा प्रीमियम चुकाना होगा। यह पॉलिसी लेकर आप स्वास्थ्य खर्चों के प्रति निश्चिंत होने के साथ ही शुरुआत से ही कम प्रीमियम का लाभ भी ले सकते हैं।

(और पढ़ें - कैशलेस हेल्थ इन्शुरन्स क्या है)

नेटवर्क अस्पताल

हेल्थ इन्शुरन्स में सबसे महत्वपूर्ण चीज कैशलेस इलाज कराना होता है। जिस कंपनी के नेटवर्क में जितने ज्यादा अस्पताल शामिल होंगे, वहां आपको कैशलेस सुविधा मिलने में उतनी ही आसानी हो सकती है। इस लिहाज से भी देखें तो हेल्थ इन्शुरन्स के सेक्टर में काम कर रही 30 कंपनियों में से केयर हेल्थ इन्शुरन्स टॉप की 5-7 कंपनियों में आती है। केयर इन्शुरन्स कंपनी के कैशलेस नेटवर्क में 7000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं।

(और पढ़ें - क्यों जरूरी है क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स)

क्लेम रेशियो 

कम प्रीमियम और नेटवर्क में ढेरों अस्पताल होना ही किसी इन्शुरन्स कंपनी या प्लान में सबकुछ नहीं है। जब आप अपने लिए हेल्थ इन्शुरन्स चुनते हैं तो इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि मुसीबत के समय कंपनी क्लेम देगी भी या आनाकानी करने लगेगी। इस बात का पता लगाने का सबसे आसान टूल है कंपनियों का क्लेम रेशियो। क्लेम रेशियों को 100 फीसद के आंकड़े में माता जाता है और जो कंपनी इसके जितने ज्यादा करीब होगी, उसके क्लेम सेटलमेंट उतने ही ज्यादा होंगे। myUpchar, केयर हेल्थ इन्शुरन्स के साथ बीमा प्लस पॉलिसी लेकर आया है तो इसके 95.47 फीसद क्लेम रेशियो का फायदा myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी के ग्राहकों को भी मिलेगा। क्लेम रेशियो के मामले में केयर हेल्थ इन्शुरन्स दूसरे नंबर पर है।

ऑनलाइन डॉक्टर कंसल्टेशन 

कोविड-19 के बाद से ऑनलाइन कंसल्टेशन का चलन तेजी से बढ़ा है। हालांकि, इस क्षेत्र में नंबर एक स्थान पर पहले से ही myUpchar का नाम है। myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी के साथ आपको myUpchar के इस एक्सपीरियंस का भी लाभ मिलेगा। इस पॉलिसी के तहत आप मुफ्त में ऑनलाइन कंसल्टेशन ले सकते हैं। यानी इस तरह से आपका ओपीडी खर्च भी बच जाएगा। अन्य पॉलिसी में जहां myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी से प्रीमियम ज्यादा होगा, वहीं ओपीडी भी कवर नहीं होता, जबकि myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी में 15 ऑनलाइन कंसल्टेशन फ्री हैं।

कैशलेस क्लेम और टैक्स छूट

myUpchar बीमा प्लस के तहत आपको 7,000 से अधिक नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस क्लेम की आजादी मिलती है। इसके अलावा अन्य हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी की ही तरह इसमें भी आपके चुकाए गए प्रीमियम पर इनकम टैक्स की धारा 80डी के तहत टैक्स में छूट मिलती है।

(और पढ़ें - कोरोना वायरस इन्शुरन्स में क्या कवर होता है?)

