मेडिक्लेम और हेल्थ इन्शुरन्स को आमतौर पर एक-दूसरे के पूरक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जबकि ये दोनों बिल्कुल अलग हैं। दोनों में सबसे बड़ा अंतर तो यही है कि मेडिक्लेम सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन से संबंधित खर्चों को कवर करता है। जबकि हेल्थ इन्शुरन्स इससे बिल्कुल अलग प्रोडक्ट है और यह हॉस्पिटलाइजेशन के अलावा भी कई अन्य कवरेज भी देता है।
क्या कवरेज मिलता है
एक्सीडेंट की वजह से अस्पताल में भर्ती होने, प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज (तय समय के बाद) और अन्य इमरजेंसी में मेडिक्लेम पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। दूसरी ओर हेल्थ इन्शुरन्स में अस्पताल के खर्चे तो कवर होते ही हैं। इसके अलावा प्री हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्चे, एम्बुलेंस फीस जैसे कई खर्चों को क्लेम किया जा सकता है। इसके अलावा एक्सीडेंट होने की वजह से आपकी आमदनी बंद होने पर उसके लिए भी कॉम्पनसेशन देता है।
एडऑन कवरेज
मेडिक्लेम पॉलिसी में किसी भी तरह का एडऑन कवरेज नहीं मिलता है। क्रिटिकल इलनेस कवरेज, मैटरनिटी कवरेज, पर्सनल एक्सीडेंट कवरेज और एक्सीडेंटल डिसैब्लिटी कवरेज जैसे कई एडऑन मिलकर हेल्थ इन्शुरन्स को बेहतर बनाते हैं।
फ्लैक्सीब्लिटी
फ्लैक्सीब्लिटी के मामले में भी मेडिक्लेम पॉलिसी आपको निराश ही करेगी। जबकि दूसरी तरफ हेल्थ इन्शुरन्स में आपको भरपूर फ्लैक्सीब्लिटी (लचीलापन) मिलता है। यदि आप चाहें तो एक तय समय के बाद आप अपने हेल्थ इन्शुरन्स प्लान का प्रीमियम घटा सकते हैं। आप अपनी पॉलिसी की अवधि भी बदल सकते हैं, ताकि आप लंबे समय तक इन्शुरन्स के लाभ उठा सकें।
प्लान के फीचर्स
मेडिक्लेम पॉलिसी के अंतर्गत अलग-अलग इन्शुरन्स कंपनियां अपने ग्राहकों को अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। दूसरी ओर हेल्थ इन्शुरन्स के मामले में आम तौर पर एक जैसे सम-इनश्योर्ड के लिए सभी कंपनियों की सुविधाएं लगभग एक-जैसी ही होती हैं।
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क्रिटिकल इलनेस कवर
मेडिक्लेम पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस को कवर नहीं किया जाता है। जबकि हेल्थ इन्शुरन्स में 30 से ज्यादा गंभीर बीमारियों (कैंसर, स्ट्रोक, किडनी फेलियर, इन्सेफेलाइटिस, पोलियो, पार्किंसन, अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस आदि) के लिए क्रिटिकल इलनेस कवर मिलता है।
सम इनश्योर्ड
मेडिक्लेम पॉलिसी में आपको अधिकतम 5 लाख तक का ही सम-इनश्योर्ड मिलता है, यानी इससे ज्यादा का सम-इनश्योर्ड आप चाहकर भी नहीं ले सकते। बढ़ती महंगाई के चलते स्वास्थ्य पर होने वाले बड़े खर्चों को हेल्थ इन्शुरन्स के माध्यम से अच्छी तरह से मैनेज किया जा सकता है। क्योंकि हेल्थ इन्शुरन्स में आप अधिकतम 6 करोड़ रुपये तक का सम-इनश्योर्ड ले सकते हैं।
क्लेम
मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत आप अधिकतम अपने सम-इनश्योर्ड तक ही क्लेम कर सकते हैं। जबकि क्रिटकल इलनेस या एक्सीडेंट के कारण डिसेब्लिटी होने पर आपको हेल्थ इन्शुरन्स के तहत एक लम-सम अमाउंट भी दे दिया जाता है।
हॉस्पिटलाइजेशन
मेडिक्लेम पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए आपका कम से कम 24 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी होता है। हेल्थ इन्शुरन्स के मामले में आप डे-केयर प्रोसेड्योर कवर का लाभ ले सकते हैं और इसके लिए आपका अस्पताल में भर्ती होना भी आवश्यक नहीं है।