पॉलिसी खरीदने के बाद निम्न बातों का रखें ध्यान -
पॉलिसी को क्रॉस चेक करें
एक बार जब बीमा कंपनी द्वारा प्रपोजल स्वीकार कर लिया जाता है, तो पॉलिसी बॉन्ड उचित समय के भीतर आप तक पहुंच जाना चाहिए, यदि ऐसा नहीं होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि इस बारे में बीमा कंपनी से संपर्क करें।
- जब पॉलिसी बॉन्ड मिल जाता है, तो इसकी जांच करें और सुनिश्चित करें कि पॉलिसी वही है जो आप चाहते थे।
- यदि आपको पॉलिसी बॉन्ड में किसी तरह का संदेह है, तो स्पष्टीकरण के लिए तुरंत मध्यस्थ/बीमा कंपनी के अधिकारी से संपर्क करें।
- यदि आवश्यक हो तो सीधे बीमा कंपनी से संपर्क करें।
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नेटवर्क हॉस्पिटल के बारे में पता करें
एक पॉलिसीधारक की जिम्मेदारी होती है कि वह पॉलिसी लेने के बाद सबसे पहले नेटवर्क हॉस्पिटल की सूची देखकर यह जानकारी रखे कि उसके आसपास का कौन सा अस्पताल बीमा कंपनी के साथ सूचीबद्ध यानी लिंक है। ताकि इमर्जेंसी पड़ने पर यदि संभव हो तो उसी अस्पताल में जाया जा सके। इसके अलावा यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि आप जिस अस्पताल में जाना चाहते हैं, क्या वहां उस बीमारी का इलाज होता भी है या नहीं। myUpchar बीमा प्लस के तहत आपको 8300 से भी ज्यादा नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस क्लेम की सुविधा मिलती है।
एक्सक्लुजन लिस्ट के बारे में रहें सावधान
एक्सक्लुजन ऐसे मामले होते हैं, जिनके लिए बीमा कंपनी कवरेज नहीं देती है। इसलिए ग्राहकों की यह जिम्मेदारी है कि वह एक्सक्लुजन लिस्ट जरूरी चेक करें, ताकि उन्हें जानकारी रहे कि वे किस प्रकार की बीमारी/ मेडिकल कंडीशन या ट्रीटमेंट के लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं।
संभालकर रखें डॉक्यूमेंट
क्लेम जैसे महत्वपूर्ण मामलों में आपको डॉक्यूमेंट्स को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। यह बीमा कराने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह बीमा से संबंधित सभी दस्तावेजों को संभालकर रखें, क्योंकि क्लेम करते समय जिन मामलों में जरूरी कागजात नहीं होते हैं, उनमें क्लेम को रद्द कर दिया जाता है। आमतौर पर इन कागजातों में सर्जरी व दवाइयों से जुड़े बिल, अस्पताल में भर्ती व डिस्चार्ज के पेपर, पूर्व-प्राधिकरण फॉर्म (preauthorization form), और पॉलिसी कार्ड शामिल हैं।
आप चाहें तो जैसे आमतौर पर घरों में दवाइयों के लिए अलग से मेडिकल बॉक्स होता है, वैसे ही इमर्जेंसी दस्तावेजों को भी शुरू से एक जगह रख सकते हैं और इसके बारे में कम से कम एक सदस्य को जरूर बताएं।
जरूरी है समय पर क्लेम करना
क्लेम करना और समय पर क्लेम करना, दोनों में अंतर है। पॉलिसी बॉन्ड में इस बारे में जानकारी दी होती है कि आपको कब क्लेम करना चाहिए। आमतौर पर जब आप प्लान करके नेटवर्क अस्पताल में भर्ती होने की सोचते हैं, तो अपने टीपीए को दो दिन पहले, जबकि अचानक से भर्ती होने के मामले में आपको 24 घंटे के अंदर टीपीए को जानकारी देने की जरूरत होती है। क्योंकि देर से क्लेम करने से क्लेम रद्द होने का जोखिम बना रहता है।
(और पढ़ें - टॉप अप हेल्थ इन्शुरन्स क्या है?)
पॉलिसी रिन्यू करना न भूलें
एक जिम्मेदार बीमा पॉलिसीधारक होने के नाते आपको पॉलिसी रिन्यू का समय पता होना चाहिए। आमतौर यह समय एक वर्ष के लिए होता है, इसके बाद आपको रिन्यू कराने की जरूरत होती है। बता दें, लगभग सभी बीमा कंपनियां ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड से पॉलिसी रिन्यू कराने की फैसिलिटी देती हैं। यदि आपने समय रहते रिन्यू नहीं कराया है और उस दौरान क्लेम करने की जरूरत पड़ती है, तो ऐसे में क्लेम खारिज किया जा सकता है।