घर तक दवा डिलीवरी

myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी लेने के साथ ही आप जुड़ जाते हैं myUpchar के बड़े दवा वितरण नेटवर्क से। इसके तहत आप ऑनलाइन ही अपने घर पर जेनुअन दवाएं मंगवा सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा इन्शुरन्स के साथ जुड़ी नहीं है। लेकिन myUpchar बीमा प्लस के तहत ऑनलाइन कंसल्टेशन के बाद आपको यहां से दवा ऑर्डर करने का विकल्प आसान लग सकता है। कोरोना के कारण लगी पाबंदियों के चलते ऑनलाइन दवाएं मंगवाना खासा प्रचलित भी हुआ है और यह सुविधाजनक भी है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

myUpchar बीमा प्लस की खास बातें आपने जान ली हैं। अब आपके पास यह पालिसी खरीदने की वजह भी है। ऐसे में कुछ बातें हैं, जिन्हें आपको पॉलिसी खरीदने और क्लेम के दौरान भी याद रखना चाहिए। myUpchar बीमा प्लस में फिलहाल अधिकतम 3 लाख तक का सम-इनश्योर्ड लिया जा सकता है। आप परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक ही प्लान (फ्लोटर प्लान) लेकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए अलग-अलग पॉलिसी खरीद सकते हैं। कुछ अन्य जरूरी बातें भी हैं जो आपको ध्यान रखनी चाहिए -

रूम रेंट कैपिंग - जब आप अस्पताल में भर्ती होते हैं तो वहां कई तरह के रूम उपलब्ध होते हैं। इस पॉलिसी के तहत कुल सम-इनश्योर्ड का एक फीसद यानी तीन लाख की पॉलिसी में 3 हजार रुपये प्रतिदिन तक का रूम आप ले सकते हैं। इसी तरह आईसीयू के लिए आपको 2 फीसद यानी तीन लाख के सम-इनश्योर्ड पर 6 हजार रुपये प्रतिदिन तक का क्लेम मिलेगा। यदि आप तीन हजार से ज्यादा का रूम लेते हैं या आईसीयू का खर्चा प्रतिदिन 6 हजार रुपये से ज्यादा है तो यह अतिरिक्त खर्च आपको अपनी जेब से देना होगा। इसके अलावा महंगे रूम में डॉक्टर, नर्स और स्पेशलिस्ट की फीस भी ज्यादा होती है, ऐसे में आपको यहां भी अतिरिक्त भुगतान स्वयं करना पड़ सकता है।

(और पढ़ें - मेडिक्लेम पॉलिसी और हेल्थ इन्शुरन्स में क्या अंतर है)

हॉस्पिटलाइजेशन - इन-हॉस्पिटलाइजेशन कैशलेस क्लेम के लिए कम से कम 24 घंटे तक आपको अस्पताल में एडमिट रहना होगा। हालांकि, डे-केयर ट्रीटमेंट की सुविधा भी इस पॉलिसी में दी जाती है।

वेटिंग पीरियड्स - कई तरह की गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आपको कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है। अलग-अलग बीमारियों के लिए 12 माह से 36 महीने तक का वेटिंग पीरियड है। इसलिए आपको पॉलिसी बॉन्ड को सावधानीपूर्वक पढ़ लेना चाहिए। 15 दिन के फ्रीलुक पीरियड में आपको यदि पॉलिसी पसंद नहीं आती है तो आप उसे वापस कर सकते हैं।

यह इलाज कवर नहीं होंगे - यदि आपको पहले से कोई चोट है या किसी तरह की विकलांगता है तो उसका इलाज इस पॉलिसी के तहत कवर नहीं होगा। ऐसे किसी ट्रीटमेंट के लिए भी क्लेम नहीं दिया जाता, जो इलाज की कैटेगरी में नहीं आता। यदि आप लिंग परिवर्तन करवाना चाहते हैं तो यह पॉलिसी आपकी मदद नहीं करेगी। किसी तरह के कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के लिए भी आप क्लेम नहीं कर सकते। 

देश से बाहर इलाज - यदि आप किसी बीमारी के इलाज के लिए विदेश जाते हैं तो उसके लिए कंपनी आपको क्लेम नहीं देगी। इसके अलावा ओपीडी के लिए भी आप क्लेम नहीं कर सकते।

(और पढ़ें - क्रिटिकल इलनेस इन्शुरन्स क्या है)

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें