कैंसर इन्शुरन्स या कैंसर केयर पॉलिसी एक खास किस्म की पॉलिसी है, जिसे कैंसर पीड़ितों को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। फ्रीलुक पीरियड खत्म होने के बाद यदि पॉलिसीधारक में कैंसर का निदान होता है तो पॉलिसी के नियम और शर्तों के अनुसार पॉलिसीधारक को इस पॉलिसी से वित्तीय मदद मिलेगी। यह इन्शुरन्स कैंसर के निदान और इलाज से जुड़े विभिन्न खर्चों, जिसमें हॉस्पिटल में भर्ती होना, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी आदि भी शामिल हैं के प्रति कवर प्रदान करता है।
निदान के अलग-अलग चरण जैसे - माइनर, मेजर और क्रिटिकल स्टेज के अनुसार ही कैंसर इन्शुरन्स के तहत पैसा दिया जाता है। हालांकि, आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि लाइफ इन्शुरन्स से बिल्कुल उलट कैंसर इन्शुरन्स पॉलिसी में किसी तरह का डेथ बेनिफिट, मिच्योरिटी या सरेंडर बैनिफिट नहीं मिलता है। वास्तव में, यह इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने के वास्तविक खर्च तक भी सीमित नहीं है।
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कैंसर इन्शुरन्स पॉलिसी लेने के लिए सबसे बड़ी पात्रता यह है कि आपको पहले से कैंसर नहीं होना चाहिए। यहां तक कि जिन लोगों को पहले कैंसर हो चुका है और उसका इलाज भी हो चुका है, वे भी कैंसर पॉलिसी नहीं ले सकते हैं। इस बात को छिपाकर यदि आप पॉलिसी लेते हैं तो भविष्य में पॉलिसी रद्द होने या क्लेम न मिलने के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।