कोई भी फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले आपको अच्छे से रिसर्च करनी चाहिए। क्योंकि हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में नियम और शर्तें काफी जटिल होती हैं। कहीं ऐसा न हो कि आप जल्दबाजी में कोई पॉलिसी खरीद लें और आपको बाद में इलाज मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़े। इसलिए फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें -
क्या और कितना कवर मिलेगा
जब आप विभिन्न इन्शुरन्स कंपनियों के फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स के बीच तुलना करेंगे तो बेसिक कवरेज की एक लिस्ट बना लें। आमतौर पर सभी हेल्थ प्लान में डे-केयर, हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चे और एम्बुलेंस फीस कवर होती हैं। यह पहले ही सुनिश्चित कर लें कि एम्बुलेंस कवर कितना मिलेगा और हॉस्पिटल रूम या आईसीयू में भर्ती होने पर कितने तक का क्लेम मिलेगा। अगर आप युवा हैं और भविष्य में बच्चे चाहते हैं तो आपको मैटरनिटी कवर के साथ ही न्यू-बॉर्न बेबी कवर लेना चाहिए। आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपकी प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज कवर हो रही हैं या नहीं, कितने वेटिंग पीरियड के बाद कवर होंगी आदि।
भविष्य में सम इनश्योर्ड बढ़ाने का विकल्प
दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ रही है, इसी तरह से इलाज का खर्च भी बढ़ रहा है। ज्यादातर इन्शुरन्स कंपनियां भविष्य में सम-इनश्योर्ड बढ़ाने का विकल्प देती हैं। कई बार कंपनियां सम-इनश्योर्ड बढ़ाने का विकल्प तो देती ही हैं, साथ ही पूरे साल क्लेम न लेने पर आपका सम-इनश्योर्ड स्वयं भी बढ़ा देती हैं।
कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा
जब आप अलग-अलग फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स में तुलना कर रहे हों तो यह भी देखें कि किस कंपनी के नेटवर्क में कुल कितने अस्पताल आते हैं। जिस कंपनी के नेटवर्क में जितने ज्यादा और अच्छे अस्पताल होंगे, उतना ही आसान आपके लिए कैशलेस क्लेम लेना होगा। इसके साथ ही आपको यह भी देखना चाहिए कि आपके निवास के आसपास के अस्पताल इस लिस्ट में हैं या नहीं।
लाइफलॉन्ग रिन्यु
कुछ हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां सिर्फ 60-65 साल तक ही पॉलिसी रिन्यु कराने का विकल्प देती हैं। हालांकि, आजकल कुछ कंपनियां ताउम्र (जब तक आप जीवित रहेंगे) पॉलिसी रिन्यु कराने का आश्वासन देती हैं। अधिक उम्र में आपको हेल्थ इन्शुरन्स की जरूरत ज्यादा हो सकती है, इसलिए ऐसा प्लान लें जो आपके जीवित रहने तक हमेशा रिन्यु हो सके।
आसान क्लेम सेटलमेंट
हालांकि, सभी कंपनियां आईआरडीए के नियमों के तहत ही काम करती हैं। फिर भी क्लेम प्रोसेस में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है। आप जिस भी कंपनी का चुनाव करें, ध्यान रखें कि उसका क्लेम प्रोसेस आसान हो, क्लेम रेशियो अच्छा (100 फीसद के करीब) हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कंपनी पर भरोसा हो।