हेल्थ इन्शुरन्स अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करता है। बीमाकर्ता कंपनी आपको हेल्थ इन्शुरन्स प्लान देकर यह सुनिश्चित करती है कि आपको मेडिकल खर्च पर कवरेज मिल रही है। कुछ कंपनिया समय-समय पर आपसे फीडबैक भी मांगती हैं, जो आमतौर अपनी गुडविल बनाए रखने के लिए किया जाता है। हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदकर आपको अस्पताल के खर्च की टेंशन नहीं रहती है और कोई भी मेडिकल इमर्जेंसी होने पर आप बिना सोचे अस्पताल में जाकर इलाज करवा सकते हैं। लेकिन, क्या कभी सोचा है कि एक हेल्थ इन्शुरन्स प्लान आपको मेडिकल खर्च पर कवरेज के अलावा अन्य लाभ भी दे सकता है? जी हां! यह बिलकुल सच है और आज हम इसी बारे में बात करने वाले हैं।

हेल्थ इन्शुरन्स आपको सिर्फ मेडिकल खर्चों से ही सुरक्षित नहीं रखता है, बल्कि आपके आयकर को कम करने में भी मदद करता है। टैक्स से मिलने वाली छूट के कारण भारत में हेल्थ इन्शुरन्स प्लान काफी प्रचलित भी हुआ है। जब आप कोई उपयुक्त हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीद लेते हैं, तो आपको प्रीमियम के भुगतान के दौरान टैक्स पर विशेष छूट भी मिलती है।

हालांकि, सिर्फ टैक्स में छूट पाने के लिए ही हेल्थ इन्शुरन्स प्लान को नहीं खरीदना चाहिए। कुछ लोग सिर्फ टैक्स में छूट पाने के लिए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान लेते हैं और उससे मिलने वाले लाभ को छोड़ देते हैं। इस लेख में हम आपको हेल्थ इन्शुरन्स खरीदने पर मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स के बारे में बताएंगे।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स कौन सा है?

  1. सेक्शन 80डी में बीमाधारक को आयकर में क्या लाभ मिलते हैं - What are the income tax benefits for insured under the section 80D in Hindi
  2. हेल्थ इन्शुरन्स में अधिकतम आयकर लाभ कैसे पाएं - How to get maximum income tax benefits in health insurance in Hindi
  3. हेल्थ इन्शुरन्स व इनकम टैक्स के बारे में किन बातों का रखें ध्यान - Thin to notice for Health insurance and income tax in Hindi
  4. इनकम टैक्स स्लैब क्या है? - What is income tax slab in Hindi
  5. इनकम टैक्स की पात्रता को कैसे निर्धारित किया जाता है - What eligibility for income tax in Hindi

सेक्शन 80डी के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

वित्तीय वर्ष के आयकर कानूनों के अनुसार, आपको हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में टैक्स बेनेफिट्स कुछ इस प्रकार मिलते हैं -

  • इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80डी के अनुसार यदि आपके माता-पिता की आयु 60 साल से अधिक व आपकी 60 साल से कम है और आप उनके लिए प्रीमियम भरते हैं तो आपको 80,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है। इस छूट में आमतौर पर सालाना नियमित हेल्थ चेकअप भी शामिल होते हैं।
  • यदि आपकी उम्र भी 60 साल से अधिक है और आप अपने माता या पिता (या फिर दोनों) के लिए हेल्थ इन्शुरन्स का प्रीमियम भरते हैं तो आपको टैक्स में 1,00,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है।
  • यदि आपके माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है, तो आयकर कानून आपको अपने माता-पिता के नियमित हेल्थ चेकअप में होने वाले मेडिकल खर्च में 5000 रुपये तक की छूट प्रदान करता है।
  • यदि आपकी उम्र 60 साल या उससे भी अधिक है और आप अपने माता पिता की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाते हैं, जिनकी उम्र 80 साल या उससे अधिक है तो ऐसे में आयकर कानून के अनुसार आपको टैक्स में 1,00,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स और लाइफ में क्या अंतर है)

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हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने पर अधिकतम टैक्स बेनेफिट्स कैसे पाएं?

हेल्थ इन्शुन्स आपको मेडिकल संबंधी कई मुख्य लाभ प्रदान करता है, जो आपको व आपके परिवार के सिर्फ स्वास्थ्य को ही सुरक्षित रखने में मदद नहीं करता, बल्कि यह वित्तीय रूप से भी काफी मदद कर सकता है। यदि आप हेल्थ इन्शरन्स पॉलिसी के धारक हैं जो आपको, आपकी पत्नी/पति और बच्चों को कवर करती है और सबकी उम्र 60 साल से कम है तो आपको इनकम टैक्स पर 25,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है।

यदि आपके माता-पिता भी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में शामिल हैं, जिनकी उम्र 60 साल के कम है, तो ऐसे में आप टैक्स बैनिफिट्स के तौर पर 50,000 रुपये तक की छूट का क्लेम कर सकते हैं। यदि आपके माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है और वे भी हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में शामिल हैं, तो आपको इनकम टैक्स में 75000 रुपये की छूट मिल सकती है।

हालांकि, यदि आपके माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है, तो संभावना है कि कुछ विशेष स्थितियों में आपको टैक्स में एक लाख रुपये तक की छूट भी मिल सकती है।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स कौन सा है?

