बीमारियां कभी भी बताकर नहीं आती हैं और अक्सर ऐसे समय पर ही आती हैं जब हमें उनका कोई अंदाजा न हो। ऐसे में हम सिर्फ मानसिक रूप से ही नहीं बल्की वित्तीय रूप से भी प्रभावित हो जाते हैं। लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए अस्पताल में जाकर इलाज कराना इतना आसान नहीं है। लेकिन मजबूरी में एक आम आदमी को अपनी सारी सेविंग देनी पड़ सकती है। कुछ बीमारियों के इलाज इतने महंगे होते हैं, जो सिर्फ सेविंग ही नहीं खाते बल्कि कुछ समय के लिए आपको कर्जदार भी बना सकते हैं। इतना ही नहीं कुछ बीमारियों को जीवनभर इलाज की आवश्यकता पड़ती है, जिस पर होने वाले मेडिकल खर्च व्यक्ति को वित्तीय रूप से उबरने नहीं देते हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है थायराइड

थायराइड हमारे शरीर का आवश्यक अंग है, जो शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रोसेस (चयापचय प्रक्रिया) को सामान्य गति में बना कर रखता है। लेकिन कुछ स्थितियों में जब इसमें कोई गड़बड़ी हो जाती है, तो यह ठीक से काम नहीं कर पाता है और परिणामस्वरूप मेटाबॉलिज्म प्रोसेस की गति सामान्य स्तर से तीव्र या धीमी पड़ जाती है। इसी चयापचय प्रक्रिया को सामान्य दर पर रखने के लिए नियमित दवाएं व ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है, जो एक आम आदमी के लिए महंगी साबित हो सकती है।

इस लेख में हम इसी बारे में चर्चा करने वाले हैं कि किस प्रकार एक उचित हेल्थ इन्शुरन्स प्लान आपको थायराइड जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के मेडिकल खर्च से बचाने में मदद करता है। हालांकि, इस बारे में जानने से पहले हमें थोड़ा थायराइड ग्रंथि व उससे होने वाले रोगों के बारे में जान लेना चाहिए ताकि हम हेल्थ इन्शुरन्स प्लान से मिलने वाले फायदों के बारे में अच्छे से समझ पाएं -

  1. थायराइड ग्रंथि क्या है - What is Thyroid gland in Hindi
  2. क्या थायरायड रोगों का इलाज संभव है - Is Thyroid disease curable in Hindi
  3. थायराइड के मरीजों के लिए हेल्थ इन्शुरन्स किस प्रकार फायदेमंद है - How Health Insurance is beneficial for the thyroid patient in Hindi
  4. थायराइड मरीज को हेल्थ इन्शुरन्स लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए - What should a thyroid patient keep in mind while buying Health Insurance in Hindi

थायराइड एक छोटी ग्रंथि है, जो गर्दन के आगे वाले हिस्से में स्थित होती है। इसका आकार तितली जैसा है, जो बीच में छोटा और दोनों तरफ से बड़ा होता है। यदि यह सामान्य आकार में हो तो बाहर से दिखाई नहीं देती है और इसका आकार बढ़ने या सूजन आने पर यह गर्दन के बाहरी हिस्से में दिखने लगती है। थायराइड का मुख्य कार्य हार्मोन बनाना होता है और इसका आकार कम या ज्यादा होने पर हार्मोन बनाने की मात्रा भी कम या ज्यादा हो जाती है।

थायराइड ग्रंथि में मुख्य रूप से दो प्रकार की समस्याएं ही होती हैं, हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म। इनके लक्षण निम्न प्रकार हैं -

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हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, दवाओं और अन्य इलाज प्रक्रियाओं की मदद से इसके लक्षणों को ठीक किया जा सकता है। डॉक्टर आपको दवाएं देते हैं, जिन्हें जीवनभर खाना पड़ता है या फिर तब खाना पड़ता है जब तक आपको लक्षण महसूस हों। दवाओं के साथ-साथ आपको डाइट में कुछ विशेष बदलाव करने को भी कहा जा सकता है।

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कुछ अध्ययन बताते हैं कि लगभग 32 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी थायराइड समस्या से प्रभावित हैं और यही संकेत दर्शाता है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इससे प्रभावित हुई हैं। इस रोग से प्रभावित व्यक्ति को जीवनभर दवाएं खानी पड़ती हैं, जो उसकी जेब को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए एक उचित हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना जरूरी है, जो थायरायड संबंधी समस्याओं पर कवरेज दे। यदि आपको थायराइड संबंधी कोई रोग है और आपने स्वास्थ्य बीमा भी खरीदा हुआ है, जिसमें इसकी कवरेज शामिल है, तो आप निश्चिंत होकर इलाज करा सकते हैं।

हालांकि, आपको जीवनभर सिर्फ दवाएं ही नहीं खानी हैं इसके साथ-साथ नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करना और विभिन्न प्रकार के टेस्ट भी कराना भी शामिल है। इसलिए यदि आप या परिवार में से कोई सदस्य थायराइड संबंधी समस्या से ग्रस्त है, तो उसके लिए एक उचित हेल्थ इन्शुरन्स प्लान कवरेज जरूरी हैं ताकि कोई वित्तीय समस्या न हो पाए।

यदि कोई हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो myUpchar बीमा प्लस आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें ग्राहक को कम से कम प्रीमियम पर अधिक से अधिक कवरेज दी जाती है। myUpchar बीमा प्लस गंभीर बीमारियों, आईसीयू, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के मेडिकल खर्च पर कवरेज प्रदान करता है। इसके अलावा इस बीमा पॉलिसी के तहत आपको 24x7 फ्री टेली ओपीडी की भी सुविधा मिलती है।

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थायराइड जैसे दीर्घकालिक रोग के लिए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना एक अच्छा विकल्प है। लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है जैसे -

  • इंक्लूजन -
    ऐसी स्थितियों में हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदते समय इंक्लूजन पर ध्यान देना सबसे जरूरी है। यदि आप थायराइड ट्रीटमेंट के लिए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह पता लगा लें कि इस बीमारी को प्लान में शामिल किया जा रहा है या नहीं। ऐसा न होने पर आपको बाद में परेशानी उठानी पड़ सकती है।
     
  • कवरेज -
    यदि आपकी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी आपको कम कवरेज दे रही है, तो हो सकता है जरूरत के समय आपको कुछ खर्च अपनी जेब से भी करना पड़ जाए। इसलिए ऐसी कंपनी से हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदें जो आपको अधिक से अधिक कवरेज प्रदान करे।
     
  • प्रीमियम -
    थायराइड के लिए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने से पहले उसमें यह भी देखना जरूरी है कि आपको कितना प्रीमियम भरना है। आपको कम से कम प्रीमियम वाले हेल्थ इन्शुरन्स प्लान का चुनाव करना है, हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि बेनेफिट्स में कोई कटौती न हो। आप प्रीमियम कितनी अवधि में भरना चाहते हैं, इस बारे में भी कंपनी से पुष्टि कर लें।

इस प्रकार जब आप थायराइड के इलाज के लिए कोई हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने जा रहे हैं, तो उसके बारे में पहले अच्छे से जान लें। सभी दस्तावेजों को पढ़ें, कुछ भी समझ न आने पर ग्राहक सेवा अधिकारी से बात करें और संभव हो तो किसी जानकार व्यक्ति से सलाह लें।

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