हेल्थ इन्शुरन्स व इनकम टैक्स के बारे में ध्यान रखने योग्य कुछ बातें

यदि आप हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं या फिर आप पहले से ही बीमा धारक हैं, लेकिन आपको इसके अंतर्गत टैक्स में मिलने वाली छूट से संबंधित जानकारी नहीं है तो निम्न बातों का ध्यान रखें -

  • पॉलिसी के दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और उसमें टैक्स पर छूट से संबंधी सभी जानकारियों को अच्छे से समझें।
  • जितना संभव हो सके हेल्थ इन्शुरन्स के प्रीमियम का भुगतान कैश में न करें
  • सेक्शन 80डी के अंतर्गत आप किसी भी स्थिति में 1,00,000 रुपये से ऊपर की छूट प्राप्त नहीं कर सकते हैं (यह भी तब संभव है जब आप व आपके माता-पिता सीनियर सीटिजन की श्रेणी में आते हैं)
  • एचयूएफ (हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली) के तहत परिवार के किसी भी सदस्य का हेल्थ इन्शुरन्स बीमा करवाने पर टैक्स में छूट पाने के लिए क्लेम किया जा सकता है।
  • कटौती का लाभ उठाने के लिए प्रीमियम का भुगतान आप नकद के अलावा किसी अन्य तरीके (जैसे ऑनलाइन) से कर सकते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य जांच के लिए किया जाने वाले खर्च को कैश में किया जा सकता है।
  • सेक्शन 80डी के अंतर्गत मिलने वाले लाभ सेक्शन 80सी से अतिरिक्त हैं, जिसमें 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है।
  • सीनियर सीटिजन के हेल्थ इन्शुरन्स से कटौती के रूप में प्राप्त हुई अतिरिक्त राशि को मेडिकल खर्च के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यदि हेल्थ इन्शुरन्स के प्रीमियम का भुगतान एक ही बार में किया गया है, तो वह कई वर्षों तक इन्शुरन्स कवर के रूप में लाभ प्रदान करता है।

(और पढ़ें - मेडिक्लेम इन्शुरन्स क्या है)

इनकम टैक्स स्लैब को समझें

इनकम टैक्स एक शुल्क राशि है, जिसे एक या कई व्यक्तियों के समूह द्वारा उनकी आय व लाभ के स्तर के आधार पर भरा जाता है। आयकर को आमतौर पर वित्तीय वर्ष की अवधि के अनुसार भरा जाता है, जो वास्तविक, काल्पनिक या दोनों हो सकता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भारत सरकार ने आयकर की दरें तय की हैं। भारत में इनकम टैक्स एक स्लैब सिस्टम पर आधारित है, जिसके अनुसार करदाताओं को भुगतान करना होता है। टैक्स स्लैब सिस्टम की मदद से प्रत्येक व्यक्ति को उनकी आय के आधार पर टैक्स चुकाना होता है।

केंद्रीय बजट के अनुसार करदाताओं के लिए आयकर कुछ इस प्रकार लागू किया जाता है -

नए टैक्स रिजीम के अनुसार वार्षिक आय दर
2.5 लाख रुपये तक 0
2.5 से 5 लाख तक 5%
5 से 7.50 लाख तक 10%
7.50 से 10 लाख तक 15%
10 से 12.50 लाख तक 20%
12.5 से 15 लाख तक 25%
15 लाख से ज्यादा 30%

 

पुराने टैक्स रिजीम के अनुसार वार्षिक आय दर
2.5 लाख रुपये तक 0
2.5 से 5 लाख तक 5%
5 से 10 लाख तक 20%
10 लाख से ज्यादा

30%

 

60 से 80 साल उम्र के भारतीय के लिए इनकम टैक्स स्लैब

वार्षिक आय दर
3 लाख 0
3 से 5 लाख 5%
5 से 10 लाख 20%
10 लाख व उससे ऊपर 30%
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इनकम टैक्स के लिए पात्रता

इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार हर भारतीय जिसकी उम्र 60 साल से कम है और उसकी सालाना आय 2.5 लाख से अधिक है, वह आयकर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। यदि आपकी उम्र ज्यादा है और आपकी वार्षिक आय 2.5 से अधिक है, तो आपके लिए टैक्स का भुगतान करने के अलग योजना हो सकती है।

इनकम टैक्स व्यक्ति के भुगतान करने की क्षमता पर ही निर्भर करता है, जिसका मतलब है कि टैक्स को हर साल व्यक्ति की आय के अनुसार कम ज्यादा किया जाता है। जिस प्रकार व्यक्ति की आय बढ़ती है उसी प्रकार उसका इनकम टैक्स भी बढ़ जाता है।

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